आंध्र प्रदेश महिला आयोग का अंधा कानून: बोलीं, रेपिस्‍टों की चमड़ी उधेड़ दो

बिटिया खबर

: जो बलात्‍कार करे, उसे सरेआम हंटर से मार-मार कर उसकी चमड़ी उधेड़ दी जानी चाहिए : आयोग अध्‍यक्ष कहती हैं कि हर छात्रा को चाकू वितरित किये जाने चाहिए : जब मर्द जंगलीपन पर आमादा हों, तो उनसे निपटने के लिए क्रूरता आवश्‍यक :

संवाददाता

अमरावती : बलात्‍कार एक मानसिक व्‍याधि है, लेकिन आंध्र प्रदेश का महिला आयोग इसे निपटने के लिए अब एक क्रूर तरीका अपनाने पर आमादा है। आयोग की अध्‍यक्ष नन्नापनेनी राजकुमारी ने कल एक सनसनीखेज बयान देकर एक बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है। उनके बयान से साफ है कि वे अब इस देश या प्रदेश में कानून का राज लागू करने के बजाय मध्‍ययुगीन क्रूर कानून लागू करना चाहती हैं। पूर्व विधायक रह चुकीं इस वक्‍त महिला आयोग की अध्‍यक्ष हैं, और अपने इस पद से उन्‍होंने बयान दिया है कि बलात्‍कारियों को सड़क पर लाकर उन्‍हें हंटरों से कुछ इस तरह पीटा जाना चाहिए ताकि उनकी चमड़ी उधड़ जाए। यह सजा तब तक उन्‍हें मिलती ही रहनी चाहिए, जब उनके ऊपर रेप का भूत न उतर जाए।

नन्नापनेनी राजकुमारी ने अपने एक आदेश में कहा है कि बलात्कारियों की चमड़ी उधेड़कर सड़कों पर घुमाया जाना चाहिए. वह चाहता है कि बलात्कार जैसे अपराधों से खुद की रक्षा करने के लिए कॉलेज की छात्राओं को चाकू बांटना बांटना चाहिए. विशाखापत्तनम के एक सरकारी अस्पताल में दो रेप पीड़िताओं से मिलने के बाद भावुक हुईं आयोग की अध्यक्ष नन्नापनेनी राजकुमारी ने कहा कि बलात्कारियों की चमड़ी उधेड़ दी जानी चाहिए और उनका सड़क पर जुलूस निकालना चाहिए.

टीडीपी की इस नेता ने कहा कि हम कानून लाने की योजना बना रहे हैं. जब कुछ मर्द जंगली जानवरों जैसा व्यवहार करते हैं और इस तरह की क्रूर हरकतों का सहारा लेते हैं, तो मुझे लगता है कि लड़कियों के हाथ में चाकू दे देने चाहिए. इसके लिए एक कानून लाना जरूरी है. पूर्व विधायक राजकुमारी ने कहा कि हम उनकी चमड़ी उधेड़ देंगे. पुलिस को भी पकड़े जाने पर बलात्कारियों के चेहरे नहीं ढंकने चाहिए. इसकी बजाय सड़कों पर उनका जुलूस निकाला जाना चाहिए, जहां लोग उन्हें जूते-चप्पलों और झाडू से मारे और इसके बाद ही उन्हें पुलिस थाने में बंद किया जाये.

राजकुमारी ने कहा कि निर्भया मामले के दोषियों की तरह यहां भी बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए या कम से कम उम्रकैद की सजा दी जाये. उन्होंने महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए कॉलेजों, छात्रावासों, कार्यस्थलों और अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाने की मांग की. उन्होंने कहा, हम इस तरह का कानून लाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब कुछ मर्द जंगली जानवरों की तरह व्यवहार करते हैं और इस तरह कि क्रूर हरकतें करते है, तो ऐसे में लड़कियों के हाथ में चाकू दे देना चाहिए।

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