: मेरी बिटिया डॉट कॉम की पहल का असर दिखना शुरू : बच्ची पर राजनीति। पुलिस, नेता व पत्रकारों में नूराकुश्ती, खबरें छपनी शुरू : पुलिस अब तक नहीं गिरफ्तार कर सकी, साबित ने आज सरेंडर का ऐलान किया : पुलिस अधीक्षक ने दावा कि कैसे भी हो, कोर्ट के पहले ही दबोचेंगे सादाब को : सपा विधायक के खेमे ने प्रशासन-पत्रकारों से कीं प्रभावी रणनीतियों की पेशकश : जनदबाव बढ़ा तो बिकाऊ पत्रकारों ने फिर थाम ली अपनी-अपनी कलम :
कुमार सौवीर
भदोही : कालीन-सिटी के तौर पर मशहूर भदोही बाजार में कालीन की ही तरह मासूम बच्चियों की इज्जत नीलाम करने की नापाक कोशिशों पर माहौल गरम हो गया है। कालीन व्यवसायियों और समाजवादी पार्टी के विधायक की खुली शह पर पूरे शहर में तहलका मचाने वाले विधायक जाहिद बेग के घरवालों ने तीन दिन पहले एक छात्रा को तो सरेबाजार कपड़े फाड़ कर नंगा करने की शर्मनाक हरकत कर दी, लेकिन अब आम आदमी विधायक-रिश्तेदारों की ऐसी हरकत पर खासा नाराज है और आम आदमी उसका खुले तौर पर विरोध करने पर आमादा है। आपको बता दें कि भदोही में हुए इस हादसे पर आम आदमी में भड़के गुस्से का श्रेय www.meribitiya.com का है, जिसने अपने जुझारू कार्यकर्ताओं को भदोही से लेकर वाराणसी तक और फिर लखनउ और दिल्ली में सक्रियता का संचार किया।
ताजा खबर यह है कि उस शर्मनाक के हादसे के घिनौने शख्स को सोमवार को कोर्ट में आत्म समर्पण करने की साजिशें चल रही हैं। हालांकि उस बच्ची के घर के आसपास पुलिस की निगरानी कर दी गयी है। पुलिस अधीक्षक का दावा है कि चाहे कुछ भी हो, अभियुक्त सादाब को हर कीमत पर कोर्ट में जाने नहीं दिया जाएगा और उसे पहले ही पुलिस दबोच करके पुलिस, प्रशासन और सरकार की नाक-साख बचायेगी। खबर तो यहां तक है कि भदोही के कई संगठनों ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सादाब के मामले में अपनी कमर कस ली है।
उधर जनदबाव ने अपराधियों और उनके आकाओं के हाथों तोते उड़ा दिये हैं। विधायक जाहिद के लोग अब प्रशासन से लेकर प्रशासन और पत्रकारों के बीच संतुलन बनाने की साजिशों में जुटे हैं। पता चला है कि वाराणसी, लखनऊ और दिल्ली तक में बैठे मीडिया संस्थानों ने अपने भदोही में बैठे अपने दलालों के पेंच कसने शुरू कर दिया है। नतीजा यह हुआ है कि वही पत्रकार जो अब तक उस बच्ची के साथ हुए उस शर्मनाक हादसे को केवल सामान्य छेड़खानी के तौर पर पेश कर रहे थे, वे अब खुलेआम अब साफ लिख रहे हैं कि इस मामले में विधायक जाहिद बेग के घरवालों की हरकत हैं।
हालांकि यह भी हकीकत यह है कि ऐसे ऊपरी दबावों के बावजूद कई पत्रकारों ने उस मामले में खुद खबर लिखने के बजाय उसे दबाने की साजिशें कीं। लेकिन कुछ संस्थानों और उनके ज्ञानपुर ब्यूरो आफिसों ने इस मामले को बेहद संज्ञेय मानते हुए उसे भदोही के पत्रकारों को दरकिनार करके खुद ही हस्तक्षेप किया और ज्ञानपुर डेटलाइन से खबर छापना शुरू कर दिया है। आज हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण ने इस मामले पर बड़ी-बड़ी खबरें छापीं और सीधे सपा विधायक जाहिद बेग का नाम लिया। लेकिन अन्ये अखबार आज भी विधायक और अपनी दलाली के चलते खबरों से परहेज करते रहे। हालांकि अभी खबर मिली है कि दिल्ली मुख्यालय के हस्तक्षेप के बाद अमर उजाला ने फैसला किया है आज यानी सोमवार को इस पर बड़ी खबर छापी जाएगी।
अब तो सोमवार को ही तय होगा कि एक मासूम बच्ची को सरेआम बेईज्जत करने वाले सादाब को बचाने वालों की साजिशें सफल होंगी या फिर पुलिस अधीक्षक पीके मिश्र के दावे कि सादाब के घिनौनी की हरकत के सामने पुलिस नहीं झुकेगी। यह भी देख्ना होगा कि अब पूरी तरह बिक चुकी भदोही की मीडिया की साजिशें अब समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग और उनके लग्गू-भग्गू की उंगलियों पर नाचेगी या फिर उस मासूम बच्ची के पक्ष में होगी। यह तो यह भी देखना होगा कि समाजवादी पार्टी का नारा इस काण्ड के बाद कुचल जाएगा या फिर यह काण्ड की चिंदी-चिंदी बिखेर जाएंगी। सादाब को कोर्ट से पहले दबोचने के पुलिस के दावे केवल नौटंकी है, या फिर उनमें कोई दम है।
और सबसे बडी बात यह कि क्याए पूरे यूपी में केवल समाजवादी न्याय के तौर पर केवल जुल्फी-प्रशासन जैसे निकृष्ट और निकम्मे-नराधम-अकर्मण्य अफसर ही बिकते हैं या फिर भदोही में सीना ठोंक कर रहे पुलिस अधीक्षक पीके मिश्र जैसी नयी न्यायिक बयार चल रही है।