: यूपी की एक बड़ी फौज ने काठमाण्डू में पाण्डुओं की ड्यूटी लगायी : अनुशासनहीनता में घोषित अपराधी घोषित और दण्डित हो चुके राजीव मल्होत्रा ने अब थाम लिया न्याय-दण्ड : माधोगंज के थानाध्यक्ष को दोषी मानता है वह एसपी, जो जिन्दगी भर अनुशासनहीनता ही करता रहा : काली-करतूतों का किस्सा तफसील से दर्ज है पुलिस की फाइलों में :
कुमार सौवीर
लखनऊ : ल्यौ भइया। जो सरपुत था, वह श्वसुर का बहनोई निकला। शाम के वक्त सूरज निकल पड़ा। हंसती-कूदती हंसनी अनायास विलाप करने लगी। गाता-गुनगुनाता चकोर पक्षी अचानक तिकोना हो गया। नेल्सन ने अपना पहला जन्मदिन नेपाल में निपटाया। गांधी छाप दो हजारी नोट में गांधी जी च्यूइंगम चबा कर गुब्बारा फुलाते देखे गये। सिटियाबाजी में भगत सिंह दबोचे गये और कांग्रेस और सपा के कई बडे नेताओं ने ठीक उसी तरह अपनी लंगोट कस लिया, जैसे भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने संघ के चिंतन-शिविर से भाग कर अपनी इज्जत बचायी। जैसे नरेश अग्रवाल अब हरदोई तक सिमट गये, ठीक उसी तरह हरदोई के ही उस पुलिस कप्तान राजीव मल्होत्रा ने एक दारोगा को अनुशासनहीनता और लापरवाही के लिए दण्डित कर दिया, जिसे जन्म ही अनुशासनहीनता और लापरवाही के लिए हुआ है।
तो दोस्तों, आज तो भैंस ही कूद गयी ताल में। तो बोलो राम राम, सत्यानास। जय राम, सत्य नाम।
कलियुग में रामनाम सत्य है का जयकारा लगाने वाले राजीव मल्होत्रा बहुत पहुंचे फकीर है। पुलिस में एक बडे ओहदेदार सूत्र ने मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता को नाम न प्रकाशित करने के अनुरोध के साथ बताया कि मौज ही मौज फकीरों की, कुछ कुछ मौज फकीरों की, और ऐसी की तैसी हो फकीरों की, वाली तर्ज वाले राजीव मल्होत्रा का पुलिस में मल-होत्रा नुमा खासा असर और चर्चा है। सूत्र बताते हैं कि मल्होत्रा जब भी जहां रहे हैं, अग्नि से होत्री भले न हो पाये, लेकिन मल से होत्रा जरूर होते रहे हैं। बेहद ऊंची पहुंच मानी-जानी-पहचानी रही है राजीव मल वाले होत्रा की। अब यह अलग बात है कि यह मल से लोगों का अभिप्राय क्या है, वह मल किसी मलाल से जुड़ा है, या किसी मैल या कुलिष भाव से है अथवा मलिन भाव से है। लेकिन इसके वावजूद सूत्रों का कहना है कि मलहोत्रा की शान पूरे विभाग में चमकदार है। खासकर उनकी राजनीतिज्ञों से करीबी को लेकर।
यकीन मानिये कि राजीव का यह नाम मलहोत्रा से कैसे जुड़ा है, लेकिन इतना जरूर है कि उप्र पुलिस मुख्यालय की कई फाइलों में मल-होत्रा का नाम पूरे शान से दर्ज है। ताजा तो मामला यह है कि इन्हीं मल-होत्रा की कारगुजारियों के चलते ही पुलिस की एक सरकारी गाड़ी इस वक्त नेपाल के काठकाण्डू में अपराधियों के कब्जे में है, जिसे हासिल करने के लिए यूपी की पुलिस की एण्टी टेररिस्ट स्क्वायड और स्पेशल टास्क फोर्स के करीब एक सैकड़ा जवान गोरखपुर, बिहार के सुपौल से लेकर नेपाल के काठमाण्डू के कई जिलों तक बाकायदा प्रोफेशनल पाण्डू बने घूम रहे हैं।
इसके पहले भी मल-होत्रा ने जहां भी ड्यूटी की, वहां केवल और केवल अराजकता और लापरवाही ही की। बड़े-बड़े हादसों में उनकी गैरहाजिरी की हालत तक जग जाहिर हुए जब कानपुर देहात तक के पुलिस अधीक्षक तक ने मल-होत्रा के जिले में जाकर तब हालत सम्भाली, जब ऐन वक्त पर पुलिस मुख्यालय और शासन ने पाया कि मल-होत्रा ड्यूटी से लापता हैं। ऐसे कई मामलों में मल-होत्रा की खासी साख चर्चित है। शासन उन्हें निलम्बित तक कर चुका है। हाल ही वे अपनी जिस सरकारी गाड़ी से बिना बताये हरदोई से लापता पाये गये थे, वह गाड़ी लखनऊ से चोरी हो गयी। इतना ही नहीं, उस गाड़ी में सरकारी वायरलेस तक लगा हुआ था।
फिलहाल ताजा खबर यह है कि हरदोई के प्रेसवालों में पुलिस के बेहद निष्ठावान, कर्तव्यनिष्ठ और सजग पुलिस अधीक्षक माने गये राजीव मल्होत्रा ने आज पुलिस प्रशासन को चुस्त करने की अपनी सख्त और अनिवार्य प्राथमिकता पर कड़ी कार्रवाई करते हुए माधोगंज थाने के प्रभारी को लापरवाही और अनुशासनहीनता के आरोपों को सच मानते हुए उसे सीधे लाइन हाजिर कर दिया है। इतना ही नहीं, पुलिस अधीक्षक राजीव मल्होत्रा के इस कठोर कदम को लेकर हरदोई के प्रेस जगत ने भूरि-भूरि हर्ष व्यक्त की है। और आशा व्यक्त की है कि राजीव मल्होत्रा के नेतृत्व में नरेश अग्रवाल के जिले हरदोई में कानून-व्यवस्था में किसी भी तरह की कोई भी कोताही नहीं बर्दाश्त की जाएगी।