: ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हम 102 वें नम्बर पर हैं। बेरोजगारों का आंकड़ा 23 प्रतिशत से कुछ ज्यादा ही है : त्वरा, संक्षेप और चुटीली बातें करते हैं अतुल शुक्ला :
अतुल शुक्ला
गोरखपुर : सरकार से मगन मित्र ने सवाल दागा- “चाइना की फटी पड़ी है। आप क्या कहते हैं?”
मैंने कहा- “साहब अभी तो कोरोना में हमारी ही फ़टी पड़ी है। मोची नही मिल रहा है।”
वह कहने लगे- “आप तो आदमी ही निगेटिव हैं। दुनिया भर में आज भारत की क्या पोजीशन है, आप क्या जानेंगे!”
हमने कहा- “नेगेटिव हैं, तभी तो आपके सामने खड़े हैं। पॉजिटिव होते तो कहीं क्वारन्टीन होकर पड़े रहते! और रही बात दुनिया में पोजिशन की… तो ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हम 102 वें नम्बर पर हैं। बेरोजगारों का आंकड़ा 23 प्रतिशत से कुछ ज्यादा ही है!”
वह- “बस तेईसे न! इतना ज्यादा नही है।”
हम- “23 मतलब तीस करोड़। आपको पता है, अमेरिका की आबादी भी इतनी ही है करीब!”
वह- “तो क्या हुआ? डंका तो बज रहा है न”
हम- “इसे आप डंका मानते हों तो बजै रहा है। बाकी हमने तो इस तरह का डंका बजाने के लिये वोट नही दिया था!”
वह- “तो क्या बकौल आपके, पिछली सरकारें अच्छी थीं?”
हम- “ऐसा तो हमने नही कहा!”
वह- “तो आपका मतलब ये सरकार बेकार है?”
हम- “ऐसा भी हमने नहीं कहा!”
वह- “तो फिर कहना क्या चाहते हैं आप? साफ बोलिये न”
हम- “साफ सुनेंगे? तो सुनिये— जौन चूतिया रानी के, तौने चूतिया कानी के!”
( त्वरा, संक्षेप और चुटीली बातें करते हैं अतुल शुक्ला। बिलकुल टिकटॉक टाइप। तनिक भी चूके नहीं, कि फिर या तो खच्चाक से टरेन के नीचे, या फिर बुड़की मार के नदी-नाले में गड़ाम ते। गोरखपुर में रह कर मछन्दर बचा-मचा रहे हैं।
आपने लास्ट में डॉलर का इस्तेमाल नही किया।😂
जबरदस्त👌👌👌