हर मर्ज का इलाज डॉक्‍टर नहीं, वकील भी आइमाइये

मेरा कोना

: गोंडा के वकील निर्विकार सिंह ने भेजा है यह लाजवाब वाट्सऐप ज्ञान : जिस मर्ज पर डॉक्‍टर ने पांच सौ का खर्चा बताया था, वकील ने डेढ़ सौ वसूल कर चुटकियों में निपटा दिया : समस्याओं के हमेशा एक से अधिक समाधान होते हैं :

निर्विकार सिंह

गोंडा : एक आदमी को बचपन से ही वहम था कि रात में उसके पलंग के नीचे कोई होता है। इसलिये एक दिन वह मनोचिकित्सक के पास गया और उसे बताया, ‘मुझे एक समस्या है। जब भी मैं सोने के लिये बिस्तर पर जाता हूँ तो मुझे लगने लगता है कि कोई मेरे पलंग के नीचे छुपा हुआ है। मुझे बहुत डर लगता है। कभी-कभी ऐसा लगता है कि मैं पागल हो जाऊँगा’

डॉक्‍टरों से जुड़ी खबरों को देखने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

भगवान धन्‍वन्तरि

‘तुम साल भर के लिये अपने को मेरे हवाले कर दो’, मनोचिकित्सक बोला। ‘हफ्ते में तीन बार मेरे पास आओ, मुझसे बात करो, मुझे लगता है मैं तुम्हें इस डर से छुटकारा दिला दूंगा।’

‘आप इस इलाज का कितना पैसा लेंगे, डॅाक्टर सा’ब?’

‘पाँच सौ पचास रुपये, हर बार का’, डॅाक्टर ने जवाब दिया।

‘ठीक है, डॅाक्टर सा’ब, मैं पलंग पर सोना चालू करता हूँ और यदि जरुरत पड़ी, तो आपके पास आता हूँ’, ऐसा बोलकर वो चल दिया।

छ: माह बाद, अचानक ही उसकी मुलाकात उस मनोचिकित्सक से सड़क पर हो गई।

‘तुम फिर आए नहीं; लौटकर, अपने डर के इलाज के लिए?’ मनोचिकित्सक ने पूछा।

डॉक्‍टरों से जुड़ी खबरों को बांचने में अगर इच्‍छुक हैं, तो कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिएगा:-

डॉक्‍टर

‘हाँ..दरअसल हर बार का पाँच सौ रुपया…हफ्ते में तीन बार…वो भी साल भर तक!! बहुत ही महँगा सौदा था; मेरे लिये, डॅाक्टर सा’ब। जबकि मेरे एक “वकील ” दोस्त ने डेढ़ सौ रुपए में ही मेरा इलाज करवा दिया। मनोचिकित्सक को बताया।

‘सच? ऐसा है क्या?’ कहते हुए फिर थोड़े व्यंग्यात्मक लहजे में मनोचिकित्सक ने आगे पूछा, ‘क्या मैं जान सकता हूँ कि कैसे तुम्हारे “वकील “दोस्त ने, डेढ़ सौ रुपए में ही तुम्हारा इलाज करवा दिया?’

‘हाँ, मेरे दोस्त ने मुझे अपने पलंग के चारों पायों को किसी बढ़ई से कटवा लेने की सलाह दी थी। अब मेरे पलंग के नीचे कोई नहीं रहता, डॅाक्टर सा’ब।’

न्‍यायपालिका की खबरों को पढ़ने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिएगा:-

जस्टिस और न्‍यायपालिका

मॉरल ऑफ द स्टोरी :

हर बीमारी के लिये डॅाक्टरों के पास दौड़ने की जरुरत नहीं है।

“वकील ” दोस्तों के पास भी चले जाया करें और उनसे बात किया करें। समस्याओं के हमेशा एक से अधिक समाधान होते हैं।

अधिवक्‍ता-जगत से जुड़ी खबरों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

लर्नेड वकील साहब

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *