छत्तीसगढ़ में तैनात है अधेड़ पुलिस अधिकारी
चंदौली : रासलीला करने के लिए अपनी तीसरी शादी के फिराक में लगे एक डिप्टी एसएपी साहब अब उसी हवालत की हवा खा रहे हैं, जिसमें कभी वे खुद दूसरे अपराधियों को भेजा करते थे। चंदौली पुलिस ने नाबालिग बच्ची से शादी करने के आरोप में इस पुलिस अफसर को हवालात में बंद कर रखा है। हैरत की बात है कि यह पुलिस अधिकारी इसके पहले भी दो और शादी कर चुका है। बहरहाल, मामला अब थाने तक पहुंच गया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि चूंकि यह प्रकरण बाल विवाह से जुड़ा है, इसलिए अभियुक्त की जमानत थाने से ही हो जाएगी। तो यह चेहरा है पुलिस और उससे जुड़े अधिकारियों का। पकड़े गये पुलिस अधिकारी का नाम है प्रद्य़म सिंह यादव। यह चंदौली के ही बलुआ थाना के उत्तर समुदपुर गांव का रहने वाला है। प्रद्युमन यादव के पिता पूर्व रेलकर्मी है, जबकि जिस लड़की के साथ उसका विवाह हो रहा था, वह इसी बलुआ थाना के उतड़ी गांव का रहने वाला रामअवध यादव है। राम अवध किसान है।
खबरों के मुताबिक यह घटना जिले के धानापुर स्थित रामगढ़ गांव के कीनाराम आश्रम में हुई। प्रद्युमन यादव यहां सुबह पहुंचा था जबकि रामअवध अपनी बेटी प्रियंका और अपने चंद रिश्तेदारों के साथ यहां पहुंचा था। पूरा मामला गुपचुप अंदाज में ही हो रहा था। दोनों ही पक्षों के बस कुछेक रिश्तेदार ही गवाही के तौर बुलवाये गये थे। कि अचानक कीनाराम आश्रम के कुछ लोगों को इस बच्ची की शक्ल देखी तो वे आश्चर्यजनक हो गये। इन लोगों को लगा कि यह बच्ची बमुश्किलन 12-13 साल ही थी, जबकि जिसे विवाह का जोड़ा पहना था, वह उम्रदराज यानी करीब 50-55 साल का ही था। आश्रम में मौजूद लोगों ने इस घटना की सूचना स्थानीय थाने तक पहुंचा दिया।
उधर इस बेमेल विवाह की सूचना स्थानीय मीडियाकर्मियों को भी भेज दी गयी थी। आनन-फानन पत्रकारों का झुंड कीनाराम आश्रम पर भनभनाने लगा। पत्रकारों की गतिविधियों को देखते हुए वहां लोगों की भीड़ भी बढने लगी। बात बिगड़ती देख कर शादी करने पहुंचा शख्स अपनी शादी का जोड़ा छोड़कर भागने लगा, लेकिन तब तक लोगों ने उसे दबोच लिया। यह देखते ही बुढ्ढा दूल्हा, और दोनों के पक्ष के लोग भी खिसकने लगे, मगर तब तक भड़क चुके लोगों ने पुलिस के न आने तक किसी को भागने का मौका नहीं दिया।
इस बीच लोगों ने इन लोगों से पूछताछ शुरू की तो बता चला कि यह बुड्ढा डिप्टी एसपी प्रद्युम्न यादव इसके पहले भी दो अन्य शादी कर चुका है। पहली शादी के बाद उसकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी, जबकि दूसरी शादी के बाद उसकी पत्नी कहीं और भाग गयी। उसका पता ही नहीं चला। कुछ अन्य लोगों का कहना था कि इन दोनों ही शादियों में नाबालिग लड़कियों से ही प्रद्युम्न से रिश्ता हुआ था और अब तीसरी शादी भी नाबालिग बच्ची से ही होने जा रही थी।
बात फिर पहुंची थाने तक, तो मजबूरन पुलिसवाले आश्रम पर पहुंचे। पुलिस ने बुड्ढे दूल्हे को हिरासत में ले लिया और उसे लेकर बलुहा थाने तक ले गये। घटना स्थल के समय पहुंचने और उसके बाद थाने तक पहुंचे पत्रकार महेंद्र प्रजापति और कमलजीत सिंह ने बताया कि इस डिप्टी एसपी प्रद्युम्न की जमानत थाने से ही मिल जाएगी। चंदौली के अपर पुलिस अधीक्षक जियालाल यादव के हवाले से इन पत्रकारों का कहना है कि चूंकि बाल विवाह अधिनियम में कोई सख्ती का प्राविधान नहीं है, इसलिए थाने से ही इस पुलिस अधीक्षक को जमानत दिया जा सकता है।
तो, अब आखिरी बात जरा इस कीनाराम आश्रम पर। इस आश्रम का नाम खरीद कर यानी क्रीत हुए एक बच्चे के नाम पर हुआ है जो हजारों साल पहले कीनाराम के नाम पर मशहूर हुआ। औघड़ संप्रदाय के इस कीनाराम संत के इस आश्रम के चारों ओर बने चार कुओं के पानी के बारे में कहा जाता है कि इनका स्वाद अलग-अलग है।
लेकिन हैरत की बात है कि पुलिस महानिदेशक के बयान में कहा गया है कि पकड़े गये शख्स ने खुद को रायपुर का डिप्टी एसपी बताया है। यही बात इस बात में बड़ी अटपटी है। सवाल यह है कि जब जनता ने ही इस शख्स को दबोचा, तो पुलिस का काम क्या उसे थाने तक पहुंचाना ही था। पुलिस ने केवल अपनी खानापूरी ही तो की है। इस शख्स ने केवल अपना नाम पता और पद बता दिया और पुलिस ने उस पर आंख मूंद कर विश्वास कर दिया। सवाल यह है कि फिर पुलिस ने किया क्या।