: फिल्म निर्माताओं का दावा कि छपाक में नदीम को राजेश नहीं बनाया : दिल्ली के खान मार्केट नदीम ने लक्ष्मी पर एसिड फेंका था :
दोलत्ती संवाददाता
नई दिल्ली : तेजाब की झुलसा डालने वाली कहानी को लेकर दीपिका पादकोणे की फिल्म छपाक की गूंज इस वक्त पूरे देश में है। उनके भी दिल-दिमाग में यह आवाज गूंज रही है, जिनके पास एक धड़कता दिल मौजूद है, लेकिन वे भी छपाक में खूब कूद रहे हैं, जिनके पास दर्द और अहसास का कोई नामोनिशान तक नहीं होता। आइये, यह तो देख-समझ लीजिए कि आखिर छपाक की असल कहानी है क्या।
सन 2005 में लक्ष्मी अग्रवाल (जो कि उस समय 15 साल की स्टूडेंट थीं) नई दिल्ली के खान मार्केट में एक बुकस्टोर पर जा रही थी. तभी 32 साल के नदीम ने लक्ष्मी पर एसिड फेंका था. क्योंकि लक्ष्मी लोअर मिडिल क्लास परिवार से थीं इसलिए वो बुकस्टोर पर काम कर फैमिली को सपोर्ट करती थीं. लक्ष्मी का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने नदीम खान के शादी के प्रपोजल को ठुकरा दिया था.
आपको बता दें कि दीपिका की यह फिल्म 10 जनवरी को रिलीज हो रही है। हालांकि छपाक के परदे पर आने के बाद ही यह पता चल सकेगा कि आरोपी का नाम बदला गया है या नहीं। लेकिन फिल्म के प्रोड्सर्स का दावा है कि छपाक में नदीम का नाम ही रखा गया है, उसे राजेश के तौर पर पेश करने की कोई भी कोशिश इस फिल्म में नहीं की गयी है।
हालांकि फिल्म में लक्ष्मी अग्रवाल का नाम भी मालती रखा गया है. लेकिन नाम के साथ धर्म बदलने पर सोशल मीडिया पर मेकर्स को नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.