: एमपी में सुरक्षित पहुंच गया था विकास दुबे, यूपी में मार डाला गया : कानपुर अपनी बेहद घिसी-पिटी कहानी दोबारा सुना रही है यूपी की पुलिस :
कुमार सौवीर
लखनऊ : कल गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में आत्मसमर्पण करने के बाद ही तय हो गया था कि यूपी की बहादुर पुलिस विकास दुबे को मार डालेगी। और उसके चंद घंटों के बाद ही पुलिस ने विकास को अपनी वही पुरानी घिसी-पिटी शैली में विकास दुबे को मौत के घाट उतार दिया। बताया कि वह विकास को उज्जैन से लेकर आ रही थी कि कार पलट गयी। वही पुराना तरीका कि विकास ने पुलिसवालों का असलहा छीन कर भागने की कोशिश तो पुलिस ने आत्मरक्षा में विकास को मौके पर ही ढेर कर दिया।
शर्मनाक तो यह है कि कानपुर हादसे के बाद पुलिसवालों ने विकास-गिरोह के किसी अपराधी को पकड़ने के बजाय उसके गैंग के 6 बदमाशों को मौत के घाट उतार कर मामला दाखिल-खारिज कर दिया। अब सवाल फिर सिर उठाने लगे हैं कि पुलिस का मतलब क्या वाकई हत्यारों की टोली की भूमिका में आ गयी है। लब्बो-लुआब यह कि विकास दुबे एमपी के सुदूर उज्जैन के महाकाल मंदिर तक तो सुरक्षित पहुंच गया था, लेकिन यूपी की चंगुल में आते ही यूपी पुलिस ने उसको मार डाला।
विकास दुबे के इस फर्जी एनकाउंटर के साथ ही इस सचाई पर ठप्पा लग गया कि अपनी असफलताओं पर शर्मिंदा होने के बजाय पुलिस दूसरों को मार डालने में तनिक भी शर्म नहीं महसूस करेगी। यह भी तय हो गया कि पुलिस को न तो किसी मामले को सुलझाने का माद्दा है, न सुरक्षा देने की क्षमता है। न्यायपालिका तो दूर, भगवान तक की शरण में आये किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा भी नहीं दे सकती है पुलिस। और विकास दुबे की इस हत्या के बाद तो अब यह भी तय हो गया है कि पुलिसवाले न कोई कहानी गढ़ सकते हैं, न असलहा सुरक्षित रख सकते हैं और न ही किसी अभियुक्त को सुरक्षित अदालत तक पहुंचा सकते हैं। और तो और, पुलिसवाले उस गाड़ी को भी ठीक से नहीं चला सकते हैं जिसमें उसका मोस्ट-वांटेड व्यक्ति बैठा है।
आपको बता दें कि कल मंदिर में आत्मसमर्पण करने के बाद एमपी पुलिस ने विकास दुबे को अपनी हिरासत में लिया था, और उसके बाद एमपी की पुलिस ने विकास दुबे को उज्जैन कोर्ट में पेश कर दिया। फिर यूपी की पुलिस की टीम उज्जैन पहुंची और उसके बाद एमपी पुलिस ने विकास दुबे को देर शाम यूपी पुलिस के एसटीएफ की टीम को सौंप दिया था और यूपी एसटीएफ विकास को ट्रांजिट रिमांड पर यूपी रवाना हो गयी। बारिश हो रही थी।
पुलिस की कहानी के मुताबिक साथ की सारी गाडि़यां तो सुरक्षित रहीं, लेकिन सिर्फ वही कार पलट गयी, जिसमें विकास दुबे को बिठाया गया था। बताया जाता है कि यह जगह शहर से 17 किमी पहले बर्रा थाना क्षेत्र में आता है। हादसे के बाद उसने पुलिस टीम से पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में वह बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे सीने और कमर में दो गोली लगीं। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया।
शासन प्रशासन को बहूत बहूत बधाई अपने हाथ से पीठ थपथपाई 😜