बाबा की 72 बरसी, 30 तक पहुंचने का रूक्का थमाया
इंदौर : करीब छह घंटे तक चले नाटकीय घटनाक्रम और इंतजार के बाद जोधपुर पुलिस ने नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोपों से घिरे धर्म-आध्यात्म प्रवचनकर्ता आसाराम को आज यहां उनके आश्रम में नोटिस तामील कराया. इस नोटिस में आसाराम को मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिये 30 अगस्त तक जोधपुर पुलिस के सामने हाजिर रहने को कहा गया है.
सूत्रों के मुताबिक उप निरीक्षक भंवर सिंह की अगुवाई में जोधपुर पुलिस का दो सदस्यीय दल आज सुबह आठ बजे के आस.पास आसाराम के खंडवा रोड स्थित आश्रम में पहुंचा, ताकि उन्हें सीधे नोटिस तामील कराया जा सके. यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे 72 वर्षीय प्रवचनकर्ता इस आश्रम में 24 अगस्त को पहुंचे थे.
सूत्रों ने बताया कि आश्रम के लोगों ने आज सुबह जोधपुर पुलिस के दल से कहा कि आसाराम इस वक्त ‘ध्यानमग्न’ हैं और इस वक्त वह किसी से नहीं मिल सकते. सूत्रों के मुताबिक दो सदस्यीय पुलिस दल को आसाराम को नोटिस तामील कराने के लिये उनके आश्रम के भीतर करीब छह घंटे इंतजार करना पड़ा.
नोटिस तामील कराने के बाद उप निरीक्षक भंवर सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘यह नोटिस आसाराम ने खुद स्वीकार किया. इस नोटिस में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोपों के अनुसंधान के संबंध में वह 30 अगस्त तक जोधपुर पुलिस के सामने उपस्थित रहें.’ बहरहाल, सिंह ने यह बात मानने से साफ इंकार कर दिया कि आसाराम ने नोटिस स्वीकार करने में हीले.हवाले किये और जोधपुर पुलिस के दल को करीब छह घंटे तक बेवजह इंतजार कराया.
उन्होंने कहा, ‘चूंकि आसाराम ध्यान में थे, इसलिये हमने उन्हें नोटिस तामील कराने के लिये इंतजार किया. उन्होंने (आसराम ने) हमें पूरा सहयोग दिया और भरोसा दिलाया कि वह आगे भी मामले की जांच में मदद करेंगे.’
इससे पहले, इंदौर के स्थानीय भाजपा विधायक रमेश मैंदोला आसाराम के बचाव में उतरते हुए उस वक्त उनके आश्रम पहुंचे जब जोधपुर पुलिस नोटिस तामील कराने के लिये आसाराम का ध्यान खत्म होने का इंतजार कर रही थी. मैंदोला ने मीडिया से बातचीत में आशंका जाहिर की कि आसाराम को यौन शोषण के मामले में साजिशन फंसाया गया है. भाजपा विधायक के समर्थकों ने विवादास्पद प्रवचनकर्ता के पक्ष में उनके आश्रम के बाहर जमकर नारेबाजी भी की.
आसाराम ने कल 26 अगस्त की रात अपने आश्रम में प्रवचन के दौरान इस आशंका का इजहार किया कि अगर उन्हें यौन शोषण के मामले में जबरन जेल या पुलिस हिरासत में भेजा जाता है, तो कथित साजिश के तहत उनके भोजन में ऐसा पदार्थ मिलाया जा सकता है जिसके सेवन से उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है.
उन्होंने कहा, ‘मैं कोई धमकी नहीं दे रहा हूं. लेकिन मुझे जबरन पुलिस हिरासत में या जेल के भीतर भेजा जाता, तो मैं वहां अन्न त्याग देता. अगर मुझे अपने साथ गंगा जल ले जाने की अनुमति नहीं मिलती, तो मैं वहां पानी पीना भी छोड़ देता.’
नाबालिग लड़की के यौन शोषण के संगीन आरोपों से घिरे आसाराम ने 25 अगस्त को अपने इंदौर स्थित आश्रम में प्रवचन के दौरान खुद को बेकसूर बताते हुए कहा था कि ये इल्जाम लगाने वाली लड़की उनकी बेटी या किसी अन्य नजदीकी संबंधी की तरह है.
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