भाजपाई भैंस कूद गयी असम में, हंगामा यूं बरपा

बिटिया खबर

: असम को केवल बांग्लादेशी ही नहीं, हिन्दी:भाषी भी नहीं चाहिए : बिहारी मुसलमानों के चरित्र से खासा खफा हैं पूर्वोत्तर के लोग :
राहुल मिश्र
हेग : तो भइया, एनआरसी और सीएबी को लेकर पूरे देश में बवाल करने की भाजपा की करतूत को असम में ही जोरदार बवाल का सामना कर पडा है। केवल असम ही नहीं, बल्कि अधिकांश पूर्वोत्तर राज्यों में राष्ट्रीय नागरिकता का सवाल अब आगजनी का सबब बनता जा रहा है। सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर असम में यह काहे हंगामा चल रहा है, जहां असम गण परिषद भी भाजपा की गोद में बैठ कर किलोलें कर रही थी। खैर, ताजा खबर यह है कि असम, त्रिपुरा समेत कई इलाकों में केद्र सरकार के खिलाफ जोरदार माहौल भडृक रहा है। यानी भाजपाई भैंस कूद गयी असम में, हंगामा कुछ यूं बरपाया जा रहा है!
दरअसल असम को केवल बांग्लादेशी ही नहीं, बल्कि हिन्दी:भाषा भाषी लोग भी नहीं चाहिए। उधर बिहारी मुसलमानों के चरित्र से खासा खफा हैं पूर्वोत्तर के लोग। उनका कहना है कि पहले पूर्वी पाकिस्तान के लिए जुटे बिहारी मुसलमानों ने बांग्लादेश में पूर्वी और पश्चिम मुसलमानों का झंझट खडृा कर दिया था। और हाल के मामले में भी इन की भी खासी दखल मानी जा रही है।
NRC और CAB का विरोध सिर्फ़ मुस्लिम ही नहीं कर रहे, असम के मूल निवासी भी इसके खिलाफ हैं। उन्हें अपने राज्य में कोई बांग्लादेशी नहीं चाहिये, हिन्दू-जैन-सिख भी नहीं। असम सहित सभी पूर्वोत्तर राज्यो में बिहारियों की और उत्तर प्रदेश के लोगो की मौजूदगी उनको पहले से ही नापसंद है.. दूसरे देश से आये लोग असमी कहलाएं ये उनको गवारा नहीं । उन्हें अपनी पहचान खो जाने का डर है..और अल्पसंख्यक बन जाने का खतरा है..

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