जेल को अपनी ससुराल समझता था अतीक, और उसके सामने जेल प्रशासन नतमस्तक

बिटिया खबर
: अतीक के आते ही देवरिया की सड़कों पर इलाहाबादी नम्‍बर वाली गाडि़यों का रेला पहुंच गया था : लगभग 20 महीनों के दरमियाँ जेल में दर्जनों लोगों की मार-पिटाई किया था अतीक अहमद के गुर्गों ने : क्राइम ब्रांच ने ऐसे 8 लोगों को ढूंढ लिया है,जिन पर जेल में अतीक ने जुल्म ढाया था :

दोलत्‍ती संवाददाता
देवरिया : लखनऊ के रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में बंधक बनाकर पिटाई और जबरन प्रॉपर्टी के कागजात पर हस्ताक्षर कराने के मामले में माफिया अतीक अहमद का नाम जुड़ने के बाद बेहद चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। देवरिया जेल में सजा काट रहे अतीक अहमद की धाक जेल के जेलर से कम नही थीं। दूसरे शब्दों में कहे तो अतीक जेल को अपना ससुराल समझता था जिसके आगे जेल प्रशासन नतमस्तक हो गया था।
जेल प्रशासन की सहभागिता के चलते ही देवरिया जेल की बैरक नंबर 7 को माफिया अतीक अहमद ने अपना दरबार बना रखा था। जिसमें लगभग 20 महीनों के दरमियाँ दर्जनों लोगों की मार पिटाई की गई थी। क्राइम ब्रांच ने ऐसे 8 लोगों को ढूंढ लिया है,जिन पर जेल में अतीक ने जुल्म ढाया था। बैरक नंबर 7 में अतीक के गुर्गे जेल प्रशासन की शह पर बिन रोकटोक आते जाते रहते थे। जेल से अतीक के इशारे पर उसके गुर्गों ने यातनायें देकर रंगदारी वसूली और जमीनों पर कब्जे किये। सीओ कृष्णा नगर लाल प्रताप सिंह ने बताया कि पड़ताल में सामने आया है कि अतीक के साथ बैरक में बंद देवरिया निवासी मुख्तार यादव आलमगीर कुशीनगर के दयानंद और बरकत अली ने मोहित की पिटाई की और अंगुलियां तोड़ी थी। इनमें अतीक का बेटा उमर और उसके गुर्गे शामिल थे। फिलहाल क्राइम ब्रांच की टीम उमर फारुख जकी अहमद जफर समेत अन्य गुर्गों की तलाश में दबिश दे रही हैं।

देवरिया जेल में अतीक अहमद का माफियाराज इतना था कि जेल कर्मचारी उसके एक इशारे पर मुजरा करते थे। सीओ कृष्णा नगर लाल प्रताप सिंह के मुताबिक देवरिया जेल के रिकार्ड में 26 दिसंबर को अतीक से मिलने वालों में मोहित जायसवाल और सिद्दीक के नाम दर्ज मिले, जबकि सीसीटीवी फुटेज अतीक से अनेक लोग मिलने की पुष्टि कर रहे हैं। साथ ही बैरक नंबर 7 में अतीक का दरबार सजता था। जेल प्रशासन की शह पर खानापूर्ति के लिए दो तीन मुलाकातियों के नाम रिकार्ड में दर्ज किए जाते थे और और उसके गुर्गे को पूछने रोकने वाला कोई नही था।

देवरिया आते ही सक्रिय होने लगा था अतीक का नेटवर्क । 3 अप्रैल 2017 को अतीक को देवरिया जेल लाया गया तब से ही देवरिया जिले में उसके गुर्गों के सक्रियता बढ़ने लगी। रोजना शहर में दर्जनों इलाहाबाद नंबर प्लेट की लग्जरी गाड़ियां नजर आने लगी थी। सूत्रों के मुताबिक जेल में बंद अतीक अहमद के गुर्गों ने शहर के अबूबकर नगर मोहल्ले को अपना ठिकाना अब तक बनाये रखा। इस मोहल्ले के कई लोग उनके संपर्क में थे। इसमें कुछ समाजसेवी और राजनीतिक चेहरे भी शामिल हैं। यही नही देवरिया जेल से अतीक के बरेली पहुचने के दौरान इसी मोहल्ले के कुछ युवक शामिल थे। जिनको अतीक के साथ देखा गया था।

पुलिस ने माफिया अतीक को बरेली जेल भेजे जाने के बाद उसके करीबियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी हैं। पुलिस उन लोगों पर नजर बनाए हुए है जो लंबे समय से अतीक के संपर्क में रहे हैं। देवरिया से बरेली जेल शिफ्टिंग के दौरान भी वह अतीक के साथ रहे हैं। पुलिस सर्विलांस के जरिये उनको ट्रेस कर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *