पति को जानवरों की तरह जंजीरों से जकड दिया

सैड सांग

सम्‍पत्ति के चक्‍कर में पति पर ढाये जुल्‍म

एक साल से पत्नी ने बंधक बना कर रखा पति को

पति पत्नी के रिश्‍ते को किया कलंकित

कचेहरी पहुंच कर अपनी गाथा सुनाई कैलाश

किसी को भी अपने कानों पर यकीन नहीं होगा कि एक पत्‍नी अपने पति को इस कदर प्रताडित करती रही कि वह पागलपन की हालत तक पहुंच गया। इतना ही नहीं, पत्‍नी ने यह हरकत केवल अपने पति की पैत्रिक सम्‍पत्ति को कब्‍जाने के लिए की। इस पूरे दौरान वह अपने पति को घर के भीरत ही जंजीरों से जकडे रहती थी और उसे घर से कभी भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। बहरहाल, अब यह मामला पुलिस के हवाले कर दिया गया है। मामले की छानबीन शुरू कर दी गयी है। पति पत्नी के रिश्‍ते को कलंकित करती हुई एक घटना घटी है हरियाणा के रेवाडी में, जहां एक अपने 50 वर्षीय पति को एक पत्नी ने जंजीरों मे जकड कर पेड से बांध रखा था। कैलाश शर्मा जंजीरो मे जकडे हुए अपने छोटे भाई और जीजा रामकंवर के साथ सीधे पहुंचा जिला अधिकारी कार्यालय में। और  वहां उसने अपनी आपबीती अधिकारियो को सुनायी जिससे सभी सन्न रह गये। कैलाश शर्मा का कहना है कि जमीन हडपने के चक्कर मे वह उसे मारना चाहती है।

वहीं कैलाष की पत्नी सरला देवी कहती है कि उनके पति मानसिक रूप से बीमार है इसलिये उन्हे बांध कर रखना पडता है और अगर खुला छोड दो तो बच्चो से और मुझसे मारपीट करते है। पत्नी का आरोप है कि उसके ससुराल वाले जमीन पर कब्जा करने के लिये उसके पति को गुमराह कर है। जबकि परिजनो का कहना है कि हमे जमीन नही चाहिये बस कैलाश को सुबह शाम खाना मिल जाया करे और उसकी जानमाल की सुरक्षा हो जाये।

कैलाश ने पुलिस और जिला संरक्षण अधिकारियों को बताया करीब पांच साल पहले तक वह जमींदारा और मिस्त्री का काम कर खुशहाली का जीवन व्यतीत कर रहा था। चार साल पहले वह बीमार हो गया।यहां की दवाई ने काम नहीं किया तो जयपुर इलाज कराने चला गया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ। कमजोरी बढ़ती चली गईं। कैलाश ने बताया कि उसके बीमार रहने से उसकी पत्नी ने उसके साथ दूरियां बनानी शुरू कर दीं। नौबत यह हो गई कि उसके मानसिक तौर पर टार्चर किए जाने लगा। पत्नी ने बच्चों को भी मेरे खिलाफ तैयार कर दिया। कैलाश के पांच बेटियां और एक बेटा है। दो बेटियों की शादी हो चुकी है और वह कई सालों से अपने परिजनों से अलग रह रहा है।

पांच भाइयों में दूसरे नंबर का कैलाश 21 नवंबर क ी दोपहर को नीम के पेड़ से बंधा हुआ था। जिस जंजीर से उसे पेड़ से बांधा हुआ था, उसका ताला अचानक खुल गया। कैलाश जंजीर को खोलने में कामयाब हो गया। पता चलते ही उसकी पत्नी और बच्चों ने पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह भाग निकलने में कामयाब हो गया और खेतों से होता हुआ आठ किमी दूर गांव रोलियावास अपने जीजा रामकंवर के पास पहुंच गया। रामकंवर उसे लेकर उसके भाइयों के पास ले आया। कैलाश का छोटा भाई सतबीर उसे लेकर जिला सचिवालय आया और जिला संरक्षण अधिकारी कार्यालय पेश हो किया। कैलाष की इच्छा है कि वह अपने माता पिता के पास रहे।

 

 

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