10 लाख खतों का जवाब आखिर कैसे देंगी शीला

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आम आदमी पार्टी ने शीला दीक्षित को सौंपीं 10 लाख चिट्ठियां

नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यशमंत्री शीला दीक्षित बहुत टेंशन में हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि वे आखिर उन 10 लाख चिट्ठियों का जवाब कैसे देंगी, जो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें सौंपी हैं। जानकार बताते हैं कि इतनी तादात में चिट्ठियों का जवाब दे पाना इतना आसान नहीं है और अगर इसे मुमकिन भी किया गया तो उसमें खासा वक्त लगेगा। इतना ही नहीं, इससे प्रदेश सरकार के खजाने पर अच्छा-खासा खर्चा भी आ जाएगा।

गौरतलब है कि दिल्ली में बिजली और पानी के बिलों को मुद्दा बनाने वाली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवासियों के 10 लाख असहयोग पत्र मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सौंप दिए। इस सिलसिले में अरविंद केजरीवाल के अनशन के दौरान मुख्यमंत्री ने चिट्ठियां लेने से इनकार कर दिया था। अब उन्हें चिट्ठी देने में कामयाब होने के बाद आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि 19 मई को वो दिल्ली के विधायकों का घेराव करेगी।

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल खुश हैं कि बिजली-पानी के बिलों को नजायज बताने वाले उनके मिशन का पहला चरण पूरा हो गया। बिल न देने के करीब 10 लाख दिल्लीवालों के असहयोग पत्रों को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं से स्वीकार कर लिया। अरविंद केजरीवाल ने इसे अपनी लंबी लड़ाई की छोटी सी जीत करार दिया है।

बिजली-पानी आंदोलन के मंच से अरविंद केजरीवाल ने 19 मई को दिल्ली के विधायकों का घेराव करने का ऐलान भी किया। केजरीवाल ने बिजली-पानी के अनियमित बिलों के लिए विधायकों को जिम्मेदार ठहराया है जिन्होंने उनका विरोध नहीं किया।

आम लोगों से जुड़े मुद्दे उठाकर अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी की मुहिम से फिलहाल लोगों को जोड़ने में सफल दिख रहे हैं हालांकि ये सवाल अब भी है कि दिल्ली के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी इस समर्थन को वोट में कितना तब्दील कर पाती है। दिल्लीवालों का असहयोग पत्र शीला दीक्षित को सौंप तो दिया है लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि दिल्ली की मुख्यमंत्री इन पत्रों का जवाब कैसे देती हैं।

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