बजट-चर्चा की रिपोर्टिंग में एबीपी न्‍यूज का नंगा नाच

दोलत्ती

: इस न्‍यूज चैनल का बजट का प्रमुख हिस्‍सा लगा कि मोदी ने 86 बार ताली बजा दी : वित्‍त मंत्री के ठीक पीछे बैठे आरके सिंह नींद में दीदे नचाते रहे :
कुमार सौवीर
लखनऊ : किसी भी केंद्रीय बजट में ऐसा कुछ भी खास नहीं होता है जो इसके पहले कभी न हुआ हो। चाहे वह पिछले साल का बजट रहा हो, या पिछली सरकार का बजट रहा हो अथवा अंग्रेजों की हुकूमत का बजट। और तो और, ईस्ट इंडिया कंपनी का बजट भी चाणक्य द्वारा तैयार किये गये किसी बजट से कहीं अलग नहीं रहा होगा। उसके पहले भी बुद्धकाल या उसके पहले तक के राजा-महाराजा भी अपने बजट प्रस्‍ताव या रणनीति को ठीक उसी तरीके से तैयार करते रहे होंगे, जिस तरह इस बार हुआ। हां, अगर इनमें कोई फर्क होती होगी तो उसकी वरीयता और प्राथमिकता की। वह भी यह कि कैसी वरीयता और प्राथमिकता बुनी है। सरकार की नीयत और नीति व रणनीति का परिचायक होते हैं ऐसे बजट प्रस्‍ताव। और उसी हिसाब से ही सरकार का चरित्र और उसकी रणनीति को परखा जाता है। उसी आधार पर ही आम आदमी तय करता है कि उसे अगली सरकार किस तरह की चाहिए। व्यवसायी वर्ग भी उसी तरीके से ही अपनी रणनीति तय करते हैं जिससे सरकार का लहजा उनके लाभ में माकूल फिट हो सकें।
लेकिन मीडिया का नजरिया और उसकी सोच का स्तर बिल्कुल अलग होता है। जैसे आज एबीपी न्यूज़ चैनल पर चलाया गया कार्यक्रम। इस चैनल ने अपनी इस बजट-चर्चा पर उसकी किसी खासियत पर चर्चा करने के बजाए जिस तरह इस बजट और उसको लेकर हुई घटनाओं को पेश किया है, वह वाकई कमाल का है। इस एबीपी न्‍यूज चैनल की इस हरकत हमारे देश के न्यूज़ चैनल जगत और उसमें भी एबीपी न्यूज़ जैसे गुलाम पत्रकार समूहों पर आस्थावान लोगों के चेहरे पर एक करारा तमाचा से कम नहीं है। एबीपी न्यूज़ चैनल ने बजट सेशन को किस हिस्से को सबसे ज्यादा प्राथमिकता के तौर पर देखा है और किस तरह अपनी रणनीति का खुलासा किया है, यह इसकी खबर में बाकी चीजों से अलग हटकर एबीपी में जो खास ब्रेकिंग न्यूज़ की है वह है पीएम मोदी ने 86 बार ताली बजाई।
तो यह है हमारा चैनल जगत और खास तौर पर एबीपी न्यूज़ की वह नजर जो उसने बजट सत्र-2020 के सबसे महत्वपूर्ण पक्ष को इसी तरह देखा और परखा है। जाहिर सी बात है कि इस चैनल का मकसद आम आदमी और पाठकों को खबर देने के बजाय उनको भाजपा मोदी समेत सरकार पर बार-बार ताली बजाना ही है। और ऐसी प्राथमिकता एक बनिया ही तय करता है जहां से उसको अधिकतम लाभ मिल रहा हो। यहां प्रधानमंत्री पर आसीन नरेंद्र मोदी ही सबसे बड़ा धन प्रदाता मान चुका है यह एबीपी न्‍यूज चैनल। और तो और, एबीपी न्यूज़ ने इस बजट चर्चा में तालीबाजी का जो प्रदर्शन किया है उसमें कई खास खबरें छूट गई हैं।
सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है बजट सत्र में वित्‍त मंत्री के बजट चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को बार-बार आ रही झपकी। आरके सिंह की इस हरकत को इस समय सोशल मीडिया में बाकायदा वायरल किया जा चुका है जिसमें बजट की बातों से ऊबे आरके सिंह पर नींद का खुमारी बुरी तरह चढ़ा हुआ है। लेकिन अपने आपको चैतन्य साबित करने की फिराक में आरके सिंह अपने दीदे-नयन नचा रहे हैं। गोल-गोल, वह भी किसी जमूरा नहीं बल्कि प्रशिक्षित बंदर से कम नहीं।

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