ट्रानिका सिटी और सूरजपुर में हुई थी बेशुमार लूट और उगाही
: प्रभारी होने के बावजूद इंजीनियरों को थमाया था बेशुमार अधिकार : के. धनलक्ष्मी पर सीबीआई का फंदा कसने की सम्भावना : खादी ग्रामोद्योग मंत्री तो खुलेआम धनलक्ष्मी की खूबसूरती पर रीझ गये थे :
यूपी : सुल्तानपुर की डीएम और अपने हुस्न की प्रशंसा के चलते प्रदेश के खादी ग्रामोद्योग मंत्री की कुर्सी खिसकाने का तमगा टंगवा चुकीं के. धनलक्ष्मी का पल्लू अब सीबीआई खींचना शुरू कर दिया है। सीबीआई ने धनवाली अफसर के तौर पर कुख्यात इस आईएएस के धनलक्ष्मी की घेराबंदी कस दी है। इतना ही नहीं, सीबीआइ द्वारा शासन से उनसे जुड़ी जानकारियां मांगे जाने के बाद यूपीएसआईडीसी में तैनात कई अधिकारियों के चेहरे पर भी हवाइयां उड़ने लगी हैं।
आपको बता दें कि यूपीएसआईडीसी में वर्ष 2005 से 2007 के बीच के. धनलक्ष्मी तैनात थीं। इस बीच कई महीने तक वे यहां प्रभारी प्रबंध निदेशक का भी पद सम्भा लती रहीं। इसी दौर में उन्होंने यहां के कुख्यात मुख्य अभियंता अरुण मिश्र समेत कई अभियंताओं और अधिकारियों के अधिकारों में बढ़ोत्तरी कर दी थी।
बताते हैं कि इसके बाद से ही ट्रोनिका सिटी गाजियाबाद और सूरजपुर की योजनाओं में करोड़ों रुपयों के बड़े-बड़े घोटाले हुए थे। इन घोटालों में यहां मनमाने तरीके से भूखंडों का आवंटन किया गया और एक दर्जन से अधिक ठेकेदारों को बिना काम के ही भुगतान कर दिया गया था। बताते हैं कि यह भुगतान और आवंटन में धनलक्ष्मी ने जमकर बेशुमार कमाई की थी।
उनके यहां के कार्यकाल के दौरान के. धनलक्ष्मी के विरुद्ध दो मुकदमे हुए थे। आय से अधिक मामले में के. धनलक्ष्मी के विरुद्ध जांच कर रही सीबीआइ के डिप्टी एसपी सुरेंद्र मलिक ने वह जहां-जहां तैनात रहीं वहां से उनके सरकारी फोन, मोबाइल फोन, वाहनों के बिल का भुगतान, लैपटाप का स्टेटमेंट, उनके व परिवार के मेडिकल बिल का विवरण और मोबाइल की कॉल डिटेल मांगी है।
सीबीआई की इस कवायद की खबर गुरुवार को यहां आने पर यूपीएसआईडीसी में हड़कम्प मच गया। खासकर यहां तैनात उनके कुछ खास अधिकारियों की पेशानी पर भी बल पड़ गया।