रांची की बच्ची को झोंका घरेलू कामों में, पिटाई भी
: लखनऊ के गोमतीनगर में बिलखते बरामद हुई चिरैया : भरपेट भोजन को तरसती रही है मासूम : संरक्षण गृह में रखेगी जाएगी यह मेरी बिटिया :
लखनऊ :‘मेरा नाम चिरैया है, लेकिन यहां आंटी ने मेरा नाम बदलकर अनीता रख दिया। मैं घर का सारा काम करती हूं, लेकिन काम में अगर थोड़ी-सी भी देर हो जाए तो आंटी मुझे बहुत मारती हैं। कभी-कभी तो खाना भी नहीं देतीं। मेरा यहां कोई दोस्त भी नहीं है, जिसके साथ मैं खेल पाऊं।’
सुनिए, व्यथा चिरैया की…
यह व्यथा है आठ साल की एक मासूम की, जिसे चाइल्ड लाइन ने गुरुवार को गोमती नगर विकासखंड स्थित एक मकान से मुक्त करवाया। बच्ची से घर का सारा काम करवाया जा रहा था और उसे अक्सर मार भी पड़ती थी।
पड़ोसी ने चाइल्ड लाइन को दी खबर
बच्ची के सिसकने-रोने की आवाज सुनकर एक पड़ोसी ने चाइल्ड लाइन को सूचना दी। चाइल्ड लाइन के अनुसार उन्हें गोमती नगर विकासखंड स्थित मनोज सिंह के सुसराल में एक छोटी बच्ची के होने की सूचना मिली। इसके बाद चाइल्ड लाइन के कर्मचारी गोमती नगर थाने की पुलिस की सहायता से उस मकान तक पहुंचे।
मुकर गए जालिम घर वाले
घरवालों ने किसी भी बच्ची के होने से इन्कार कर दिया। करीब एक घंटे की खोजबीन के बाद बच्ची को बाथरूम से बरामद किया गया। चाइल्ड लाइन के कर्मचारी मनोज ने बताया कि बच्ची को साथ लाया गया है और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने उसे प्राग् नारायण रोड स्थित बालगृह में रखने का आदेश दिया है।
पिता के इलाज के लिए आई थी पैसे कमाने
रांची के भड़गांव निवासी चिरैया पिछले छह महीने से इस घर में रहकर न सिर्फ घर का काम कर रही थी, बल्कि आए दिन उसे बेहरमी का शिकार भी हो रही थी। उसने बताया कि उसके गांव में पिता, मां और एक छोटा भाई है। पिता बीमार थे, इसलिए उनके इलाज के लिए पैसे जुटाने यहां चली आई थी। पैसे तो मिले नहीं, लेकिन कैद से आजाद हुई चिरैया अब घर लौटना चाहती है। साभार:जागरण