यूपी लोकसेवा आयोग अध्‍यक्ष पर लटकी इस्‍तीफे की तलवार, कुर्सी के लिए झौं-झौं शुरू

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: आयोग अध्‍यक्ष अनिरूद्ध यादव को मुख्‍यमंत्री कार्यालय ने लखनऊ तलब किया : अब भाजपा सरकार के पाले में जाएगी आयोग के अध्‍यक्षी की कुर्सी : नये अध्‍यक्ष के लिए आयोग में छिड़ गयी शतरंजी बिसात पर जोरदार घमासान :

कुमार सौवीर

लखनऊ : इलाहाबाद में चल रही जोरदार चर्चाओं के मुताबिक यूपी लोक सेवा आयोग के अनिरूद्ध यादव को नयी योगी-सरकार ने लखनऊ तलब कर लिया है। खबरों के अनुसार लखनऊ बुला कर अनिरूद्ध यादव को आयोग के अध्‍यक्ष के पद से त्‍याग-पत्र देने को कहा जा सकता है। इसके साथ ही आयोग के नये अध्‍यक्ष के लिए जोड़-तोड़ का सिलसिला तेज हो चुका है। लेकिन अब केवल चर्चाओं में ही सीमित है कि नया अध्‍यक्ष आयोग के मौजूदा सदस्‍यों में ही बनाया जाएगा, अथवा किसी बाहरी को भी यह कुर्सी थमायी जा सकती है।

तो ताजा खबर यह है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा लखनऊ तलब कर लिया गया है। चर्चाओं के अनुसार  अनिरुद्ध यादव से सरकार इस्तीफा ले सकती है। हालांकि अब तक स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि अनिरूद्ध यादव रविवार को ही लखनऊ रवाना हो जाएंगे, या फिर उनकी रवानगी सोमवार को होगी। कुछ भी हो, आयोग के सूत्र बताते हैं कि आयोग के अध्‍यक्ष के कार्यालय में फाइलों को छांटने-बीनने और पूरा कार्यालय की साफ-सफाई का काम तेजी पर है। आपको बता दें कि अनिरूद्ध यादव की तैनाती पिछली अखिलेश सरकार ने की थी। उसके साथ ही आयोग के कई सदस्‍यों को भी सरकार ने आयोग की कुर्सियां थमा दी थीं।

लेकिन इसके साथ ही आयोग में नये अध्‍यक्ष की तैनाती को लेकर अटकलें छिड़ चुकी हैं। सूत्र बताते हैं कि आयोग में तैनात एक रिटायर्ड पुलिस अफसर को आयोग का  अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगर लोक सेवा आयोग के सदस्यों की सूची देखें तो केवल एक ही पुलिस अफसर का नाम सदस्य की सूची में सामने आता है। आइपीएस रहे यह अफसर पिछले साल अगस्‍त मास को आइजी पद से रिटायर हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि लेकिन चूंकि इस अधिकारी की करीबी सपा सरकार और मुलायम सिंह यादव से थी, इसलिए रिटायर होते ही तत्कालीन सपा सरकार ने उनको उप्र लोक सेवा आयोग का मेंबर बना दिया।

अब अगर यह चर्चाएं सच हैं तो फिर सवाल यह उठता है कि जिस आयोग और जिस सरकार पर जाति के अधिकार का आरोप भाजपा वाले पांच साल तक लगाते रहे और तमाम लड़के हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर मुकदमा लड़ते रहे क्या उसी सरकार द्वारा नियुक्त सदस्य को आयोग का अध्यक्ष बनाना उचित होगा? क्या इस नई सरकार को नये सिरे से आयोग के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों की नियुक्ति नही करनी चाहिये?

सवाल गंभीर है पर देखना है कि योगी जी इस मामले में क्या फैसला लेते हैं।

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