हनीमून की प्लानिंग हवा कर दीं हवाई-प्लानर्स ने

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

120 करोड़ की अदायगी नहीं, जहाज से उतारे जा सकते हैं यात्री

और अचानक एयर-होस्‍टेस बोले कि कृपया जहाज से उतर जाएं, आपका टिकट अवैध है : इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन कड़ी कार्रवाई करने के मूड में आयी : स्प्रिंग ट्रेवेल्स ने कहा कि यात्रियों का पैसा सुरक्षित है, मगर सवाल यह है कि है कहां :

कुमार सौवीर

नई दिल्ली : सुहागरात यात्रा को रोमांचित करने के लिए और उसे हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बनाने में जुटे नये-नवेले विवाहित जोड़ों के लिए एक बुरी खबर है। आप सुहागरात मनाने के लिए गोआ, केरल, थाईलैंड, सिंगापुर जाना चाहते हों या फिर जापान, इंग्लैंड अथवा अमेरिका, तो सावधान रहियेगा। आपका एयर टूअर प्लान अब क्रैश हो सकता है। आशंका इस बात की है कि आप जिस एयरलाइन से आप जाने की तैयारी में हैं, वह अचानक आपके प्रोग्राम पर पानी फेर डाले। आशंका तो यह भी है कि आप जहाज पर चढें, और एयर-होस्‍टेस अचानक आपके सामने आकर साफ-साफ बोल दे:- आपका टिकट अवैध है। कृपया जहाज से उतर जाइये। प्लीज।

कम से कम स्प्रिंग ट्रेवल्स नाम की एक कम्पनी ने तो ऐसी आशंकाएं पैदा कर दी हैं। खबर है कि दिल्ली, की स्प्रिंग ट्रेवल्स नामक इस कंपनी ने विमान सेवाओं के लिए भुगतान पर 120 करोड़ रूपयों को लटका दिया है। अब एयरलाइंस इस रकम को वसूलने की जुगत भिड़ा रही हैं। इससे भी ज्यादा खराब बुरी तब हो सकती है, जब यह कम्पनियां इस पैसे की उगाही के लिए सारा ठीकरा यात्रियों के सिर पर फोड़ डालें। तब रद किये गये ऐसे टिकटों पर यात्रा हो पाना नामुमकिन होगा। वैसे इस हालत ने यात्रियों की सुविधाओं और यात्रा-आयोजन सम्बन्धी अधिकारों पर एक नये से सवाल खड़ा कर दिये हैं कि किसी भी स्तर पर हुई धोखाधड़ी आखिर किसी यात्री के खिलाफ क्यों और कैसे जाए।

तो, ताजा हालातों में इस बात की आशंका ज्यादा हो सकती है कि अपनी हवाई यात्रा को लेकर यात्रियों की हालत अब हवा-हवाई हो सकती है। रकम की डूबने की हालत में प्रभावित एयरलाइनें अपने यात्रियों के टिकट को खारिज करते हुए उन्हें यात्रा करने से मना कर सकती हैं। तब गाज गिरेगी यात्रियों पर, जिनकी रकम डूब सकती है। वे कह सकती हैं कि यह चूंकि यह धोखाधड़ी का मामला है, इसलिए यात्रा की इजाजत वे नहीं करेंगी। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो टूअर ऑपरेटर्स के साथ ही साथ एयरलाइंस की साख का भी भट्ठा बैठ सकता है। आखिरकार यह मामला 120 करोड़ रूपये की रकम का है।

वैसे, टूअर्स ऑपरेटर्स का संघ इस मामले पर गंभीरता से सुलझाना चाहता है। उनका तर्क है कि अगर किसी ने धोखाधड़ी की है तो उसकी जिम्मेदारी सारे ऑपरेटर्स पर क्यों हो। आखिरकार कोई भी टूअर्स एजेंट अपने दम पर टिकट नहीं बेचता है, वह तो एयरलाइन की साख को बेचता है। ऐसी हालत में अगर किसी ने गड़बड़ की है तो उसका दारोमदार केवल ऑपरेटर्स पर क्यों हो। कुछ भी हो, सूत्र बताते हैं कि यह झंझट निपटने के स्तर पर है ही नहीं। आखिरकार एक बड़ी रकम इस धोखाधड़ी में फंसी हुई है। एयरलाइनें फैसला कर सकती हैं कि वे यात्रियों को यात्रा की इजाजत न करें। अब यह तो विवाद के बाद निपटेगा कि गड़बड़ किस पर थोपी जाए, लेकिन तब तक यात्रियों की प्लानिंग का भट्ठा बैठ ही जाएगा।

दरअसल यह मामला है इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन ( इयाटा ) का जिसने स्प्रिंग ट्रेवेल्स को 60 करोड़ की साख पर टिकट बेचने का अधिकार दिया था। बाद में इयाटा ने इस साख को दोगुना कर दिया। लेकिन पिछले महीने से ही स्प्रिंग ट्रेवल्स ने यात्रियों को बेचे गये टिकटों का भुगतान एयरलाइनों को किया ही नहीं। यानी धोखाधड़ी यहां हुई, और अब मामला और सबसे बड़ा सवाल यह है कि यात्रियों से उगाही किये गये 120 करोड़ रूपयों की वसूली आखिर इयाटा कैसे हासिल करे।

मजे की बात यह है कि स्प्रिंग ट्रेवेल्स के अध्य़क्ष मनदीप सिंह आनंद का कहना है कि सारी एयरलाइंस का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन सवाल तो यह है कि आखिरकार अगर पैसा सुरक्षित है तो किसके पास। आखिर यह रकम तो एयरलाइनों को पास होना चाहिए, जबकि स्प्रिंग ट्रेवेल्स के पास तो हर्गिज नहीं। आखिर यह भारी-भरकम रकम एयरलाइंस को अदा क्यों नहीं की जा रही है।

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