प्याज के भागते दामों पर रोक लगायेगी सरकार

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

ताकि किचन में प्याज की तल्खी महिलाओं को रूला ना दे

दस फीसदी से भी ज्यादा घट गया प्याज का उत्पादन: प्याज के दाम घटाने को सरकार ने कसी कमर: निर्यात पर रोक लगाने के लिए न्यूनतम मूल्य बढाया
प्याज के बढ़ते मूल्य थामने के लिए सरकार ने सोमवार को कई उपायों की घोषणा की है। इसके लिए प्याज का निर्यात रोकने के लिए इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य में 150 डॉलर प्रति टन की बढोत्तरी हुई है। सरकारी एजेंसियां मंगलवार से मंडियों में प्याज के कारोबार में हस्तक्षेप करेंगीए यानी किसानों से सीधे प्याज खरीदेंगी। नैफेड व एनसीसीएफ जैसी एजेंसियां अपनी दुकानों से 25 रुपये किलो की दर से यह प्याज बेचेंगी।
प्याज के बढ़ते मूल्य थामने के लिए सरकार ने कई कडे फैसले किये हैं। मंगलवार से मंडियों में प्याज के कारोबार में हस्तक्षेप शुरू करने जा रही है सरकार। इसमें सरकारी एजेंसियां सीधे किसानों से प्याज खरीदेंगी। नैफेड व एनसीसीएफ जैसी एजेंसियां अब खुद की दुकानों पर 25 रुपये किलो की दर से  प्याज बेचेंगी।
कृषिए खाद्यए वाणिज्यए उपभोक्ता मामले और वित्त मंत्रालय के अफसरों की एक बैठक में यह फैसला किया गया। नैफेड के प्रबंध निदेशक व कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि देश में प्याज की कोई कमी नहीं है। चालू साल में प्याज की पैदावार पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक हुई है, लेकिन दक्षिण भारत में बारिश से फसल के खराब होने की खबरों के बीच प्याज के दामों में खसी तेजी आ गयी।
एक नवंबर को नोडल एजेंसी नैफेड ने इस महीने के लिए प्याज का दाम 50 रुपये घटाकर 375 डॉलर प्रति टन था। प्याज के बढ़ते दामों के बाद उसने अब इसे बढ़ाकर 525 डॉलर प्रति टन कर दिया है। सरकार ने यह फैसला प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए किया है। अफसर मानते हैं कि घरेलू बाजार में सटोरियों और स्टॉकिस्टों की सक्रियता से प्याज के मूल्य बढ़े हैं। सरकार इन पर सख्ती बरतने के सभी उपाय करेगी। सरकार का विश्वास है कि प्याज का मूल्य नवंबर के आखिर तक घट जाएगा। सरकार  अगली समीक्षा 30 नवंबर को करेगी।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार प्याज की कुल पैदावार 125-135 लाख टन के बीच होती है। इसमें दक्षिणी राज्यों की हिस्सेदारी सिर्फ 10 फीसदी होती है। बारिश की वजह से दक्षिण की कुल उपज की 10 फीसदी ही खराब हुई है। ऐसे में प्याज के दाम बढ़ने की कोई खास वजह नहीं है।
सरकार का ध्यान अब प्याज की महंगाई पर अंकुश लगाने तथा घरेलू आपूर्ति बढ़ाने पर है। सरकार ने चालू माह के लिए इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य 150 डालर बढ़ाकर 525 डालर प्रति टन कर दिया है। इस कदम से इसके निर्यात की संभावना कम होगी।
कृषि सहकारिता और प्याज निर्यात का नियमन करने वाली संस्था नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि हमने नवंबर के लिए प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 375 से बढ़ाकर 525 डालर प्रति टन कर दिया है। इस माह के अंत में हम एक बार फिर से निर्यात मूल्य की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने बताया कि नाफेड और एनसीएफएफ मंगलवार से राष्ट्रीय राजधानी में 25 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर प्याज की बिक्री करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने प्याज के निर्यात मूल्य में इसलिए इजाफा किया हैए क्योंकि इसकी कीमतों खासकर खुदरा बाजार में इसके भाव में काफी तेजी आई है। दिल्ली में खुदरा बाजार में प्याज का भाव 40 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष में देश से अब तक 10ण्10 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है। पिछले साल इस अवधि में यह आंकड़ा 12ण्99 लाख टन रहा था। देश में 2010.11 के सत्र में प्याज का उत्पादन 130 लाख टन रहने का अनुमान है।

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