‘धरपेल’ के निधन पर पत्रकार व नेता स्‍तब्‍ध

दोलत्ती

: विधानसभा अध्‍यक्ष बोले कि हास्‍य-व्‍यंग्‍य लेखन की परंपरा जीवित रहनी चाहिए : होली-हुड़दंग में अश्‍लील और नंगापन से सनी फूहड़ पत्रकारिता थी 64 पेजी वार्षिक ‘धरपेल’ :

दोलत्‍ती संवाददाता 
लखनऊ : ‘धरपेल’ के संपादक दिवंगत जोखू प्रसाद तिवारी को याद करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदयनरायण दीक्षित ने कहा कि उन जैसा अद्भुत व अप्रतिम पत्रकार अब मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को उनकी हास्य व व्यंग लेखन की परंपरा को जीवित रखना चाहिए।
‘धरपेल’ , यानी नवजीन समूह के कर्मचारियों की यूनियन के नेताओं द्वारा होली के हुड़दंग के नाम पर छापी जाने वाली वार्षिक पत्रिका, जो अश्‍लीलता और बेहूदगी की सारी सीमाओं को तोड़ने के अस्‍त्र-शस्‍त्र हुआ करते थे। जोखू प्रसाद तिवारी इसी 64 पेजी धरपेल पत्रिका के संस्‍थापक संपादक-प्रकाशक और सर्वाधिकारी हुआ करते थे।

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की ओर से बुलायी गयी जोखू प्रसाद तिवारी की शोकसभा में उन्हें याद करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब वो पहली बार विधायक बने तब उनका व श्री तिवारी का साथ था जो समय के साथ प्रगाढ़ होता गया। उन्होंने कहा कि हास्य उनके जीवन का अभिन्न अंग था और हर गंभीर बात को हंसी में कह देना उनकी आदत में शुमार था। अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने कहा कि जोखू प्रसाद तिवारी व अन्य दिवंगत वरिष्ठ पत्रकारों की स्मृतियों को संजोती हुयी पुस्तक का प्रकाशन किया जाएगा जिसके लिए उनका विभाग पूरा सहयोग करगा। उन्होंने कहा कि सभी पत्रकार इन दिवंगत पत्रकारों के बारे में अपनी स्मृति लिखें जिनको संयोजित कर पुस्तक का प्रकाशन हो। सूचना निदेशक शिशिर ने कहा कि श्री तिवारी वरिष्ठों के साथ ही नयी पीढ़ी में भी बराबर लोकप्रिय थे और वह उनकी लेखनी का सम्मान करते हैं।
संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि दिवंगत श्री जोखू प्रसाद तिवारी की याद में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के बैठने के स्थान अथवा लाइब्रेरी आदि का नामकरण कर उनकी याद को सदा के लिए जीवित रखा जाए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को कैसे दुरुह परिस्थितियों में हास्य का संपुट देते हुए तनावमुक्त रहा जाए यह कला जोखू प्रसाद तिवारी में थी। वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शर्मा, अजय कुमार, प्रमोद गोस्वामी सुरेश बहादूर सिंह व प्रदीप कपूर ने दिवंगत श्री तिवारी के साथ बिताए दिनों को याद किया और कहा कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में कभी तनाव को हावी नहीं होने दिया। एनेक्सी मीडिया सेंटर में हुयी इस शोकसभा में वरिष्ठ पत्रकार प्रदुम्न तिवारी, भास्कर दुबे, श्याम बाबू , सर्वेश सिंह , ब्रजेश शुक्ला, अनूप श्रीवास्तव, दीपक गिडवानी, शिव शरण सिंह , श्याम कुमार, किशोर निगम, के बख्श, राजेंद्र कुमार सहित दो सौ से ज्यादा पत्रकार मौजूद रहे ।

(दोलत्‍ती समूह को हमेशा से ही पत्रकारिता के ऐसे पहलू पर हस्‍तक्षेप करने की जरूरत महसूस होती रही है। अपने इसी दायित्‍व को लेकर दोलत्‍ती ने लगातार खबरें छापीं हैं। लेकिन अब यह तय किया गया है कि पत्रकारिता का दोशाला ओढे ब्‍लैक-शीप लोगों पर बाकायदा एक अभियान छेड़ा जाए। हमारा यह प्रयास अब क्रमश: ही रहेगा।
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