करोड़ों उगाह दैनिक भास्कर का मालिक-मुख्तार रफूचक्कर

दोलत्ती

: बनारस वाली दुकान लापता, शटर गिरा, ताला बंद : हर ऐरे-गैरे नत्थू-खैरे से मोटी रकम उगाही थी पत्रकार बनाने के नाम पर : जिम्‍मेदारी अब न संपादक जिम्मेदारी ले रहा है, न प्रकाशक : भास्‍कर का असल मालिक कौन है, पता ही नहीं :
कुमार सौवीर
लखनऊ : दैनिक भास्‍कर में काफी गड़बड़ हो रही है। सनसनीखेज खबर तो यह है कि दैनिक भास्‍कर के वाराणसी एडीशन वाली दूकान लापता हो गयी है, शटर गिरा दिया गया है और ताला बंद है। हैरत की बात तो यह है कि यह ऐलान खुद इस अखबार के मुद्रक और प्रकाशक ने किया है। जाहिर है कि इस खबर से इस अखबार से जुड़े पत्रकार, विज्ञापनकर्मी और विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है। हालांकि वाराणसी संस्‍करण के संपादक वरूण उपाध्‍याय इस मसले पर आंशिक जानकारी ही दे पा रहे हैं।
कोई ललन मिश्र हैं। खुद को मुद्रक और प्रकाशक के तौर पर पेश कर रहे हैं। उनके दावे के मुताबिक तो इस अखबार की बनारस वाली दूकान बंद कर दी गयी है। ललन मिश्र ने इस बंदी का कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन हवा-हवाई ऐलान करते हुए कहा है कि अखबार के सारे लोग अब लखनऊ से संपर्क करें। लेकिन यह संपर्क भी हवा-हवाई बताया गया है। न कोई पता दिया गया है और न हीं सम्‍पर्क करने-कराने वाले का अता-पता, फोन नम्‍बर या दफ्तर का कोई एड्रेस। एक पीडि़त भास्‍कर के पत्रकार ने दोलत्‍ती संवाददाता को बताया कि भास्‍कर में खुद को लखनऊ स्‍टाफ कहलाने वाले सारे लोग एक नम्‍बर के काइयां और बेईमान हैं। जैसा मुद्रक और प्रकाशक, वैसा ही यहां के पत्रकारा कोई किसी को संतुष्‍टजनक जवाब देने को तैयार नहीं। मामला छिपा-छिपाया दिखाया जा रहा है। मानो, भास्‍कर खुद ही एक बडा बेईमान, और लैमार संगठन नामक गिरोह हो।
भास्‍कर के सूत्रों ने बताया कि यह अपने आप में एक बड़ा घोटाला है। सूत्रों के मुताबिक वाट्सऐप पर ललन मिश्र ने अपने दैनिक भास्‍कर अखबार के स्‍टाफ को एक प्रेमपत्र भेजा है। लिखा है:-
प्रिय साथियों,
आपका दिन मंगलमय हो,
आपको सूचित किया जाता है कि प्रबंधन के निर्देशानुसार अपरिहार्य कारणों से दैनिक भास्कर, वाराणसी संस्करण को बंद कर दिया गया है, जिससे यह अंक आपको नहीं मिलेगा। हालांकि हमलोग संस्थान से जुड़े हुए विभिन्न प्रतिनिधियों/एजेंट्स को यह आश्वस्त करते हैं कि संस्थान के प्रति आपकी निष्ठा व समर्पण का सदुपयोग पूर्व की भांति ही दैनिक भास्कर, लखनऊ संस्करण में किया जाएगा।
अतः पूर्व में लखनऊ संस्करण से वाराणसी संस्करण में शामिल किए गए सभी प्रतिनिधियों/एजेंट्स या फिर बाद में जुड़े प्रतिनिधियों/एजेंट्स से अनुरोध है कि आप अपनी प्रेस रिलीज, उपयोगी कंटेंट और विज्ञापन सामग्री को निम्नलिखित ईमेल आईडी bhaskarlucknownews@gmail.com पर ही भेजें। ताकि उसका उपयोग सम्बन्धित पृष्ठ पर किया जा सके। वहीं, उक्त निर्देशों का पालन नहीं करने वाले प्रतिनिधियों/एजेंट्स को यह आगाह किया जाता है कि इस कृत्य के लिए आप खुद ही जिम्मेदार होंगे।
आपका शुभेच्छु
ललन मिश्रा
मुद्रक एवं प्रकाशक
8527029188

उधर वाराणसी दैनिक भास्‍कर के संपादक वरूण उपाध्‍याय का कहना है कि इस समय संस्‍थान में कुछ दिक्‍कतें आ रही हैं। हालांकि उनका कहना है कि यह अखबार अभी भी निरंतर प्रकाशित हो रहा है। उन्‍होंने इस अखबार के मालिक संजय अग्रवाल का फोन नम्‍बर देकर कहा कि दोलत्‍ती टीम इस बारे में जो भी पूछना चाहे, पूछ सकती है। लेकिन काफी प्रयासों के बावजूद संजय अग्रवाल का फोन नम्‍बर नहीं उठा।

( दैनिक भास्‍कर की इस करतूत ने साबित कर दिया है कि यह संस्‍थान वाकई लूटपाट करने वालों का गिरोह बन चुका है। हैरत की बात तो यह है कि यह तक नहीं पता चल पा रहा है कि यह अखबार किसका है और कौन किसका कर्मचारी है। दोलत्‍ती संवाददाता इस पूरे प्रकरण को बेपर्दा करने के अभियान में जुटने जा रहा है। जो भी इस दैनिक अखबार की करतूतों से पीडि़त हों, या इस गिरोह की जानकारी से अवगत हों, कृपया दोलत्‍ती टीम से सम्‍पर्क करें। आपका सहयोग पत्रकारिता में धंधे काले धंधे चलाने वालों को नंगा करने में सहयोगी बन सकता है:- कुमार सौवीर, संपादक)

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