लाई-डिटेक्टर ने उगलवा दिया इस नृशंस हत्याकांड का सच

सैड सांग

हिसार या अंबाला के जेल में ही होगी फांसी

: सोनिया को सिर्फ शक था कि रेलूराम उसे सम्पत्ति नहीं देंगे : हालांकि शादी तो करा दी, लेकिन रेलूराम शादी से नाखुश थे : बर्थडे पर खूब पटाखे, ताकि हत्याओं की आवाज दबायी जा सकें :

हिसार और जगाधरी: दरअसल यह प्रेम-विवाह से शुरू हुई एक कहानी है, जिसका दुखांत अंक हुआ। 29 सितंबर 1998 को परिवार वालों की मौजूदगी में दोनों की शादी हुई। मगर, इस शादी से पूर्व विधायक और सोनिया के पिता रेलूराम कत्तई खुश नहीं थे। कारण, संजीव की आर्थिक हैसियत उनके मुकाबले बेहद कमजोर थी। सोनिया को डर था कि पिता उसे संपत्ति में हिस्सा नहीं देंगे। केस डायरी के अनुसार एक विवाद के दौरान रेलूराम ने सोनिया को थप्पड़ मारा था तो उसने संजीव के साथ मिलकर बेहद खौफनाम वारदात को अंजाम दिया था। हिसार फार्म हाउस पर सोनिया की बहन प्रियंका के 19वें जन्मदिन जश्न के लिए सब एकत्र हुए थे। वहीं संजीव और सोनिया ने इस नरसंहार को अंजाम दिया था।

लाई-डिटेक्टकर से नहीं बच पाया संजीव और सोनिया के झूठ

इस पूरे मामले में पुलिस से करायी गयी लाई-डिटेक्टरर ने इन दोनों के झूठों को ताना-बाना पूरी तरह उधेड़ डाला। रेलूराम पूनिया परिवार हत्याकांड में सोनिया ने अपने पति संजीव के साथ मिलकर बड़ी ही चतुराई से एक-एक करके आठ लोगों की हत्या को अंजाम दिया था। हालांकि पूरे हत्याकांड को संदिग्ध बनाने के लिए दोनों ने काफी कोशिश की, लेकिन हत्याकांड के मास्टर माइंड संजीव ने लाई डिटेक्टर टेस्ट में पूरे घटनाक्रम की तसवीर खींच कर रख दी थी।

टेस्ट में संजीव ने बताया कि उन्होंने रात 11 बजे से सुबह 4 बजे के बीच पूरे हत्याकांड को अंजाम दिया। सबसे पहले उन्होंने सोनिया के जन्मदिन की पार्टी के बहाने पटाखों के शोर में पिस्तौल से सभी की हत्या करने की योजना बनाई। पार्टी के बाद जब पटाखे चलाए गए तो कृष्णा ने रेलूराम की नींद में खलल पडऩे के कारण पटाखे चलाने से मना कर दिया। बाद में संजीव और सोनिया ने लोहे की रॉड से हत्या करने की योजना बनाई।

सबसे पहले दोनों ने दूसरे फ्लोर पर नींद में लेटे हुए रेलूराम की रॉड से हत्या कर दी। बाद में टॉप फ्लोर पर सोई हुई रेलूराम की पत्नी कृष्णा व तीन माह की पौती प्रीति की हत्या की। नीचे आए तो सोनिया का भाई सुनील, भाभी शकुंतला, बहन पम्मा एक कमरे में बच्चे लोकेश व शिवानी के साथ बैठे हुए बातें कर रहे थे। दोनों ने पम्मा का ताइक्वांडो चैंपियनशिप में चयन करवाने का बहाना बनाया और दूसरे कमरे में ले जाकर उसकी हत्या कर दी। जब शोर हुआ तो उन्होंने अटैची गिरने की बात कहकर मामले को दबा दिया। बाद में दोनों सुनील को प्रापर्टी का फैसला करने के लिए मां कृष्णा देवी (जिसकी पहले ही हत्या कर दी थी) के पास ले जाने लगे। शकुंतला ने भी साथ चलने के लिए कहा लेकिन उसे झगड़े की जड़ बताते हुए मना कर दिया। इसी दौरान सुनील ने संजीव के कपड़ों पर खून के निशान देख लिए तो उन्होंने कृष्णा की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।

चूंकि सुनील का अपनी मां के साथ झगड़ा रहता था, इसलिए उसने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं की। बाद में वे सुनील को प्रापर्टी का फैसला करने के लिए दूसरे कमरे में ले गए। शकुंतला बीच में न आए, इसके लिए दोनों ने सुनील की मदद से उसको चारपाई से बांध दिया। सुनील को दूसरे कमरे में ले जाकर उसकी हत्या कर दी। बाद में उन्होंने शकुंतला, उसके पुत्र लोकेश व पुत्री शिवानी की हत्या कर दी।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज जिन दया याचिकाओं को ठुकराया है, उनमें हिसार के सोनिया-संजीव की याचिका भी शामिल है। यानी सोनिया आजाद हिंदुस्तान की वह पहली महिला बन जायेगी, जिसे फांसी के फंदे पर लटकाया जायेगा। इसके साथ ही एक ऐसी बहस शुरू हो गयी है कि क्या हमारा देश किसी महिला को फांसी पर लटकाने को तैयार है। राष्ट्रपति द्वारा आज लिये गये निर्णय के बाद सोनिया को फांसी तो तय है, पर साथ ही यह भी तय है कि यह निर्णय एक लंबी बहस को ज़रूर जन्म दे जायेगा।

हिसार या अंबाला में फांसीघर

संजीव व सोनिया को अगर राष्ट्रपति माफ नहीं करते हैं तो इस सूरत में उनकी फांसी हिसार या अंबाला जेल में भी संभव है। दोनों ही जगह फांसीघर बने हुए हैं। रेलूराम पूनिया के भाई रामसिंह के वकील लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि राष्ट्रपति उन्हें इंकार करते हैं तो हिसार के न्यायिक क्षेत्र में यह मामला होने के चलते ज्यादा संभावनाएं इसी बात की हैं कि उन्हें हिसार जेल में ही फांसी दी जाएगी।

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