हा हा हा। अब पत्रकारों को नैतिकता सिखायेगा जी वाला सुधीर चौधरी

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: हज करने जा रही है सौ-सौ चूहे खाने वाली बिल्‍ली, बोली म्‍याऊं-म्‍याऊं : एक सौ करोड़ रूपयों की रंगदारी उगाहने के अपराध में फंसे हैं सुधीर : एक दूसरे चैनल में चल रहे राधे मां के कार्यक्रम में आखिर इतनी दिलचस्‍पी क्‍यों ले रहा है यह पत्रकारिता का दागी व्‍यक्ति :

कुमार सौवीर

लखनऊ : जिसने सरेआम 100 करोड़ रूपयों की रंगदारी उगाहने की कोशिश की थी, वह अब नैतिकता के ठेकेदार बन गए। नाम है सुधीर चौधरी। अब दुर्भाग्य ही तो है कि अब सुधीर चौधरी जैसे लोग जी टीवी जैसे समूह के शीर्ष पर पहुंच कर आम आदमी को नैतिकता और सच झूठ का फर्क सिखाने के लिए मैदान में आ चुके हैं। ताजा खबर यह है कि जी-समूह के बढ़े दलाल सुधीर चौधरी अब न्यूज़ चैनल वालों को बता रहे हैं कि किस कार्यक्रम को चलाना पत्रकारिता की नैतिकता का तकाजा माना जाता है और किसे खारिज कर दिया जाना चाहिए। खबर में है कि सुधीर चौधरी अब अपने वाले को छोड़ कर बाकी चैनल वालों को बता रहे कि किस कार्यक्रम को चलाना अनुचित होगा। वह भी प्राइम टाइम पर होने वाले कार्यक्रमों का। सुधीर को ऐतराज है कि राधे मां को प्राइम टाइम में क्‍यों बुलाया जा रहा है।

आपको बता दें कि सुधीर चौधरी पत्रकारिता के वह शख्स हैं जो कांग्रेस के सांसद रहे और उद्योगपति नवीन जिंदल से जी-समूह के लिए 100 करोड़ की दलाली करने के मामले में पकड़े गए थे। यह मामला पुलिस में गया और सुधीर सुमित कई लोग इस मामले में फंस गए थे। नतीजा यह हुआ कि जी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा ने सुधीर की दलाली के शौर्य और साहस की तारीफ करते हुए उसे अपने समूह में बड़ा ओहदा थमा दिया। लेकिन आपको बता दें कि सुधीर चौधरी केवल इतने ही नहीं है, करीब 10 साल पहले सुधीर ने एक फर्जी खबर चलायी थी की, जिसमें उन्होंने बालिकाओं के एक स्कूल की टीचर को नन्ही बच्चियों को सेक्स रैकेट में शामिल करने का आरोप लगाया था। इस टीचर का नाम था उमा खुराना।

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इस खुलासे के बाद लोगों ने स्कूल में घुसकर खुराना को पकड़ा और सड़क पर खींच कर ले जाकर उसे पीटा और पूरी तरह नंगा कर दिया था। बाद में मामला पुलिस के पास गया और पुलिस में अपनी जांच में पाया कि खुराना पूरी तरह निर्दोष थी और सुधीर चौधरी ने उसे केवल इसलिए फंसाने के लिए फर्जी खबर प्लाट की थी। क्योंकि उसने सुधीर को मनचाहा उपहार नहीं दिया था। हालांकि बाद में दिल्ली सरकार ने के दबाव में ने इस पुलिस जांच को माना और उसे स्कूल उमा खुराना वापस नौकरी दे दी। लेकिन तब तक पुराना इतनी व्यतीत हो चुकी थी कि उसने किया वह इस स्कूल में नौकरी नहीं करेगी। और अब वही सुधीर चौधरी जी समूह में राष्ट्रवादी पत्रकार के तौर पर सिरमौर में घूम रहे हैं। उनके हर एपिसोड हिंदुत्ववादी सपनों से सने होते हैं जिसमें सांप्रदायिक चौक का मिर्चा मसालेदार होता है। वह दुनिया भर की बकवास अपने इस कार्यक्रम में भरोसा करते हैं जिसे उन्होंने डीएनए का नाम दिया है।

और अब वही सुधीर चौधरी अब पत्रकारों और खास तौर पर न्यूज़ चैनल पर चल रही खबरों पर निगरानी करने का धंधा खोल चुके हैं। हाल ही उन्होंने ट्वीट किया कि मीडिया के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि राधे मां का इंटरव्यू प्राइम टाइम में चलना पड़ रहा है वह भी उसकी शर्तों पर संपादकीय नीति राधे राधे

श्री चौधरी ने अपने इस कमेंट पर उन खबरों को न्यूज़ चैनल के कटघरे में रखा है जो राधे मां के कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं। जाहिर है कि सुधीर चौधरी अपने चैनलों में यह राधे मां को नहीं भुला पा रहे हैं और अपनी हताशा ऐसे न्यूज़ चैनल पर फेंक रहे हैं। मेरे एक मित्र ने नाम प्रकाशित न करने के आग्रह पर लिखा है कि अभी अगर राधे मां के प्रबंधक जी समूह के भारी भरकम पैकेज थमा दे तो यही सुधीर चौधरी राधे मां के लिए राधे राधे करना शुरू कर देंगे

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