पत्रकार के पुत्र बनारसी फिल्‍मकार को फाल्‍के पुरस्‍कार

मेरा कोना

: अक्‍कड़-बक्‍कड़ नाम से एक छोटी-सी फिल्‍म बना कर उज्‍ज्‍वल ने काशी का नाम सुफल कर दिया : फाल्‍के समारोह में बनारस के उज्‍ज्‍वल पुरस्‍कृत किया गया : प्रख्‍यात पत्रकार प्रेम प्रकाश का पुत्र है कोहबर वाला यह नवोदित फिल्‍मकार :

मेरी बिटिया संवाददाता

नई दिल्ली : आठवें दादा साहब फाल्के फिल्म फेस्टिवल 2018 के मौके पर शोर्ट फिल्म सेक्शन मे वाराणसी के फिल्मकार उज्ज्वल पाण्डेय द्वारा निर्देशित शोर्ट फिल्म ‘अक्कड़ बक्कड़’ को बेस्ट फिल्म, बेस्ट डाइरेक्शन और बेस्ट स्क्रिप्ट, इन तीन कैटगरीज मे ‘सिनेमा फार द एक्सीलेंस’ अवार्ड से नवाजा गया। भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के के नाम पर 2011 मे शुरू किये सिनेमा फार द एक्सीलेंस अभियान का यह आठवां फिल्म फेस्टिवल था।

इस फिल्म फेस्टिवल मे बेस्ट फीचर फिल्म, बेस्ट डॉक्यूमेंटरी, बेस्ट शोर्ट फिल्म, बेस्ट एनीमेशन, बेस्ट म्यूजिक वीडियो और बेस्ट ऐड फिल्म आदि विभिन्न कैटगरीज मे अवार्ड दिये जाते है। इस फिल्म फेस्टिवल मे भारत समेत 90 से अधिक देशो के प्रतिभागी पार्टीसिपेट करते है। हिन्दी फिल्म इण्डस्ट्री के लिहाज से इस आयोजन की प्रासंगिकता इस महत्व के कारण है कि इसमे प्रोफेशनल फिल्ममेकर्स के साथ साथ नये और युवा फिल्ममेकर्स को प्रतिभाग के लिए समान अवसर और प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाता है। यह फिल्म फेस्टिवल दादा साहब फाल्के के जन्मदिवस 30 अप्रैल को प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।

उज्ज्वल पाण्डेय वाराणसी के युवा फिल्म निर्देशक है। विभिन्न विषयों और मुद्दों पर इनकी सौ से अधिक शोर्ट फिल्म्स और डॉक्यूमेंटरीज यूट्यूब पर मौजूद है। इनमे तीन मिनट की शोर्ट फिल्म ‘ब्यूटीफुल’ और भोजपुरी शोर्ट फिल्म ‘कोहबर’ सर्वाधिक चर्चित फ़िल्मों मे से है। ब्यूटीफुल के दर्शकों की संख्या यूट्यूब पर छियालिस लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है, वहीं ‘कोहबर’ साठ हजार से अधिक दर्शकों द्वारा अबतक देखी व सराही जा चुकी है।

पिछले दिनो उज्ज्वल की दो शोर्ट फिल्मों ‘अक्कड़ बक्कड़’ और ‘मेघा’ का सेलेक्शन फ्रान्स और लंदन इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स के लिए भी हो चुका है। ‘मेघा’ जहाँ मूक बधिर बच्चों के मेडिकल और सोशल ट्रीटमेंट पर आधारित फिल्म है, वहीं ‘अक्कड़ बक्कड़’ विशुद्ध रूप से एक मनोरंजन फिल्म है। इन दोनो फिल्मों का प्रसारण नेशनल टीवी चैनल एनडीटीवी प्राइम पर हो चुका है। दादा साहब फाल्के फिल्म फेस्टिवल मे भी इन दोनो फ़िल्मों का चयन हुआ था लेकिन जूरी द्वारा बेस्ट डाइरेक्शन, बेस्ट स्क्रिप्ट तथा बेस्ट शोर्ट फिल्म कैटगरी मे अवार्ड के लिए ‘अक्कड़ बक्कड़’ को चुना गया।फिल्म का निर्माण ‘क्रिएटिव जिप्सी’ के बैनर तले पिछले साल जून मे किया गया था। फिल्म का आइडिया, कहानी, स्क्रिप्ट लेखन और निर्देशन उज्ज्वल पाण्डेय का है।

उल्लेखनीय है कि उज्ज्वल इन दिनों अपनी ही भोजपुरी शोर्ट फिल्म ‘कोहबर’ के विषय और भोजपुरी ग्रामीण संस्कृति पर आधारित इसी नाम की फुल लेन्थ फीचर फिल्म के निर्माण के सिलसिले मे अपनी टीम के साथ आरा, बलिया और सिवान जिलों के बीच फैले गंगा के दियारे मे कैम्प कर रहे है। यह फिल्म उज्ज्वल के अपने प्रोडक्शन हाउस आरोहन फिल्म्स के बैनर पर बन रही है। हिन्दी और भोजपुरी सइनेमा को अपने इस युवा फिल्ममेकर से बहुत उम्मीदें है।

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