कोरोना पहुंचा जौनपुर: डीएम खर्राटे में, सीएमओ ठहाके में

दोलत्ती

: शहर में एक में पुष्टि, जलालपुर में एक बीमार मिला : दसियों हजार घुस चुके जौनपुर में, प्रशासन बेखबर : पूर्वांचल में प्रवासियों की राजधानी है जौनपुर-1 : 
कुमार सौवीर
लखनउ : पूरी दुनिया में महामारी का सबब बन चुके कोराना-वायरस ने जौनपुर में भी अपना मकान खोज लिया है। फिलहाल एक मरीज में कोरोना होने की पुष्टि हो चुकी है। पता चला है कि स्थानीय नगर कोतवाली के फिरोसेपुर निवासी मोहम्मद असद पुत्र अशरफ में कोरोना की जहां पॉजिटिव पायी गयी है। मोहम्मद असद अभी चार दिन पहले ही दुबई से लौट कर जौनपुर आया था। जिले में हालत डरावनी होती जा रही है। इतना ही नहीं, जिले में कोरोना के संक्रमण की भारी आशंका भी जतायी जा रही है। कहने की जरूरत नहीं कि देश-विदेश में बसे भारतीय प्रवासियों की जौनपुर भूमि माना जाता है।
लेकिन अभी तक यह खुलासा नहीं हो पाया है कि मोहम्मद हारून को कहां पर रखा गया है और उसके साथ कितने लोगों में संक्रमण होने की आशंका हो सकती है, कितने लोगों से वह सम्पर्क में आ चुका है और जिले में कितने लोगों को कोरंटाइन किया जा चुका है। यह भी नहीं पता चल पाया है कि कोरोना के चलते देश के विभिन्न इलाकों से भाग कर जिले में पहुंचे भारी तादात में लोगों की जांच करने के लिए प्रशासन क्या कर रहा है।
कोरोना-वायरस नामक मौत ने जौनपुर की कुण्डी खटखटा दी है, लेकिन इस भयावह खतरे से निपटने के लिए प्रशासन कितना सतर्क है, इस​का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि स्कूलों में बच्चों से पहाडा सुनाने के लिए “सुविख्यात” जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह का फोन शाम से ही बंद है। उधर दोलत्ती संवाददाता ने जब जिले के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को फोन कर जानकारी चाही, तो पता चला कि वे किसी पार्टी में व्यस्त हैं। फोन पर ठहाकों की आवाजें साफ आ रही थीं। हालांकि सीएमओ ने फोन उठाया, लेकिन सिर्फ इतना कह कर फोन काट दिया कि वे बाद में बात करेंगे। हालांकि उनका फोन अब तक वापस नहीं आया।
प्रवासियों के लिए विश्व-विख्यात जौनपुर में कोरोना वायरस के चलते यहां की स्थिति कितनी बदहाल हो चुकी है, उसे केवल इसी तथ्य से आंका जा सकता है कि यहां की एक ग्राम पंचायत में पिछले पांच दिनों के भीतर करीब सात सौ लोग जौनपुर में वापस लौट आये हैं। जाहिर है कि इससे जौनपुर और आसपास के इलाके में कोरोना संक्रमण की आशंका भयावह हो सकती हैं।
लेकिन इस डरावनी हालत के बावजूद प्रशासन की गम्भीरता का अंदाजा आपको केवल इसी बात से लग सकता है, कि यहां के एक गांव में कोरोना के एक संदिग्ध मरीज की खबर होने के बावजूद प्रशासन आज पूरे दिन हाथ पर हाथ धरे बैठा ही रहा है। ऐसी हालत में इस जिले की बदहालत कितनी खतरनाक हो सकती है, इससे लोग बुरी तरह डरे हुए हैं।
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर दूर जलालपुर ब्लाक स्थित हरीपुर गांव ग्रामपंचायत में कल दोपहर दिल्ली से एक व्यक्ति आया था। इस व्यक्ति की पहचान इसी गांव के सुदामा नागर मल्लाह के तौर पर हुई है। करीब पत्नी और तीन बेटियों के पिता 40 बरस का जगजीवन गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली में रेहडी लगाता है। कल 22 मार्च की दोपहर वह बस से जौनपुर पहुंचा। सुबह के समय गांववालों को उसकी हालत का अहसास हुआ। इस पर गांव के प्रधान विनोद पाल ने एम्बुलेंस और स्वास्थ्य विभाग समेत स्थानीय प्रशासन को इस बीमार के बारे में जानकारी दी। विनोद पाल बताते हैं कि आज कई बार फोन करने के बावजूद न तो कोई एम्बुलेंस आयी, और न ही कोई ठोस जानकारी मिल ही पायी। जिस भी नम्बर पर फोन बात हुई, उसमें विनोद पाल को दूसरा नम्बर बता कर बताया गया कि विनोद वहां पर खबर करें। लेकिन विनोद पाल बताते हैं कि अब तक कोई भी सरकारी अमला या मदद गांव तक नहीं पहुंची है। इस हालत के चलते इस पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
आपको बता दें कि जौनपुर की एक बडी आबादी रोजगार के लिए मुम्बई और दिल्ली ही नहीं, बल्कि गाजियाबाद, नोएडा, गुडगांव, चंडीगढ, अमतसर, जालंधर और कलकत्ता जैसे महानगरों में जाती है या वहीं पर बस चुकी है। लेकिन कोरोना की दहशत से वहां भगदड मच गयी है।

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