एक मासूम बच्ची बागी, कैसे बनी कल्‍पेश याग्निक की हत्‍यारिन

बिटिया खबर
: पिता से झगड़े के बाद उसने अपने हाथ में ब्लेड से 21 घाव किए थे : ग्वालियर निवासी बिजनेस मेन भोला से 2001 में उसकी शादी : शादी के अगले दिन ही सलोनी घर से भाग गई : कलम में छिनरपन- आठ :

दोलत्‍ती संवाददाता
इंदौर : (गतांक से आगे) जाहिर है आम बच्चियों की तरह सलोनी भी बचपन में मासूम ही थी। हालांकि तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी सलोनी को घर में कभी प्यार भरा माहौल नहीं मिला। घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी, लेकिन इन बच्चों के हिस्से अपने पिता का केवल दुर्व्यवहार और अभाव ही आता था। सलोनी के शराबी पिता को अपने परिवार से अच्छी-खासी जायदाद मिली थी, जिसका पूरा उपयोग उसने अपनी अय्याशी में किया। सलोनी के एक करीबी जिनसे कई साल पहले सलोनी ने खुद अपने घर की हकीकत बयां करते हुए बताया था, उनका कहना है कि उनके घर में बच्चों के लिए दूध भले ही न रहता हो, लेकिन शराब हमेशा रहती थी। फिर शराबी पिता का मां को मारना, बेइज्जत करना सलोनी को अंदर तक हिला देता था। यहीं से उसके मन में पुरुषों के प्रति जो नकारात्मकता भरी, वो फिर कभी गई नहीं। यहीं से सफर शुरू हुआ उसके बागी होने का…
15-16 साल की उम्र में नीमच जैसे छोटे से कस्बे में उसने 90 के दशक में जो जिंदगी जीनी शुरू की थी, वो आज के मेट्रोसिटी के टीनएजर्स की जिंदगी से कम नहीं थी। अपने दोस्तों के साथ देर रात तक घूमने जैसी बातें, उसके लिए आम थीं। किसी भी बात पर घर में झगड़ा करना और अपनी जिद मनवाने के लिए किसी भी हद तक जाना उसका स्वभाव बन गया था। उसके एक करीबी बताते हैं कि एक बार घर में पिता से झगड़े के बाद उसने अपने हाथ में ब्लेड से 21 घाव किए थे। इसी से पता चलता है कि वो दूसरों को और खुद को किसी भी हद तक नुकसान पहुंचाने में पीछे नहीं हटती थी। होशियार तो वो थी ही, लेकिन उसने इस होशियारी का इस्तेमाल निगेटिविटी में किया और फिर इसी रास्ते पर साल-दर-साल आगे बढ़ती गई।
जब उसकी शादी की बात चली, तो अपने भावी पति को उसने अपनी और अपने परिवार की एक-एक बात साफगोई से बताई। उससे कहा कि तुम्हारी शादी एक बहुत ही गंदे घर में हो रही है, जहां औरतों की इज्जत नहीं होती। साथ ही गिड़गिड़ाई भी कि मुझे इस दलदल से निकाल लो। ग्वालियर निवासी बिजनेस मेन भोला से 2001 में उसकी शादी हो गई। शादी से एक रात पहले बाप-बेटी ने भोला से एक लाख रुपए की डिमांड कर दी। जैसे-तैसे घरवालों की मान-मनौव्वल करके शादी कर रहे भोला ने अपनी इज्जत बचाने के लिए पैसे दे दिए। उसके बाद सलोनी की अजीबो-गरीब हरकतों, जिद और झगड़ों का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसने भोला और उसके परिवार की जिंदगी को नरक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शादी के अगले दिन ही सलोनी घर से भाग गई।
दूल्हा बने भोला को सेहरा उतारे कुछ घंटे भी नहीं बीते थे और शादी की खुशियां छोड़ वो अपनी दुल्हन को पूरे शहर में ढूंढ रहे थे। शाम तक सलोनी मिल तो गई, लेकिन तब तक घर की इज्जत पर बट्‌टा लग चुका था। उसके बाद तो छोटी-छोटी बातों पर तूफान खड़ा कर देना उसकी आदत बन गई। इस दौरान उसने बिना किसी को बताए बिना एक अबॉर्शन भी करा लिया। कुछ समय बाद वो दूसरी बार प्रेग्नेंट हुई और एक बेटे को जन्म दिया। लेकिन पति और उसके परिजनों से रिश्ते बिगड़ते ही गए। घर की बदनामी करने में भी उसने कोई कसर नहीं छोड़ी। सारे रिश्तेदारों से और गुरुद्वारे में जाकर वो ससुराल वालों की बुराई करती थी और खुद की मासूमियत के दावे करती थी। (क्रमश:)

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