अमृत-विचार को भी डंस लिया कोरोना ने, दर्जन भर संक्रमित

दोलत्ती


: बरेली में बिलबिला रहे हैं कोरोना संक्रमित पत्रकार : दो रिपोर्टर समेत एक दर्जन चारोंखाने चित्‍त, कई में संक्रमण की आशंका :

दोलत्‍ती संवाददाता

बरेली : यहां के नया-नवेला अखबार है अमृत विचार। लेकिन यहां अमृत विचार की धारा के बजाय कोरोना की हलाहल-विष की भारी डरावनी सुनामी लहरें उठने लगी हैं। खबर है कि इस अखबार के एक दर्जन से भी ज्‍यादा पत्रकारों को कोरोना ने डंस लिया है। इनमें दो तो यहां के रिपोर्टर बताये जाते हैं।
जी हां, झुमका और सुरमा वाले रंगीन तबियत वाले बरेली के अखबारी जगत में कोरोना का यह जबर्दस्‍त हमला अमृत विचार पर हुआ है। इसका पता तब चला जब यहां के कुछ कर्मचारियों और पत्रकारों में सर्दी-जुकाम और बुखार व सिरदर्द की शिकायत दिखायी पड़ी। कुछ दिन बाद जब मामला गड़बड़ होने लगा, तो अखबर के प्रबंधन ने पीडि़त कर्मचारियों की कोरोना जांच कराने का फैसला किया। जांच रिपोर्ट में दस कर्मचारियों को कोरोना पॉजिटिव मिला है, जबकि कुछ अन्‍य की रिपोर्ट अभी नहीं पहुंच पायी है। सूत्र बताते हैं कि इस अखबर के कई कर्मचारी इसी बीच फिर बीमार होने लगे हैं।
सूत्र बताते हैं कि अख़बार का बीमार स्टाफ इस समय सरकारी अस्पताल में भर्ती है, जबकि रोहिलखण्ड मेडिकल कॉलेज बेहतर सुविधाओं का दावा करते हुए पेड इलाज कर ने के लिए नामित है।इस अखबार का मालिक ही एक मेडिकल कॉलेज का मालिक है। अब चर्चा यह चल रही है कि डॉ साहब के अख़बार में ही निकली है कोरोना फैक्ट्री।
अमृत विचार अख़बार पीलीभीत बाईपास रोड पर सैटेलाइट बस स्टेशन के पास स्थित है। अब हालत यह है कि दर्जन भर से ज़्यादा कोरोना संक्रमित कर्मचारियों के दम पर यह अख़बार अभी भी अपनी बाहें समेट समेट कर दावा करता है कि “हम कोरोना से डरेंगे नहीं ।चाहे हमारे रिपोर्टर, एडिटोरियल स्टॉफ ब्यूरो चीफ़ या कोई भी कोरोना से संक्रमित क्यों न निकल आये, क्‍योंकि हम कोरोना योद्धा हैं। हम निरन्तर काम करेंगे और अपने कर्मचारियों से काम करवाते रहेंगे।”
समझने वाली बात ये है कि तकरीबन हफ़्ते भर से ज़्यादा अख़बार प्रबन्धन ये दबाये बैठा है कि उसके वहां कई कोरोना संदिग्ध हैं। बताया जा रहा है कि कुछ रोज़ पहले ग़ाज़ियाबाद से आया कोई कर्मचारी ही वायरस का कैरियर था। इसके बाद से ही अखबार के कर्मचारियों में लक्षण मिलते रहे और सम्पादक शम्भू दयाल बाजपेयी कर्मचारियों से ये कहकर काम कराते रहे कि सब ठीक हो जाएंगे। मामला अब भी नहीं खुला जबकि एक प्रमुख समाचार पत्र ने प्रमुखता से छापा की पीलीभीत बाईपास रोड पर एक संस्थान के 10 लोग संक्रमित हैं। लेकिन किसी प्रशासनिक अफसर के कानों पर जूं नहीं रेंगी और न ही किसी ने अखबार के दफ़्तर को सेनेटाइज या सील करने की कोशिश की।
वरिष्ठ पत्रकार एवम उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) के प्रांतीय अध्य्क्ष संजीव गम्भीर का कहना है कि उन्होंने पत्रकारों के हक़ में अख़बार के मालिक को पत्र लिख कर संक्रमित पत्रकारों/ कर्मचारियों के घर वालों के टेस्ट करवाने के सम्बन्ध में सरकारी कोविड अस्पतालों में अनियमितताओं के बारे में कुछ मांगे की हैं।

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