अदालती हस्तक्षेप से पीड़िता को बंधी न्याय की आस
मोगा : जिले के गाव दाया कला निवासी बाप-बेटी पर तेजाब फेंकने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने खुद संज्ञान लिया है। हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस एजी मसीह की खंड पीठ ने पंजाब सरकार से मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। खंडपीठ ने कहा है कि महिला के वकील यदि चाहें तो मामले में पैरवी कर अपना सहयोग दे सकते हैं। इससे पीड़िता को न्याय की उम्मीद जगी है।
दाया कलां निवासी शमशेर सिंह की बेटी मंदीप कौर की लव मैरिज करीब 4 साल पहले तहसील जगराओं के गाव नरसीन के हरिंदर सिंह के साथ उच्च न्यायालय में हुई थी। शादी के कुछ महीनों बाद ही ससुराल वालों ने उसकी बेटी के साथ बुरा व्यवहार करना शुरू कर दिया।
यही नहीं, इस बात का भी खुलासा हुआ था कि शादी से पहले हरिंदर सिंह जो अपने आप को पंजाब पुलिस का थानेदार बताता था, वह सब झूठ था। आखिर दुखी होकर वह अपनी बेटी को अपने पास ले आया और तलाक के लिए उसने करीब 6 महीने पहले सेशन अदालत में केस कर दिया था। गत वीरवार को सुबह वह स्कूटर पर मोगा अदालत में तारीख पर आ रहे थे तभी गाव मैहना के नजदीक पीछे से मोटरसाइकिल पर सवार महिला के पति ने अपने एक साथी की मदद से महिला व उसके पिता पर तेजाब डाल दिया था। उन्हें सिविल अस्पताल पहले फरीदकोट, फिर लुधियाना रेफर कर दिया गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी पति हरिन्द्र सिंह समेत तीन को गिरफ्तार कर अदालत से रिमांड पर लिया है।