40 हजार की दलाली। हिन्‍दुस्‍तान के रिपोर्टर पर कहर टूटा, बर्खास्‍त

सैड सांग

: देवरिया के क्राइम रिपोर्टर को सम्‍पादक ने संस्‍थान से हटाया : अपने ही संस्थान के मैनेजर के भाई पर हाथ साफ करने का आरोप : मैनेजर के शराब व्‍यवसायी भाई को हरिजन-एक्‍ट से मुक्ति दिलाने का कथित आरोप :

कुमार सौवीर

लखनऊ : गरीब और दलित पत्रकार होते हैं हिंदुस्तान अखबार में। यहां खबर कम, फर्जी और मरोड़-तरोड़ कर खबर छापने का धंधा करने के साथ ही साथ लिंगवर्धक यंत्र भी बेचते हैं हिन्‍दुस्‍तान के पत्रकार और सम्‍पादक। असर दूरदराज के जिलों के छोटे इलाकों में पत्रकारिता में घुसे छुटभैया लोगों पर भी पड़ने लगा है। लखनऊ और दिल्‍ली की तरह छोटे जिलों के पत्रकारों को कोई बड़ी डील तो हो नहीं पाती है, इसलिए वे अब बड़े लोगों की शैली में अपना नाम शुमार करने की कोशिश जरूर करते हैं। लेकिन बड़े पत्रकारों पर तो कोई हाथ नहीं डालता है, मगर छुटभैयों का कद छोटी-छोटी बात पर दो-इंच तक काट देने की कोशिश हो ही जाती है। इसके लिए न जांच की जरूरत समझी जाती है, और न ही स्‍पष्‍टीकरण की, बस उसके गले पर छुरी रख कर उसका कत्‍ल कर दिया जाता है।

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देवारण्‍य

ताजा मामला बिहार से सटे और पूर्वांचल के आखिरी जिले देवरिया का है जहां हिंदुस्तान के रिपोर्टर का काम संभाल रहे व्यक्ति पर आरोप है कि उसने चालीस हजार रूपयों की डील कर ली। यह जानते हुए भी यह डील उस संस्थान के मेरठ के बड़े अधिकारी के बड़े भाई की है। आरोपों के अनुसार इस रिपोर्टर ने हिंदुस्तान के बड़े अधिकारी के बड़े भाई को छुआछूत एक्ट और हिंसा एक्ट से बरी कराने के लिए यह बड़ी रकम उगाह ली थी, लेकिन चूंकि यह डील मैच्योर न हो पाई और दी गई रकम की वापसी नहीं हो पा रही थी, इसलिए उस रिपोर्टर ने आनाकानी करनी शुरू कर दे। नतीजा यह हुआ हिंदुस्तान के इस बड़े अधिकारी ने यह मामला सीधे संपादक के पास भेज दिया और कई दिनों की छानबीन के बाद तय हुआ कि रिपोर्टर को काम से हटा दिया जाए।

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पत्रकार पत्रकारिता

यह घटना 3 अक्टूबर की बताई जाती है। हिंदुस्तान अखबार में देवरिया ब्यूरो चीफ हैं वाचस्पति मिश्र। वाचस्पति मिश्र की छवि सामान्य तौर पर औसत दर्जे की है लेकिन कुछ पत्रकारों की निगाह से वह काफी घुटे घाघ बताये जाते हैं। सूत्र आश्‍चर्य कर रहे हैं कि इस 40 हजार रूपयों की डील में उनका हाथ कैसे नहीं रंग पाया। बहरहाल, देवरिया में हिन्‍दुस्‍तान अखबार में दो बरस पहले ही क्राइम रिपोर्टर का जिस शख्‍स को सौंपा गया था, उसका नाम है राजन सिंह। आरोप लगाने वालों का कहना है कि यह डील इसी राजन सिंह द्वारा की गई। पक्की खबर के अनुसार यह बड़ी रकम हो यहां के एक शराब  व्यवसाई राम नारायण तिवारी ने इस काम के लिए अदा की थी। तिवारी पर आरोप था कि उसने एक दलित को गालियां दीं और पीटा। तिवारी चाहते थे कि उस पर लगा हरिजन एक्ट और हिंसा का मामला हटा दिया जाए, इसके लिए ₹40000 की डील तिवारी ने करायी बताया जाता है। (क्रमश:)

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