“तू दलाल, दुष्‍चरित्र”… “और तू तो बीवी और साली से अनैतिक धंधा कराता है”

सैड सांग

: यह है नवजात सम्‍पादक और मालिक के बीच झगड़े की भाषा,  कत्‍ल देने की धमकी दे डाली : दलाली पर भिड़े चैनली सम्‍पादक ने अपने ही मालिक की मां-बहन तौली : दो मिनट में सैकड़ों गालियों की आरती करा दिया सम्‍पादक ने : बहुत गंदा धंधा होती जा रही है पत्रकारिता – दो :

कुमार सौवीर

लखनऊ : इसका फैसला तो अब अदालत ही तय कर सकती है कि इस नवजात न्‍यूज चैनल के मालिक और उसके कार्यकारी सम्‍पादक के बीच जो भद्दे और नंगे आरोप लगे, वह सच हैं या नहीं। लेकिन अदालत तो इसका फैसला तब ही कर पायेगी, जब सम्‍पादक या मालिक में से किसी एक ने इस बारे में अदालत में कोई मामला दायर किया भी या नहीं। लेकिन इतना तो हो चुका है कि चाहे वह नवजात चैनल का मालिक हो या फिर उसका कार्यकारी सम्‍पादक, दोनों में ही न तो भाषा का सलीका है, न अदब, न बातचीत करने की तमीज और न ही कोई पत्रकारीय समझ। सच कहें तो यह दोनों ही बाकायदा कलंक है, पत्रकारिता और खासकर न्‍यूज चैनल जगत के।

जी हां, यह मामला है हाल ही पैदा हुए एक न्‍यूज चैनल का, जिसका नाम है हिन्‍दी खबर। दिल्‍ली से एयर होता है यह चैनल। इस चैनल के मालिक वैसे तो अतुल अग्रवाल हैं, लेकिन खबर है कि पीठ-पीछे इस का प्रबंधन अतुल की पत्‍नी चित्रा त्रिपाठी ही सम्‍भालती हैं। चित्रा भी एक दूसरे चैनल में एक एंकर बतायी जाती हैं। लेकिन इस हिन्‍दी खबर चैनल के फाइनेंसरों में देश-विदेश के कई चाटर्ड एकाउंटेंट बताये जाते हैं, जिन्‍होंने अपने कई क्‍लाइंट का पैसा इस चैनल में लगाने की जुगत भिड़ायी है। कहने की जरूरत नहीं कि यह चाटर्ड एकाउंटेंट लोग अपने क्‍लाइंट्स के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक लाभों के लिए पत्रकारिता का दामन सम्‍भाल रहे हैं, ताकि वक्‍त-बे-वक्‍त उन्‍हें पॉलिटिकल-शेल्‍टर मिल सके। इसीलिए

इन लोगों ने अपनी सरप्‍लस रकम यानी दान-दक्षिणा के तौर पर मोटी-मोटी रकमें झोंक रखी हैं।हालांकि यह सवाल उठाना अब बेमानी है कि एक हिन्‍दी के राष्‍ट्रीय चैनल को यूपी जैसे इलाके के लिए अपना एक अलग एसोसियेट एडीटर तैनात करना पड़ा, जिसका मकसद पत्रकारिता या खबर के बजाय, राजनीतिक खेमों में से विज्ञापन उगाहना ही था।  बहरहाल, इस चैनल में उसके मालिक और उसके एसोसियेट एडीटर के बीच पैसों को लेकर खासा झंझट-बवाल हो गया। सूत्र बताते हैं कि चैनल के मालिक अतुल अग्रवाल को यूपी से ज्‍यादा से ज्‍यादा रकम उगाहने की जरूरत थी, जबकि उसके नये एसोसियेट एडीटर अमितेश श्रीवास्‍तव इस उगाही के साथ ही सा‍थ अपनी जेबें भी भरने के चक्‍कर में थे। सूत्रों का तो यहां तक आरोप है कि इसके लिए अमितेश ने समाचार प्‍लस के ब्‍यूरो चीफ तक का विज्ञापन धंधा तबाह करने की साजिश की। वह तो गनीतम रही कि इन दोनों चैनलों ने एक-दूसरे की सहमति से अब तक पुलिस केस नहीं दर्ज कराया, वरना अमितेश श्रीवास्‍तव अब तक जेल में चक्‍की पीस रहे होते।

बहरहाल, जैसे ही अमितेश को अपने चैनल हिन्‍दी खबर से निकाल बाहर करने की खबर मिली, अमितेश ने फोन पर और फिर दिल्‍ली जाकर हिन्‍दी खबर चैनल के मालिक अतुल अग्रवाल की बाकायदा मां-बहन तौल डाली। इतना ही नहीं, अमितेश ने अतुल अग्रवाल को कत्‍ल तक करा देने की धमकी भी दी है। और तो और, इन दोनों ने इन दोनों को दलाल और चरित्रहीन करार दिया। इस पर अमितेश श्रीवास्‍तव ने अतुल अग्रवाल पर आरोप लगाया कि अतुल अग्रवाल अपनी साली और अपनी पत्‍नी के साथ अनैतिक धंधा कराते हैं।

ज्‍यों-ज्‍यों यूपी में चुनाव की तारीखें नजदीक आने लगी हैं, पत्रकारों और खासकर न्‍यूज चैनलों की पौ-बारह होती जा रही है। नये-नवेले और हाल ही पैदा हुए न्‍यूज चैनल इस गंदे धंधे में लगातार बैटिंग करने में आमादा हैं। इसके पहले भी कई पत्रकार बड़े अफसरों से हुई बातचीत को वायरल करने का गंदा धंधा करने में फंस चुके हैं। बहरहाल, अगले अंक में आपको हम सुनायेंगे इस बर्खास्‍त-शुदा सम्‍पादक की बोली-भाषा, जो किसी शातिर मवाली, गुण्‍डे और हत्‍यारे तक को मात दे सकती है। जी हां, अपने सम्‍पादक से हुई बातचीत का ऑडियो-फाइल हम वायरल करेंगे अगले अंक में। इस से जुड़ी खबरों को देखने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए : पत्रकारिता का गंदा धंधा

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