: इलाहाबाद हाईकोर्ट के बंटवारे की आग फिर सुलगी, अवध बार एसोसियेशन ने उठायी मांग : कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली में मिला एसोसियेशन का प्रतिनिधिमंडल : यूपी हाईकोर्ट में एक नयी पश्चिम बेंच बनाने की मांग, लखनऊ बेंच में कानपुर व बरेली मंडल शामिल हो :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यूपी में अधिवक्ताओं की राजनीति फिर सुलगने लगी है। कारण है करीब साढ़े तीन दशक पुराने जसवंत कमीशन का जिन्न, जो अब फिर अपनी बंद बोतल का ढक्कन से बाहर निकलने लगा है। यह ढक्कन खोलने की यह ताजा कवायद छेड़ी है अवध बार एसोसियेशन ने। एसोसियेशन ने केंद्रीय सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों से भेंट कर मांग की है कि जसवंत कमीशन की सलाहों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए यूपी के पश्चिमी क्षेत्र में इलाहाबाद की एक नयी खंडपीठ गठित की जाए। इतना ही नहीं, एसोसियेशन ने लखनऊ खंडपीठ का क्षेत्राधिकार विस्तृत करने की भी सलाह दी है, और कहा है कि इसमें कम से कम कानपुर और बरेली मंडल में शामिल जिलों को तत्काल शामिल किया जाना चाहिए।
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आपको बता दें कि हाल ही लखनऊ में इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायपीठ स्थित अवध बार एसोसियेशन के एक शिष्टमंडल ने देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से इस मुतल्लिक विस्तृत बातचीत की है। यह वार्ता दिल्ली में हुई। इस बातचीत की गम्भीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बैठक में रविशंकर प्रसाद के साथ ही साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। देर शाम हुई इस बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने इस प्रतिनिधिमंडल को रात्रिभोज पर भी आमंत्रित किया। करीब तीन घंटों तक चली इस बातचीत में उपरोक्त सारी मांगों और समस्याओं का सिलसिलेवार जिक्र किया गया है। एसोसियेशन के इस प्रतिनिधिमंडल ने इस बारे में इन मंत्रियों को एक विस्तृत मांग-पत्र भी सौंपा है।
एसोसियेशन के अध्यक्ष डॉ एलपी मिश्र की अध्यक्षता में लखनऊ के वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल ने इन मंत्रियों को बताया कि सन-1985 में जसवंत आयोग की सिफारिशों को लागू करना प्रदेश के वादकारियों के हित में प्राथमिकता के साथ लागू किया ही जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जसवंत कमीशन के बाद उत्तराखंड नाम से नया प्रदेश बन गया और वहां एक नया हाईकोर्ट भी स्थापित हो गया। लेकिन यूपी के पश्चिम इलाकों के वादकारियों को तनिक भी राहत नहीं मिल पायी। जिससे उन इलाकों में भारी असंतोष व्याप्त हो गया है।
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डॉ मिश्र ने मेरीबिटिया डॉट कॉम संवाददाता को बताया कि आगरा, अलीगढ, मेरठ, सहारनपुर, या मुरादाबाद में इलाहाबाद की एक नयी बेंच स्थापित होनी ही चाहिए। यह काफी लम्बी मांग है, जिस पर वकील और उससे प्रभावित क्षेत्रों के लोग भी दबाव बनाते रहते हैं। इस बेंच के स्थापित हो जाने के बाद पूरे पश्चिम यूपी के लोगों को खासी सहूलियत हो जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि इसमें कोई विलम्ब हो तो इन सभी इलाकों को लखनऊ बेंच से सम्बद्ध कर लिया जाना ही उचित है। और यदि यूपी वेस्टर्न बेंच जल्दी ही बननी जा रही हो, तो ऐसी हालत में लखनऊ बेंच का क्षेत्राधिकार और बढ़ा कर उसमें कानपुर और बरेली मंडल के जिलों को भी जोड़ लिया जाए।
लखनऊ हाईकोर्ट के बड़े वकील और अवध बार एसोसियेशन के नये-नवेले अध्यक्ष हैं एलपी मिश्र। विगत दिनों प्रमुख न्यूज पोर्टल मेरीबिटिया डॉट कॉम के संवाददाता ने एलपी मिश्र से काफी लम्बी बातचीत की। यह इंटरव्यू दो टुकड़ों में है। इसके अगले अंक को पढ़ने के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-