: कोरोना में लगाये गये है ऐसे-कैसे लोग :पहाडा-डीएम का फोन घंटों तक बंद : सीएमओ, सीएमएस पार्टियों में, एक तो छिनरपन में कुख्यात-4 :
कुमार सौवीर
लखनऊ : (गतांक से आगे) जौनपुर में दुबई से एक व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव मिला, तो शहर में हंगामा खड़ा गया। दहशत तब और बढी, जब जलालपुर में एक संदिग्ध मरीज दिखा। वैसे भी पिछले महीने के दौरान अनुमान के तहत दिल्ली, मुम्बई, पंजाब, हरियाणा और कलकत्ता में कामधाम में गये लोगों में से करीब सवा लाख लोग जौनपुर में वापस आ चुके हैं। यही हालत पूर्वाचल के बाकी जिलों में भी है। लेकिन इस मरीज को देखने के लिए सरकारी एजेंंसी के किसी भी ने मरीज तक नहीं उठाया।
जब दोलत्ती संवाददाता ने डीएम दिनेश कुमार सिंह को फोन किया, तो उनका सरकारी सीओजी फोन घंटों तक बंद मिला। उनके आफिस से बताया गया कि साहब गांव में दौरा करने गये हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि पहाडाबाबू के नाम से विख्यात डीएम साहब उस दौरान बाकायदा खर्राटे भर रहा है। और हैरत की बात है कि फोन आफ होने के बावजूद जिले में डीएम के मुंंहलगे पत्रकार उस डीएम की ओर से बाकायदा प्रेस-सूचनाएं भी वाटसऐप पर प्रसारित कर रहे हैं। है न हैरत की बात।
जौनपुर का सीएमओ ठहाके लगाते मिला। फोन पर पहले तो उसके कई लोगों के साथ ठहाके लगते रहे, और बाद में जब फोन उठा तो सवाल का जवाब देने के बजाय सीएमओ बोला कि बाद में फोन करना। बाद में पता चला कि उस दौरान सीएमओ एक पार्टी में मस्त था, जब जिला महामारी वाले कोरोना के खूनी शिकंजे में कस रहा था।
वैसे भी यहां का सीएमएस सरकारी अस्पतालों में डयूटी के बजाय मोटी उगाही के लिए प्राइवेट प्रैक्टिस और अपनी सिटियाबाजी के लिए ज्यादा मशहूर है। नाम है अनिल कुमार शर्मा। सर्जन है अनिल शर्मा जिसने निजी प्रैक्टिस के लिए एक व्यक्ति को जान से मार डाला। ऐसे ही सीएमओ और सीएमएस को जिले की स्वास्थ्य का जिम्मा दिया गया है।
भदोही का सीएमएस तो बाकायदा साइलेंट किलर निकला। 23 मार्च को डीएम राजेंद्र सिंह ने कोरोना पर मीटिंग की, लेकिन उसमें यह सीएमएस आया ही नहीं। पता चला कि किसी दूसरे जिले में घूमने गया था। बिना बताये। अब डीएम ने उस पर एफआईआर दर्ज करा दी है। (क्रमश:)