एक मासूम बच्ची की जिंदगी तबाह: करतूतें लखनऊ पुलिस की (1)

सैड सांग

हाईकोर्ट ने मामले में किया हस्तक्षेप, कहा: 9 को रिकार्ड दिखाओ

: पुलिसवालों के हत्‍थे चढ़ गयी बिना मां-बाप की बच्‍ची : अपराधियों को बचाने के लिए किशोरी के चाचा को ही जेल में ठूंस दिया : पुलिसिया करतूतों ने पूरा परिवार त्रस्त लड़की की पढ़ाई खत्म : जब राजधानी में यह हालत, तो प्रदेश की हालत क्‍या होगी :

लखनऊ: 11 दर्जे में पढ़ने वाली नाबालिग किशोरी के साथ उसके सहपाठी ने तीन दिन तक अपहरण कर बलात्कार किया। रिपोर्ट दर्ज हुई तो पुलिस ने लड़की को अपराधियों के घर से लाकर थाने पर छोड़ तो दिया, लेकिन अपनी खाल बचाने के लिए मामला उलट कर किशोरी के चाचा के माथे पर ठीकरा फोड़ दिया। अब अपराधी तो छुट्टे सांड़ की तरह उसे आयेदिन जान से मार डालने की धमकियां दे रहे हैं, बच्ची की पढ़ाई खत्म हो चुकी है और किशोरी का चाचा जेल में है।

यह सनसनीखेज मामला देश के किसी दूर-दराज ग्रामीण इलाके का नहीं है, बल्कि यूपी की राजधानी लखनऊ का है। इस प्रकरण में प्रथम-दृष्टया तो लखनऊ के सरोजनी नगर पुलिस पर एक खास जातीय रंग का असर दिख रहा है। इतना ही नहीं, सवाल भी उठे हैं कि आखिर किन कारणों के चलते इस अल्पव्यस्‍क लड़की को तीन दिनों तक थाने मे बैठाया गया।  बहरहाल, इस मामले पर हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया है और लखनऊ पुलिस को आदेश दिया है कि पूरे मामले और विवेचना का ब्योरा 9 अप्रैल को प्रस्तुत करे।

सन-96 की गर्मियों में इलाहाबाद में एक दम्पत्ति की एक सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गयी थी। उस समय इस दम्पत्ति की एक बच्ची दुधमुंही थी। नाम था चारू ( काल्‍पनिक नाम )। उसकी जन्मतिथि 14 जनवरी-96 है। दुर्घटना के बाद इस मासूम बच्ची को उसके दादा-दादी और संजय प्रताप सिंह और नवल प्रताप सिंह नाम के चाचाओं ने ही लखनऊ में पाला। ट्रांसपोर्टनगर के समीप शहीदपथ निवासी संजय एयरटेल और नवल डोकोमो में काम करते हैं। पढाई में तेज चारू स्थानीय क्रियेटिव कालेज में कक्षा-11 में पढ़ती थी, लेकिन विगत 13 दिसम्बर-12 की शाम को अचानक वह लापता हो गयी, जब वह अमौसी हवाई अड्डे के पास सब्जी मंडी से सामान खरीदने गयी थी। चारू के देर शाम तक घर न लौटने पर घरवाले घबरा गये और उसकी खोजबीन में जुट गये। पता चला कि पिछले कई महीनों से एक युवक उसके पीछे पड़ा था और जब-तब उसके साथ अभद्रता करते हुए गंभीर धमकियां देता रहता था। अजय प्रताप सिंह बताते हैं:- वह युवक ने क्रियेटिव कालेज में कई महीनों पहले ही एडमीशन कराया था। उसका नाम है विमल यादव। उसके पिता निर्मल यादव एलआईसी का काम करते हैं। विमल यादव इसके पहले भी कृष्णा नगर स्थित विजय नगर के अवध कालेज में पढ़ता था, लेकिन साथ की बच्चियों के साथ अश्लील और अभद्रता के चलते ही उसे प्रबंधन ने अवध कालेज से रिस्टीकेट कर दिया था। इसके बाद से ही किसी न किसी तरह से विमल यादव का प्रवेश क्रियेटिव कालेज में हो गया।

लेकिन क्रियेटिव कालेज में आने के बाद से ही शुरू से ही वह स्नेहा के पीछे पड़ा हुआ था। उसने कई बार कक्षा में भी चारू के साथ अश्लीलता और अभद्रता का प्रदर्शन किया था। शिक्षकों के साथ भी उसका व्यावहार निहायत बदतमीजी का था। विमल यादव की बढ़ती अभद्रताओं से परेशान होकर कालेज प्रबंधन ने हर तजबीज अपनायी लेकिन विमल का व्यवहार नहीं सुलझा। नतीजा, अगस्त-12 के आसपास क्रियेटिव कालेज से भी विमल यादव का निष्कासन यानी रिस्टीकेशन हो गया। संजय बताते हैं कि:- रिस्‍टीकेशन वाले दिन विमल ने अभद्रता की सारी सीमाएं तोड़ दी थीं इसलिए उसकी कालेज में जमकर पिटाई भी हुई। इसमें उसके हाथ में फ्रैक्चर भी हो गया था।

लेकिन इसके बाद चारूउकी दिक्कतें सुलझने के बजाय अचानक बढ़ गयीं। विमल ने अब चारू का जीना हराम कर दिया। चारू बताती है कि:- घर से कालेज आने और वापस लौटने तक के रास्ते में विमल की करतूतें बर्दाश्त‍ से बाहर होती जा रही थीं। सरेआम उसके साथ अभद्रता, गालियां, छेड़खानी और गंदी गालियां। कुछ दिन तो उसने किसी तरह बर्दाश्त किया, लेकिन बाद में घरवालों और कालेज के प्रिंसिपल और शिक्षकों को पूरी बात बतायी। विमल के इतिहास को खंगाला गया तो कालेज प्रबंधन और चारू के घरवालों के होश ही उड़ गये। तय हो गया कि विमल दरअसल मानसिक बीमारी से ग्रसित है और अब उसे समझाना नामुमकिन है, तो फैसला किया गया कि चारू का कालेज में आना-जाना बंद किया जाए और कालेज से नोट्स हासिल कर अपनी पढ़ाई पूरी करे। चारू के पास कोई दूसरा तरीका भी तो नहीं था, लेकिन अचानक यह 13 दिसम्बर-12 का हादसा हो गया। पूरी घटना की गंभीरता को महसूस करते हुए संजय सिंह ने उसी रात सरोजनीनगर थाने पर चारू की गुमशुदगी की अर्जी लगायी, जिसे पुलिस ने हीला-हवाली के बाद 14 दिसम्बर को रिपोर्ट दर्ज की। संजय बताते हैं कि थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार यादव ने इन लोगों को थाने से ही टरका कर वापस भिजवा दिया। ( नाबालिग बच्‍ची पर टूटा कहर, पुलिस आतंक जारी)

आप यदि इस पूरे प्रकरण को पढ़ना चाहें तो कृपया क्लिक करें:- करतूतें लखनऊ के पुलिसवालों की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *