गुरमीत समेत 11 बाबाओं का पत्‍ता होगा, आंच राधे मां पर भी

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: ट्रांस-जेंडर यानी किन्‍नर व परी अखाड़ों पर सख्‍त बहिष्‍कार का प्रस्‍ताव पारित हो सकता है : अलग मंच लगा कर कथावाचन की दूकानें खोलने वालों पर प्रतिबंध लगेगा : राधे मां समेत कई महिलाओं बाबाओं पर भी लगाम कसी जा सकती है :

कुमार सौवीर

इलाहाबाद : अर्द्ध-कुम्‍भ की तैयारियों को लेकर आज रविवार को यहां होने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक की तैयारियां अब लगभग पूरी हो चुकी हैं। बस चंद घंटों बाद ही अखाड़ा परिषद की बैठक शुरू हो जाएगी। इस बैठक के बारे में तय माना जा रहा है कि इसमें जिन तथाकथित और दागी बाबाओं को निकाल बाहर करने का फैसला होना है, उसमें सच्‍चा सौदा डेरा का गुरमीत रामरहीम सिंह सर्वोच्‍च है। वैसे अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इस बैठक में राधे मां जैसी कई महिलाओं पर भी चर्चा हो सकती है। बहरहाल, इस बार के अर्द्ध-कुम्‍भ में अलग मंच लगा कर कथाएं बांचने वालों पर रोक लगायी जा सकती है। इतना ही नहीं, ट्रांस-जेंडर यानी किन्‍नर और परी अखाड़ों पर भी कड़ा प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

मिली खबरों के अनुसार डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 20 साल जेल की सजा के बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बड़ा फैसला किया है। मिली खबरों के अनुसार परिषद ने 11 बाबाओं को फर्जी मानते हुए उनकी सूची तैयार की है, जिसे 10 सितंबर को इलाहाबाद के मठ बाघम्बरी गद्दी में बुलाई गई बैठक में सार्वजनिक किया जाएगा। इसमें उनके सामूहिक बहिष्कार का भी फैसला किया जाएगा।

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम साध्वियों से यौन शोषण के आरोप में जेल में सजा काट रहा है। संतों का इस मामले में साफ मानना है कि गुरमीत की करतूतों को लेकर पूरा संत समाज पर बेहद शर्मनाक मोड़ पर आना पड़ा है। और इस मामले को बिना निपटाये इस संकट और कलंक को साफ नहीं किया जा सकता है।

इतना ही नहीं, डेरा सच्‍चा सौदा के कई डेरों पर गुरमीत की गिरफ्तारी के बाद डाले गये छापों में गुरमीत और उसकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को लेकर जो बेहद अश्‍लील और आपत्तिजनक फोटोज-वीडियोज आदि बरामद हुए हैं, उससे संत समुदाय बेहद दुखी और शर्मसार भी है। ठीक यही हालत राधे मां को लेकर भी है।

सूत्र बताते हैं कि इसके पहले निर्मल बाबा, रामपाल, राधे मां सहित कई धर्मगुरु विवादों में रहे हैं। इसके मद्देनजर अखाड़ा परिषद की होने वाली बैठक का प्रमुख मुद्दा फर्जी बाबाओं पर नकेल लगाना होगा। परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि फर्जी धर्मगुरुओं से सनातन धर्म के स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है। तय तो यह भी किया जा रहा है कि जो नुकसान इन जैसे पातकियों के चलते हुए हुआ है, उसकी भरपाई कैसे हो जा सकती है।

महंथ गिरी का कहना है कि अब सारे अखाड़ा उन सभी फर्जी धर्मगुरुओं की सूची बनाकर उसे केंद्र व सभी राज्य सरकारों, चारों पीठ के शंकराचार्य व 13 अखाड़ा के पीठाधीश्वरों को भेजकर सामूहिक बहिष्कार करेंगे। उन्हें कुंभ, अर्धकुंभ, अन्य धार्मिक मेलों में सरकारी सुविधा न मिले, उसकी पहल होगी। इसके अलावा किन्नर व परी अखाड़ा का बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित होगा। अलग-अलग मंचों पर कथावाचन करने वाले धर्मगुरुओं पर संत लिखने पर रोक लगाई जाएगी। अखाड़ा परिषद का मानना है कि जो धर्म के लिए समर्पित है, वही संत है, जबकि अधिकतर कथावाचक गृहस्थ हैं।

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