भाजपा की नींद हराम करता है राहुल गांधी उर्फ पप्पू

दोलत्ती

: पप्पू का नैरेटिव बहुत सोच-समझ कर ही गढ़ा है भाजपा ने : सिर्फ कांग्रेस से ही थरथराती है भाजपा : कटुआ-उन्मूलन को ही सर्वोच्च मिशन मानते हैं हिन्दू-पताका अलंबरदार :
देवेंद्र आर्य
गोरखपुर : दो-तीन बातें एकदम स्पष्ट हैं। भाजपा यदि किसी से डरती है तो वह केवल और केवल कांग्रेस है, भले वह कितनी भी कागज़ी क्यों न रह गयी हो । मोदी यदि किसी से पछाड़ खाते हैं तो वह केवल राहुल गांधी हैं , भले राहुल जनता को कम्यूनिकेट कर पाने में चाहे जितने अक्षम हों । तीसरी बात कांग्रेस ( और वाम दलों को भी ) यह समझ लेनी चाहिए कि भाजपा ने उनके लिए संघर्ष का एक ही बिंदु छोड़ा है और वह है आर्थिक बदहाली । इधर कुआं के रूप में राष्ट्रवाद ( देशप्रेम ) है उधर खाई के रूप में हिन्दुत्व की पताका उठाए ( बहुसंख्यक) मतदाता हैं जिनके लिए रामलला उद्धार और कटुआ उन्मूलन से बड़ी कोई समस्या नहीं और जिसे भाजपा के अलावा और कोई हल नहीं कर सकता।
आप इस विषय पर मुंह खोले नहीं कि गए काम से । तो बस बेरोजगारी , बीमारी , गरीबी , किसानी , मजदूरी की बात करिए और जनता को धर्म और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से ऊबने उबरने में मदद कीजिए । स्वयं को उनका हितैषी साबित कीजिए । यह काम क्वारंटाइन होकर सम्भव नहीं। करोना को अपनी अकर्मण्यता मत बना लीजिए । कांग्रेस को अपने माफ़िक चलाने और चराने के हथकंडे सामने आते रहे हैं , आते रहेंगे । कांग्रेस अपने नैरेटिव से चलेगी या भाजपा प्रचारित नैरेटिव से चलेगी इसे वह और उसके तथाकथित मनोनयन विरोधी नेता तय कर लें। पप्पू का नैरेटिव यूं ही नहीं गढ़ा गया । राहुल ने साबित कर दिया कि पप्पू वे नहीं बल्कि वे हैं जो छः हजार साल पीछे की बात करते हैं । राहुल गांधी ने वंशवाद के नैरेटिव में फंस कर क्यों अध्यक्ष पद छोड़ा और अभी भी दामन दाग़दार न हो जाए के भय से आक्रांत हैं । सियासत बिना रगड़ धिस्स, थेथरई , सपने , नीति और उम्मीद के नहीं की जा सकती।

बिल्ली के भाग से छींके केवल साहित्य में टूटा करते हैं माई डीयर बुद्धिजीवी !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *