देवरिया: दबंगों ने दलित महिला को सरेआम मार डाला

दोलत्ती

: कमर टूट गयी, मगर मेडिकल के बाद घर भिजवा दिया पुलिस ने : देवरिया के कोतवाली क्षेत्र में हुआ हादसा, अखबार खामोश : विधायक के दबाव में है प्रशासन :
दोलत्ती संवाददाता
देवरिया : राजनीतिक ताकत की दवाई पी कर दबंगई पर आमादा हत्यारों ने यहां की एक महिला को सरेआम बुरी तरह पीट डाला। करीब एक घंटों तक दबंगों का यह तांडव चलता रहा, और महिला के बेहोश होने पर दबंग बेफिक्र होकर चले गये। बाद में घायल महिला को गांववाले अस्पताल ले गये। जानकार बताते हैं कि जांच में डॉक्टरों ने पाया कि महिला की रीढ की हडडी पर क्रैक है। इसके बाद महिला को वापस उसके घर भिजवा दिया गया, लेकिन शाम को ही उस महिला ने तडप:तडप कर दम तोड दिया। मामले में पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगों पर नामजद रिपोर्ट दर्ज किया है, जिनमें से एक को पकड लिया गया है। लेकिन खबर है कि एक स्थानीय विधायक इस मामले में दबंगों की ओर से जोरदार पैरवी कर रहे हैं।
गांव के लाकडाउन के दौरान मारपीट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। मारपीट की घटनाओं में पुलिस की अनदेखी का सबब है कि कोतवाली क्षेत्र के घटैला गाज़ी गांव में मारपीट से घायल महिला की मौत हो गई है। इस मामले में पुलिस पर तत्कालीन सरकार के एक विधायक के दबाव की चर्चाएं जोरो पर हैं। साथ ही आरोपियों को सत्ता दल नेता के संरक्षण प्राप्त होने की बाते भी कही जा रही हैं। शायद ये कारण हो सकता है कि मारपीट से गंभीर रूप से घायल महिला की मौत होने के बाद भी पुलिस के हाथ आरोपियों तक नही पहुंच पाए हैं। फ़िलहाल पुलिस के आला अधिकारी इस मामले में नामजद सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के दावे कर कार्यवाही में जुटे हैं।
कोतवाली थाना क्षेत्र के घटैला गाजी गांव में जमीनी विवाद में हुए मारपीट से महिला की मौत के बाद हरकत में आई पुलिस ने 6 दबंगो के खिलाफ दलित उत्पीड़न बलवा मारपीट व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया हैं।
28 अप्रैल को घटैला गाजी गांव में मारपीट की घटना में सत्ता दल के विधायक के दबाव में पुलिसिया कार्यवाही नहीं होने से 30 अप्रैल को फिर से हुए मारपीट में घायल महिला की मौत हो जाने की बात कही जा रही है। वहीं कोतवाली पुलिस मृतिका बासमती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिनाह पर धाराएं बढ़ाने की बात कर रही है।
30 अप्रैल की सुबह अपने रिश्तेदार उपेंद्र के साथ बासमती देवी ईलाज के लिए अस्पताल जा रही थीं।घर से कुछ ही दूरी पर जमीनी विवाद के चलते गांव के ही कुछ दबंगो ने इन पर जानलेवा हमला कर दिया। जिससे बासमती और उपेंद्र गम्भीर रूप से चोटिल हो गए थे।चिल्लाने की आवाज सुन परिवार के लोग व ग्रामीण घटनास्थल पर पहुँचे और बीच बचाव किया।शाम को इलाज के बाद घर लौटी बासमती ने दम तोड़ दिया।जिसके बाद से घटैला गाजी गांव में तनावपूर्ण माहौल बनने लगा।
सूचना मिलते ही एसपी डॉ श्रीपति मिश्र और सीओ सिटी निष्ठा उपाध्याय कोतवाल टीजे सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुँचे और मृतिका के परिजनों के बयान दर्ज कराए।मौके का मुआयना कर पुलिस अधिकारियों ने परिजनों से कार्यवाही करने की बात कही और ग्रामीणों से इस मामले की जानकारी ली।
इस मामले पर सीओ सिटी निष्ठा उपाध्याय का कहना है कि तहरीर के आधार पर घटैला गाज़ी गांव के संग्राम सिंह भानू सिंह सिम्पू उर्फ सचिन सिंह रणविजय सिंह अरविंद सिंह और सुनील सिंह के खिलाफ आईपीसी 147 323 504 506 427 188 269 एससी एसटी व आपदा प्रबंधन अधिनियम 51बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया हैं।उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही हैं।
