: बस्ती के भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी ने साफ-साफ कुबूली हकीकत : बोले, सैलरी से नहीं चलता खर्च, सुविधाएं बढ़ाएं, वरना चोरी तो करनी पड़ेगी : जिला पंचायत सभागार में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में दो-टूक बोले हरीश :
कुमार सौवीर
बस्ती : बाकी सांसदों की बात तो पता नहीं है, लेकिन बस्ती से भाजपा के सांसद चुने गये हरीश द्विवेदी पर आजकल सच कुबूलने का भूत चढ़ गया है। वे बोले हैं कि सांसदी में मिलता तो बहुत कम है, लेकिन खर्चा बहुत होता है। ऐसे में बेईमानी या चोरी-सियारी करना तो अब उनकी मजबूरी होती जा रही है। हालांकि उनकी इस हालत से बाकी सांसदों का दम फूलने लगा है, लेकिन फिलहाल तो हरीश द्विवेदी इस मामले में बिलकुल अलग-थलग हो गये हैं।
आपको बता दें कि विगत दिनों भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी ने सैलरी बढ़ाए जाने की मांग करते हुए विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर कोई सांसद अपने क्षेत्र में कुशलता से काम करना चाहता है, तो उसे कम से कम 12 लोगों की जरूरत है। यदि आप चाहते हैं कि एक सांसद चोरी न करे और सुविधाएं बढ़ाए तो मैं आपको बता रहा हूं कि एक वरिष्ठ प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक इन दिनों एक सांसद से अधिक कमाता है। ऐसे में चोरी तो करनी पड़ेगी।
सांसद हरीश द्विवेदी बस्ती के जिला पंचायत सभागार में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ की। कहा- दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विधायकों के वेतन में बढ़ोत्तरी का अच्छा प्रस्ताव रखा है। हमने पार्टी के बड़े नेताओं से वेतन बढ़ाए जाने को लेकर चर्चा की है।
सांसद को मिलता है 50 हजार हर माह वेतन मिलता है। एक सांसद को प्रतिमाह 50,000 रुपए का वेतन मिलता है। इसके अलावा संसद की कार्यवाही के दौरान उन्हें हर रोज 2000 रुपए का भत्ता मिलता है। सांसद को अपने क्षेत्र में काम कराने के लिए 45,000 रुपए प्रतिमाह भत्ता मिलता है। साथ ही ऑफिस खर्च के लिए हर एक सांसद को 45,000 हजार रुपए मिलता है। यानि करीब डेढ़ लाख रुपए हर माह मिलता है। इसके अलावा सहायक रखने, स्टेशनरी के लिए भी पैसे मिलते हैं और कई सुविधाओं में उन्हें छूट मिलती है।
भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा- वेतन से नहीं चलता खर्च, चोरी तो करनी ही पड़ेगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ कहते हैं कि न तो खाऊंगा और न खाने दूंगा। मगर उनकी पार्टी के सांसद उनके विपरीत चल रहे हैं। बस्ती से सांसद युवा नेता हरीश द्विवेदी ने तो साफ कहा है कि वेतन से कोई सांसद, मंत्री अपना चुनाव क्षेत्र नहीं चला सकता। अगर चुनाव क्षेत्र में कुछ करना है तो फिर चोरी तो करनी ही पड़ेगी।
सांसद द्विवेदी ने अपने वेतन के बारे में कहा कि है सांसद से अधिक वेतन तो प्राइमरी के अध्यापक को मिलता है। उन्होंने अपने वेतन को लेकर विवादित बयान दिया है।
बस्ती के जिला पंचायत सभागार में आयोजित युवा संवाद में द्विवेदी ने कहा कि नेताओं को वर्तमान व्यवस्था में कमी के चलते चोरी करनी पड़ती है। उन्होंने मंत्रियों, राजनेताओं के खर्च के बारे में कहा कि वेतन से कोई सांसद, मंत्री अपना चुनाव क्षेत्र नहीं चला सकता। उसके लिए धन प्राप्ति के लिए अन्य उपाय करने पड़ते हैं।
सांसद द्विवेदी ने कहा कि एक सांसद को अपना काम ठीक से करने के लिए कम से कम बारह कर्मचारियों की आवश्यकता है, लेकिन वेतन वरिष्ठ प्राइमरी के अध्यापक से भी कम है तो चोरी तो करनी ही पड़ेगी। उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं से इस विषय पर चर्चा भी करने की बात कही है। इसके साथ ही साथ ही उन्होंने केजरीवाल सरकार के विधानसभा में भत्ते बढ़ाने की प्रशंसा भी की।
द्विवेदी से जब एक युवक ने कहा कि क्षेत्र में आप बेहतर काम कैसे करेंगे तो उन्होंने दो-टूक जवाब दिया कि आप हमारे यहां आएंगे कहेगें कि सांसद जी पत्र लिख दीजिए, अगर हम कहें कि जाकर टाइप करवा लीजिए तो आप क्या कहेगें? तो हमें टाइपिस्ट रखने की जरूरत है, पानी पिलाने वाला, खाना बनाने वाला सब रखना है। अगर आप चाहते हैं कि कोई सांसद, विधायक, मंत्री चोरी न करे तो उसकी सुविधाएं बढ़ाइए। आप हमारी भी तो मजबूरी समझिए। सिर्फ आपकी ही मजबूरी नहीं है।