बदतमीज दयाशंकर सिंह नहीं, भाजपाई संस्‍कार है

मेरा कोना

: क्‍या भाजपा नेतृत्‍व को नहीं पता था कि दयाशंकर नेता नहीं, निहायत बदतमीज शख्‍स हैं : आजम खान की शैली में राजनीति के शौक ने मिट्टी पलीत कर दी, भाजपा ने मरे चूहे की तरह निकाल फेंका : पहले तो शेर की तरह बहुत गुर्राये, जब पूंछ फंसी तो भीगी बिल्‍ली बन गये :

कुमार सौवीर

लखनऊ : यूपी की भाजपा ने हाल ही जिस शख्‍स को अपना उपाध्‍यक्ष बनाया है, उसने आज भाजपा के चेहरे पर एक अमिट कालिख पोत डाली। लेकिन अब इस घटना ने अब केवल भाजपा की ही नहीं, बल्कि देश में नेताओं की भाषा, उनकी सोच, उनकी रणनीति और उनके हाव-भाव को बेपर्दा कर दिया है। समाजवादी पार्टी को छोड़कर बाकी स ारे सारे दलों ने भाजपा का जमकर तियां-पांचा किया है। संसद में भी एकसुर से भाजपा के इस निकृष्‍ट नेता की लानत-मलामत की गयी। बसपा ने तय किया है कि वह भाजपाई सोच के खिलाफ अब जंग छेड़ेगी। ताजा घटनाक्रम के तहत बसपा ने आज देर शाम भाजपा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष दयाशंकर सिंह के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करा दिया है।

आपको बता दें कि दयाशंकर सिंह ने मंगलवार को चुनाव की तैयारी में उम्‍मदवारों से पार्टी सिम्‍बल हासिल करने के लिए बसपा द्वारा की जा रही खरीद-फरोख्‍त पर सवाल उठाया था। पार्टी में उपाध्‍यक्ष की कुर्सी हासिल करने की खुशी में पूर्वांचल की यात्रा पर निकल पड़े दयाशंकर सिंह को मऊ में ही जबर्दस्‍त मात तो मिल ही गयी, भाजपा की भी ऐसी की तैसी करा दी दयाशंकर सिंह ने। मऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दयाशंकर सिंह ने मायावती पर एक निहायत अभद्र टिप्पणी कर दी। वे बोले कि पार्टी टिकट को लेकर मायावती जिस तरह से मोलभाव कर रही हैं इस तरह एक वेश्या भी अपने पेशे को लेकर नहीं करती है।

जाहिर है कि यह खबर जंगल की आग की तरह भड़क गयी। देश भर में हंगामा हुआ। राज्‍यसभा में तो आग सी लग गयी। सतीश चंद्र मिश्र ने इस बयान पर सख्‍त आपत्ति की और कहा कि इस बयान ने भाजपा का चरित्र ही नंगा हो गया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि दयाशंकर सिंह के खिलाफ अब वे आपराधिक मामला दर्ज करायेंगे। बसपा की मुखिया मायावती ने भी इस मामले पर अपना सख्‍त ऐतराज जताया है।

जाहिर है कि इस हंगामे को लेकर भाजपा का नेतृत्‍व खामोश नहीं रह पाया। यूपी विधानसभा के सिर पर चढ़े चुनाव के माहौल में दलित वोट भाजपा के लिए कितना महत्‍वपूर्ण है, इसका अहसास भाजपा को खूब है। इसी के चलते इस बयान की खबर पाते ही प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने बहुजन समाज पार्टी बसपा प्रमुख मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने वाले दयाशंकर सिंह को प्रदेश भाजपा में उपाध्‍यक्ष के पद से हटा दिया। यह हालत दयाशंकर सिंह को पार्टी से निकाल बाहर करने जैसी ही है। आप गौर कीजिए कि मौर्य ने कहा कि पार्टी ने दयाशंकर सिंह को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है। श्री मौर्य ने इस के साथ ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी भी दी है कि वे आइंदा कोई भी बयान देने में भाषा का ध्यान रखें।

उधर इस मामले पर हंगामा और केशव प्रसाद मौर्या के तेवरों को भांपते ही दयाशंकर सिंह बिल्‍कुल भीगी बिल्‍ली हो गये। आनन-फानन उन्होंने माफी मांग ली और यह भी कह दिया कि अगर बसपा चाहे तो उन्‍हें जेल भिजवा दे। वैसे देर शाम लखनऊ में दर्ज करायी गयी एक एफआईआर से तो स्‍पष्‍ट हो गया है कि बसपा इस मामले में दयाशंकर सिंह को माफ करने के मूड में कत्‍तई नहीं है। हालांकि भाजपा पर कोई रवैया अभी तक बसपा ने नहीं दिखाया है, लेकिन इतना तो तय ही है कि इस मामले में दयाशंकर सिंह को जेल तो जाना ही पड़ेगा।

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