मरते बच्‍चों को बचाने में डॉ कफील ने जी-जान लड़ा दी, निजी अस्‍पतालों ने हाथ खड़े कर दिये

सैड सांग

: रात भर होता रहा मेडिकल कालेज में मौत का नंगा नाच, अफसरों ने फोन तक नहीं उठाया : खबर पाते ही नंगे पांव दौड़ पड़ी एसएसबी के जवानों की टोली : सबसे निर्ममता का प्रदर्शन तो निजी एजेंसियों ने किया :

मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता

गोरखपुर : बीआरडी में ऑक्सीजन के संकट ने पूरे अस्पताल प्रशासन को घुटनों के बल ला दिया। डॉक्टरों ने प्रशासनिक अधिकारियों को संकट की जानकारी दी, मदद भी मांगी। मगर जिले के आला अधिकारी बेपरवाह रहे। ऐसे में मदद को आगे आया एसएसबी व कुछ प्राइवेट अस्पताल। सशस्त्र सीमा बल के अस्पताल से बीआरडी को 10 जंबो सिलेंडर दिए।

गोरखपुर मेडिकल कालेज मासूमों की मौत से जुड़ी खबरों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

मौत-गिद्ध

ऑक्सीजन खत्म होने की खबर कर्मचारियों ने रात दो बजे ही वार्ड 100 बेड के प्रभारी डॉ. कफील खान को दी। वह रात में ही चल दिए। तड़के तीन बजे से ही वार्ड में जमे रहे। इसके बाद से ही वह ऑक्सीजन सिलेंडरों के इंतजाम में लगे रहे। सुबह सात बजे जब किसी बड़े अधिकारी व गैस सप्लायर ने फोन नहीं उठाया तो डॉ. कफील ने डॉक्टर दोस्तों से मदद मांगी। अपनी गाड़ी से ऑक्सीजन करीब एक दर्जन सिलेंडरों को ढुलवाया।

गोरखपुर की खबरों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

जय बाबा गोरखनाथ

यहां अफरातफरी मची है। आक्सीजन नहीं है। कोई निजी एजेंसी आक्सीजन देने को तैयार नहीं है। कमी से हर मरीज परेशान है। मरीज छटपटा छटपटा कर दम तोड़ रहे हैं। हालांकि  पड़ोस के जिलों से जिलों से जिलों आक्सीजन सिलेंडर मंगाकर मरीजों को बचाने की कवायद की जा रही है। गोरखपुर के एक निजी अस्पताल ने भी आठ सिलेंडर दिए हैं। गोरखपुर की सभी प्राइवेट एजेंसियों ने मेडिकल कॉलेज को सिलिंडर देने से मना कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *