अपनी मौत की अनसुलझी कहानी बन गया बद्रीश
गुड़गांव : इंसपेक्टर बद्रीश की गिनती दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में दबंग अफसरों में होती थी। बद्रीश ने पार्लियामेंट अटैक से लेकर बटला हाउस और तमाम टेरेरिस्ट के माड्यूल को नेस्तनाबूत करने का काम किया था। अपनी 22 बरस की नौकरी में बद्रीश ने हजारों मामलों को निपटाया मगर आज वह खुद मरकर एक बड़ा सवाल बन गया। वह भी अपनी प्रेमिका के साथ।
गीता शर्मा से बद्रीश का रिश्ता तो जगजाहिर था लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि आखिर रात के दो बजे फलैट में गोली बारी की नौबत क्यों आ गई। इन सवालों में सबसे पेंचीदा सवाल ये कि आखिर किसने, किसको गोली मारी। यानी इन दोनों मे से कत्ल करके खुदकुशी करने वाला कौन है। गीता शर्मा ने इंसपेक्टर बद्रीश का कत्ल किया और फिर खुदकुशी कर ली या फिर इंसपेक्टर ने गीता का कत्ल करने के बाद खुद को गोली मार ली।
दिल्ली पुलिस का एक सुपरकॉप, गुड़गांव की एक खूबसूरत जासूस और एक फ्लैट। इस फ्लैट में दोनों की लाश। गुड़गांव के फ्लैट नंबर 17 सी की ये वो मिस्ट्री है जिसने पुलिस के पसीने छुड़ा दिए हैं. जी हां पुलिस के सामने दो अहम सवाल हैं पहला ये कि पहली गोली किसने चलाई और दूसरा सवाल ये कि गोली क्यों चलाई गई।
इंसपेक्टर बद्रीश की लाश जमीन पर पड़ी थी और उनसे बिल्कुल सटी हुई गीता शर्मा की लाश थी. गीता के दाहिने हाथ की तरफ बद्रीश का सर्विस बोर पिस्तौल पड़ा था, जबकि गोली दोनों के सिर में लगी थी। गीता के सिर में गोली दाहिनी तरफ से लगी थी जबकि बद्रीश के सिर में गोली बाईं ओर से लगी दिखाई दे रही थी।
शुरुआती जांच में फॉरेंसिक एक्सपर्ट को इतना तो साफ हो जाता है कि दोनों राइट हैंडर थे लिहाजा बद्रीश सीधे हाथ से बायीं कनपटी पर गोली नहीं मार सकते। जबकि गीता सीधे हाथ से अपनी दाहिनी कनपटी पर गोली आसानी से चला सकती हैं। यानी यूं लगा कि गीता ने पहले इंसपेक्टर बद्रीश को गोली मारी और फौरन बाद ही खुद की कनपटी से पिस्तौल सटाकर खुदकुशी कर ली।
दोनों लाशों को देखकर ये मान लिया गया कि पहले गोली गीता ने चलाई और फिर खुदकुशी कर ली. लेकिन हैरानी की बात ये है कि वारदात के 24 घंटे बाद ही गुड़गांव पुलिस की ये थ्योरी भी उस वक्त फेल हो गई. जब पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने एक अहम खुलासा किया. जी हां खुलासा ये कि इंसपेक्टर बद्रीश को गोली दाहिनी कनपटी पर लगी और बाईं तरफ से बाहर निकल गई. जबकि गीता के सिर में गोली ऊपरी हिस्से में लगी. यानी पहली गोली गीता ने नहीं बल्कि इंसपेक्टर बद्रीश ने चलाई और फिर खुदकुशी कर ली.
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