दैनिक भास्कर ! तूने कुलपति से असली सवाल क्यों नहीं पूछा?

: लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति हो, मगर दमन पर इतने दाग क्यों : प्रो विनय पाठक की करतूतों जैसे आरोप तो प्रो आलोक राय पर भी हैं : 102 साल का सिजरा नहीं, आलोक राय के कार्यकाल को खंगालो न : कुमार सौवीर लखनऊ : गुजिश्ता खबरनवीसी यानी पहले दौर की पत्रकारिता का मकसद हुआ […]

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पद्मश्री: ढाई हजार लाश को पचीस हजार गिन डाला पत्रकारों ने

: मीडिया की नजर में लावारिस लाशों का धाम है अयोध्‍या : 30 बरस पहले इसी मीडिया ने जहर फैलाया था कि सरयू का जल खून से रंग गया : झूठे आंकड़े परोसने में हिन्‍दू-वादी टीवी चैनल और अखबार अव्‍वल : मूर्खताओं को सच का मुलम्‍मा पहनानाने वास्‍तविकता कराहने लगती :  कुमार सौवीर फैजाबाद : […]

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करोड़ों उगाह दैनिक भास्कर का मालिक-मुख्तार रफूचक्कर

: बनारस वाली दुकान लापता, शटर गिरा, ताला बंद : हर ऐरे-गैरे नत्थू-खैरे से मोटी रकम उगाही थी पत्रकार बनाने के नाम पर : जिम्‍मेदारी अब न संपादक जिम्मेदारी ले रहा है, न प्रकाशक : भास्‍कर का असल मालिक कौन है, पता ही नहीं : कुमार सौवीर लखनऊ : दैनिक भास्‍कर में काफी गड़बड़ हो […]

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