मृतिका की बहू अंजू के तहरीर के मुताबिक 30 अप्रैल को करीब 10 बजे बासमती देवी अपने रिस्तेदार उपेंद्र के साथ ईलाज के लिए घर से निकली थीं।घर से कुछ दूरी पर ही 28 अप्रैल को हुए जमीनी विवाद को लेकर गांव के ही संग्राम सिंह सुनील सिंह अरविंद सिंह रण विजय सिंह सिम्पू सिंह उर्फ सचिन भानू सिंह गोलबंद होकर गाली देते जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की नीयत से बासमती देवी और उपेंद्र को मारपीट कर जमीन पर गिरा दिए।दोनों को अंदरूनी चोटे आई हैं।
हालाकि बीते 28 अप्रैल को घटैला गाज़ी गांव में जमीनी विवाद में हुए मारपीट की घटना में श्यामधारी प्रसाद के तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने 15 नामजद और 10 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
बीते मंगलवार की सुबह घटैला गाज़ी गांव के श्यामधारी प्रसाद के घर गांव के उदयभान सिंह भानु सिंह संग्राम सिंह सचिन सिंह समेत कई लोग पहुँचे। उदयभान सिंह द्वारा रेहन रखे जमीन के बदले श्यामधारी प्रसाद को तीस हजार रुपए अदा कर जमीन के कागजात वापस लौटाने की बात कही।कारण पूछने पर इन लोगों ने जातिसूचक शब्दों के प्रयोग करते हुए गाली गलौज शुरू कर दिए।इन दबंगो के साथ गांव के ही करीब 30 लोग गोलबंद होकर लाठी डंडो से घर मे घुस कर श्यामधारी प्रसाद व इनके परिजनों पर जानलेवा हमला कर दिया। आत्मरक्षा में पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने भी विरोध कर अपनी जान बचायी।साथ ही दबंगो ने पीड़ित के घर की औरतों के साथ बदसलूकी भी की।मारपीट की घटना में कई लोग घायल हुए थे।
पीड़ित ने इस मामले की तहरीर कोतवाली पुलिस को दे अपनी जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी। तहरीर मिलने पर कोतवाली पुलिस ने घटैला गाजी गांव निवासी उदयभान सिंह संग्राम सिंह सचिन सिंह भानू सिंह सुनील सिंह रिम्पू उर्फ सचिन सिंह मानवेन्द्र सिंह अमित मद्देशिया बिट्टू सिंह दिग्विजय सिंह मनीष सिंह यादव विशाल सिंह विवेक संजीव मनोज समेत 10 अज्ञात के खिलाफ आईपीसी 147 323 452 504 294 188 269 अनुसूचित जनजाति नृशंस एक्ट व आपदा प्रबंधन अधिनियम 51बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले पर पूर्व सांसद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामाशंकर राजभर ने कहा कि कई दशकों के बाद गरीबों को तबाह करने वाली सरकार बनी है।जिसका दोहन सरकार के शीर्ष पर बैठे लोग कर रहे हैं। जिन खुशियों से दलित और पिछड़ों ने सरकार को बनाया वही दलित और पिछड़े इस सरकार के कोपभाजन बन गए हैं। पूरे प्रदेश में संवैधानिक हकों पर तो हमला हो ही रहा है साथ ही सामंतवादी विचारधाराएं पुनः सक्रिय हो गई हैं। ये गरीबों को बर्बाद कर के छोड़ेंगे। जब उत्तर प्रदेश में भाजपा विधायक का विकलांग रिश्तेदार महिला को दिनदहाड़े गोली मार सकता है तो घटैला गाज़ी गांव जैसी घटनाएं सम्पूर्ण प्रदेश में हो रही हैं। दुर्भाग्य यह है की कानून भी अब अंधा कानून हो गया है गरीबों को अब न्याय नही मिलेगा। सम्पूर्ण सरकारी अमला सत्ता दल के जनप्रतिनिधियों को खुश करने में लगा है। लाकडाउन नहीं होता तो समाजवादी पार्टी इट से ईंट बजा देती। लाकडाउन के बाद इन सभी घटनाओं को लेकर समाजवादी पार्टी लंबा संघर्ष करेगी।

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