: चंदौली में गैंग-रेप के बाद नाबालिग बच्ची को जिन्दा फूंक डाला गया : हादसे की खबर के बावजूद नहीं पहुंची मौके पर पुलिस : मुगलसराय का पत्रकार इस मेरी बिटिया की मौत पर इंसाफ की पहलकदमी में जुटा :
राजीव गुप्ता
चंदौली : उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के मुगलसराय में 24 अप्रैल को एक नाबालिग की गैंगरेप के बाद गला घोंटकर नृशंश हत्या और शव को जलाकर उसे आत्महत्या का रुप देकर जबरिया दफनाकर साक्ष्य मिटाने के बाद बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रही पीड़ित माँ को आखिरकार मीडिया में खबर आने के बाद घटना के 13 दिन बाद शव को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया तो पीड़िता को न्याय की उम्मीद जगी थी लेकिन पुलिस के असहयोग और हिला हवाली और आम जनता की चुप्पी जो कभी दिल्ली में घटे निर्भया काण्ड के बाद कैंडल मार्च और जगह जगह धरना प्रदर्शन किया करते थे उनके लिए कई सवाल छोड़ गए है। मैं आज काफी व्यथित हूँ और प्रदेश की सरकार और आमजनों के लिए कुछ सवाल जो मेरे मन में कौंध रहे हैं छोड़ रहा हूँ-……….
1.घटना की सूचना के बाद आयी 100 नंबर पुलिस ने क्यों नहीं कार्यवाही की और उस जगह को सील किया जहाँ घटना घटी थी?
2. कुड़ाबाज़ार पुलिस चौकी प्रभारी ने 10 दिनों तक जानकारी के बावजूद कोई कार्यवाही क्यों नहीं की?
3.मीडिया में खबर आने के बाद जिला प्रशासन ने जाँच के आदेश देकर कब्र तो खुदवा दिए लेकिन पुलिस द्वारा कार्यवाई में देरी के लिए कोई कार्यवाही क्योंकर नहीं की ?
4. पोस्टमार्टम भी संदेह जे घेरे में है क्योंकि जब मामला गंभीर हो और शव की स्थिति ख़राब हो तो 3 सदस्यीय टीम व फोरेंसिक टीम के साथ ही वीडियोग्राफी के साये में पोस्टमार्टम होनी चाहिए थी जिसमे एक्सपर्ट द्वारा नाखुनो के साथ ही कई जगहों की फोरेंसिक जाँच और डीएनए टेस्ट करायी जाती।
5.पोस्टमार्टम के लिये पुलिस द्वारा मेडिकल बोर्ड बनाने की मांग सीएमओ से लिखित रूप में की गयी है कि नहीं यह भी जाँच का विषय है।
6. घटनास्थल की अभी तक फॉरेंसिक जाँच भी नहीं करायी गयी और ना ही उस स्थान को सील हिबकिया गया। जो पुलिसिया कृत्य पर सवाल खड़े कर रहा है कही साक्ष्य मिटाने में सहयोग तो नहीं है ?
7.घटनास्थल से मिले लाल कपडे की भी अभी तक जाँच हुई या नहीं हुई इसपर भी सवालिया निशान खड़े हैं। क्या उसका और आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराकर मिलान नहीं कराना चाहिए?
8. सबसे बड़ा सवाल कहाँ गए वो लोग जो दिल्ली में हुये निर्भया कांड के बाद प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाल कर न्याय की मांग कर रहे थे। क्या दिल्ली में हुई घटना ही शर्मनाक थी या फिर दिल्ली मे घटना हो तभी वह देश की बेटी होगी और लोग प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकालकर दोषियों को दण्ड दिलवाने के लिए सड़क पर निकलेंगे?
9. क्या महिलाओं को भी ये बताने की जरुरत है कि मुगलसराय में हुई घटना भी किसी मासूम बेटी के साथ हुई है। क्या उन्हें निर्भया काण्ड के आक्रोश की तरह सड़क पर नहीं उतारना चाहिए ?
10. इस घटना के जिम्मेवार चाहे आरोपी हों या पुलिसकर्मी जिसकी वजह से अभी तक आरोपी जेल नहीं पहुंचे । क्या उनके खिलाफ लोगों को सड़क पर नहीं उतरना चाहिये ?
मैं इन सवालो के साथ आप मित्रों की प्रतिक्रिया जानना चाहता हूँ साथ ही जनपद व प्रदेश के लोगों से यह अपील भी करना चाहता हूँ कि दरिंदगी की शिकार हुई इस बेटी को न्याय दिलाने के लिये आंदोलन के लिए सड़क पर उतरें और निर्भया की तरह इसे भी न्याय मिले ताकि इसकी आत्मा को शांति मिल सके ।
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