: शिवपाल ने इस्तीफा दिया, अखिलेश ने नामंजूर किया : धुल गयी न राजनीतिक विशाल कुनबा के मुखिया की छवि : बेअंदाज मुख्यसचिव के लिए यूपी में भूचाल मचाने वाले शिवपाल सिंह की करतूतों से और क्या उम्मीद : मुलायम सिंह ने ही अमर सिंह को बुला कर उन्हें छक कर दूध पिलाया था : असल सवाल तो यह है कि उंगली-बाज आजम खान आज खामोश क्यों बैठा है :
कुमार सौवीर
लखनऊ : समाजवादी पार्टी और देश के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे की कलई खुल गयी है। तीन दिन से सपा की धज्जियां का एक-एक धागा सम्भालने में हलकान इस कुनबे के मुखिया मुलायम सिंह यादव आज लगता है कि थक कर हांफने लगे हैं। यही वजह है कि शिवपाल सिंह यादव आज देर शाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी आवास पर पहुंचे और उनके साथ लम्बी गुफ्त-गू की। करीब बीस मिनट तक चली इस बातचीत के बाद सिर झुकाये शिवपाल सिंह मुख्यमंत्री आवास से निकल कर अपने घर गये और बाद में खबर आयी कि शिवपाल सिंह यादव ने सरकार से इस्तीफा दे दिया है।
हालांकि इसके तत्काल बाद अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव का इस्तीफा नामंजूर कर लिया है। लेकिन इस पूरे प्रकरण में मुलायम सिंह यादव की गैरमौजूदगी बेहद हैरतनाक दिखायी लगती है। वजह यह कि इस पूरे धमासान के दौरान में मुलायम सिंह यादव लगातार अपने इस पूरे गढ़ कर बचाने-सम्भालने में ही जुटे दिखते रहे हैं। लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान उनकी ओर से एक भी ऐसा कोई प्रयास सफलीभूत नहीं हो पाया, जो सपा और सरकार में उनकी खायी में अखिलेश और शिवपाल के झगड़े को सम्भाल-थाम सकती रही हो।
ताजा खबर यह है कि शिवपाल सिंह यादव के इस्तीफे के ठीक आसपास ही शिवपाल की पत्नी सरला ने जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पीसीएफ के अध्यक्ष उनके बेटे ने भी अपने इस पद को त्याग देने की घोषणा की है। जाहिर है कि यह दोनों ही घटनाक्रम शिवपाल सिंह यादव के प्रति अखिलेश सरकार की उपेक्षा और अपमानजनक हालातों के पेश करने के चलते ही भड़के हैं।
उधर अमर सिंह खेमे में हर्ष का भाव साफ दिखायी पड़ रहा है। अपुष्ट खबर के तहत रात अमर सिंह के लखनऊ और दिल्ली के आवासों पर मिठाई बांटी गयीं थीं। लेकिन इसकी अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है। लेकिन इतना तो साफ ही है कि दीपक सिंघल को मुख्य सचिव पद से बर्खास्त करने के अखिलेश यादव के फैसले से अमर सिंह और शिवपाल सिंह यादव की एकजुट विरोध कर रही थी, और सपा में चल रहा यह सारा राजनीतिक भूचाल दीपक सिंघल की बर्खास्तगी को लेकर ही है। एक वरिष्ठ सपाई नेता ने बताया कि कि अमर सिंह चूंकि पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी प्राथमिकता केवल और केवल मुलायम सिंह यादव ही हैं। सपा को तो वे अपना निजी दुश्मन के तौर पर देखते आये रहे हैं अमर सिंह। ऐसे में कोई आश्चर्य की बात नहीं कि इस पूरे अग्निकुण्ड में अमर सिंह अब सपा की ही आहुति देने पर आमादा है। सपा जाए भाड़ में।
कहने की जरूरत नहीं कि अमर सिंह की सपा में पैठ मुलायम सिंह यादव ने ही करायी थी। अमर सिंह को जमकर दूध पिलाया था मुलायम सिंह यादव ने। लेकिन बाद में जब तनाव बढ़े तो अमर सिंह को उन्होंने दूध की मक्खी की तरह निकाल बाहर कर दिया था। तब अमर सिंह मुलायम सिंह को पानी पीकर गालियां दिया करते थे। लेकिन जब अमर सिंह की वापसी सपा में दोबारा हो गयी है, वे सपा से बदला लेने पर आमादा हैं।
हैरत की बात तो यह है कि अब तक हर-एक की टांग में फंसे प्रत्येक मामले में अपनी उंगली डालने में आमादा और अपनी ऐसी ही पहचान बना चुके आजम सिंह सपा, शिवपाल, अखिलेश और अमर सिह के इस ताजा नाटक में खामोशी कैसे अपनाये बैठे हैं।