डिप्‍टी सीएम के बच्‍चों से लूट नगर निगम अफसरों ने करायी

दोलत्ती

: डिप्‍टी सीएम की दहलीज तक लपके अपराधियों के लम्‍बे हाथ, बेटी-दामाद तक लूट के शिकार बने : गोमतीनगर में झपटमारी की बाढ़, वजह है पुलिस की अराजकता और अफसरों की गुंडागर्दी :

कुमार सौवीर

लखनऊ : हिन्‍दी फिल्‍मों में ही नहीं, अदालतों और समाज में भी यह जुमला खूब चलता था कि कानून के हाथ लम्‍बे होते हैं। लेकिन अब तो लोगबाग यह कहने लगे हैं कि अपराधियों के हाथ कानून से ज्‍यादा लम्‍बे हैं। बीती शाम ऐसे ही एक लुटेरे ने गोमती नगर में एक बड़े सेनाधिकारी को लूट लिया। खबर मिलने पर पुलिस ने आसपास छानबीन शुरू की, आसपास की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को छानना शुरू किया। लेकिन मिला सिर्फ ठेंगा। पुलिस सिर्फ मुंह चिधोरती ही रह गयी। वह तो बाद में पता चला कि इस लूट की जड़ें नगर निगम के अफसरों की लॉन में दबी हुई हैं। कुछ भी हो, इस घटना से यह तो साबित हो गया कि राजधानी में पुलिस और कानून के हाथ से लाख ज्‍यादा बड़े और लम्‍बे हाथ तो अपराधियों के पास है।

गोमतीनगर में इस तरह की घटनाएं आम हैं। कठौता चौराहे समेत इस इलाके के प्रमुख इलाकों में इस तरह की घटनाएं रोजमर्रा की बात बन चुकी हैं। चूंकि ऐसी घटनाओं को लेकर पुलिस और थाना में होने वाले ऐसे व्‍यवहार से लोग पहले से ही व्‍यथित रहते हैं, इसलिए ऐसी छिनैती, झपटमारी और लैमारी की घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज कराने से लोग बचते हैं। यही सोच कर मामला भूलने की कोशिश करते हैं, कि पुलिस के पास जाकर अपनी छीछालेदर कराने से बेहतर होगा, कि घटना को ही भूल कर आगे की सुधि ली जाए।

लेकिन बीते तीन सितम्‍बर की शाम जिस तरह नौसेना के एक बड़े अधिकारी और उसकी पत्‍नी के साथ लूट हुई, वह साबित करता है कि इस तरह की घटनाओं के जिम्‍मेदार लगातार फिसड्डी होती जा रही प्रशासनिक अव्‍यवस्‍था और अराजक अफसरों की करतूतें ही जिम्‍मेदार हैं। पुलिस तो खैर पहले से ही अपना मूल संवेदनशील चेहरा बदरंग कर चुकी है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी भी इस तरह की अराजकता में काफी ऊंचे पायदान तक पहुंच चुके हैं। यह दम्‍पत्ति प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के बेटी और दामाद थी। सूत्र बताते हैं कि यह लोग अपने किसी कानूनी मसले पर बातचीत करने के लिए गोमतीनगर में रहने वाले वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता आईबी सिंह के पास गये थे। बातचीत के बाद चैम्‍बर से बाहर सड़क पर पहुंचने पर उस अधिकारी ने आईफोन पर बात करने की कोशिश की, कि इसी बीच एक बाइकसवार ने उनका फोन छीन लिया और रफूचक्‍कर हो गया। पुलिस तो अब तक यह प्रदर्शन करने में जुटी है कि वह लुटेरों को पकड़ने की जी-तोड़ कोशिश कर रही है।

लेकिन इस घटना के बाद दोलत्‍ती ने अपनी पड़ताल शुरू की, तो हालत कहीं गम्‍भीर दिखी। दरअसल, यह इलाका है विभव खंड का तीसरा हिस्‍सा। इस कालोनी के अध्‍यासियों ने अपनी एक सोसायटी में गोमती नगर में लगातार बढ़ती आपराधिक हरकतों से बचने के लिए अपनी कालोनी की दो सड़कों पर गेट लगवा दिया था। इसमें एक गेट के पास से परिवहन विभाग के एक पूर्व अपर आयुक्‍त का मकान है, जिसने पटरी की दस फीट जमीन पर कब्‍जा कर रखा था। इतना ही नहीं, इस कब्‍जाई जमीन पर उसने पक्‍की दीवार बना कर घेर रखा है। इस पूर्व अधिकारी का दामाद पीसीएस अफसर है और फिलहाल नगर निगम में अपर नगर आयुक्‍त के पद पर है।

कालोनी सोसायटी ने इस अवैध कब्‍जे पर ऐतराज किया, तो ससुर जी नाराज हो गये। अगले ही दिन नगर निगम के अफसर पूरे फौज-फाटे के साथ मौके पर पहुंचे और सोसायटी द्वारा बनाये गये दोनों गेट को उखाड़ लिया। इतना ही नहीं, इसके पहले कि कोई समझ पाता, उखाड़े गये गेट को भी उस टोली ने जब्‍त कर लिया और उसे अपने साथ ले गये।

डिप्‍टी सीएम की भांजी और दामाद के साथ हुई यह लूट करने वाला लुटेरा उसी गेट से आया और भागा था।

यह है बेलगाम अफसरों की करतूतों की। आपको बता दें कि विभव खंड-तीन के एक पिद्दी से पार्क को इस अपर नगर आयुक्‍त ने अपने ससुर कीसेवा में इतना चमका रखा है कि योगी और राज्‍यपाल के बंगले भी बगलें झांकने लगें। सूत्र बताते हैं कि इस अधिकारी ने आसपास के खंडों के पार्कों पर होने वाले मंजूर खर्च और कर्मचारियों को वहां के बजाय विभव खंड-तीन में रहने वाले अपने ससुर के घर के ठीक सामने वाले पार्क पर झोंक रखा है। ऐसे में आप लाख चिल्‍लाते रहिये, नागरिक प्रशासन आपकी किसी भी शिकायत पर आपको बाबा जी का घंटा थमा देगा।

यह हालत योगी सरकार में दूसरे नम्‍बर पर सर्वाधिक प्रभावशाली, सज्‍जन, सहज, पढ़े-लिखे और तार्किक माने जाने वाले डॉ दिनेश शर्मा के साथ है। बाकी समाज में यह अफसर क्‍या-क्‍या नहीं करते होंगे, इसकी तो कल्‍पना भी नहीं की जा सकती है।

जै श्रीराम

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