मेल आर नॉट अलाउड। हम महिला सैलानी हैं

सक्सेस सांग

सतरंगी सपनों को अकेले दम पर हासिल करने वाली महिलाएं

नो, नो। मेल आर नॉट एलाउड।

जी हां, यह नये दौर की महिलाओं का जुमला है, जहां केवल महिलाएं ही होंगी। आपको शायद यकीन न आये कि यह महिलाएं घुमक्कड़ी करने निकली हैं। देर देस की ओर, सात समुंदर के पार। अपनी नये मंजिल देखने-खोजने के लिए। राहुल सांकृत्यायन अगर आज मौजूद होते तो शायद वे भी हिचक उठते। लेकिन बदले जमाने की बदली औरत को देखने-महसूस करना चाहें तो आइये, हम आपको दिखाते हैं कि कैसे नयी-नयी मंजिलों को नाम निकली है आज की औरत। दरअसल, पहले औरत बिलकुल बेचारी ही थी। सवालों की झाड़-झंखाड़ पर फंसी हुई। मसलन, अकेली औरत घर से बाहर निकले तो कैसे। सामाजिक बेडिय़ों से तो निपट लें लेकिन सुरक्षा जैसे सवाल का क्या करें। किसी होटल के कमरे में अकेले कैसे ठहरें। किसी अभयारण्य में अकेले जंगल सफारी के लिए कैसे जाएं। ढेरों सवाल हैं और जवाब लेकर आए हैं महिला टूरिज्म क्लब। ऐसे क्लब जिन्होंने अकेली महिलाओं को एक साथ जोड़कर पर्यटन का नया माहौल पैदा कर दिया है। हर उम्र, सतरंगी शौक और तरह-तरह के रोजगार से जुड़ी महिलाएं एक जगह एकत्र होकर दुनिया को नापने चल पड़ती हैं। आप भी देखिये ना, इन महिला घुमक्कड़ों की रोचक दास्तान। यह रोचक कहानी दो किश्‍तों में पेश रही हैं अलका कौशिक।

(सम्पादक )

यूरोप की अनेक अकेली महिलाओं को हमने भारत भर में सैर करते देखा है। ऐसे में हम भारतीयों महिलाओं के मन में भी घूमने की तमन्ना जागती है। मन करता है कि कंधे पर बैग टांगकर किसी मंजिल की ओर चल पड़ें। किसी झरने से गुफ्तगू हो। किसी पहाड़ का तकिया लगाकर किताबों को टटोला जाए। किसी समंदर के दिल की बात उसी के सिरहाने बैठकर सुनी जाए। लेकिन क्या करें! अकेली औरत घर से बाहर निकले तो कैसे। सामाजिक बेडिय़ों से तो निपट लें लेकिन सुरक्षा जैसे सवाल का क्या करें। किसी होटल के कमरे में अकेले कैसे ठहरें। किसी अभयारण्य में अकेले जंगल सफारी के लिए कैसे जाएं। ढेरों सवाल हैं और जवाब लेकर आए हैं महिला टूरिज्म क्लब। ऐसे क्लब जिन्होंने अकेली महिलाओं को एक साथ जोड़कर पर्यटन का नया माहौल पैदा कर दिया है। हर उम्र, सतरंगी शौक और तरह-तरह के रोजगार से जुड़ी महिलाएं एक जगह एकत्र होकर दुनिया को नापने चल पड़ती हैं। आपको घुमक्कड़ी का शौक बेइंतहा है लेकिन घर में दूसरे लोगों को यह शगल रास नहीं आता, या फिर आप सिंगल हैं, जीवनसाथी या पार्टनर नहीं है, या है भी तो अपने काम में इतने व्यस्त हैं कि वैकेशन पर निकलना उन्हें नामुमकिन लगता है  तो क्या आप मन मसोसकर रह जाएंगी ? आपको सैर सपाटा पसंद है और जोखिम लिए बगैर यानी एकदम सुरक्षित पर्यटन चाहती हैं तो अब विमेन टूरिस्ट क्लब/ ग्रुप आपके ही इंतजार में हैं। टूर ऑपरेटरों की ही तरह ये भी एकदम पेशेवर हैं और सफर पर निकलने वाली अकेली औरतों के लिए योजनाओं को अमली जामा पहनाने में ये कोई कोर-कसर नहीं रख छोड़ते। होटल/रेसोर्ट की बुकिंग हो या हवाई/रेल यात्राओं की टिकटिंग तक की पूरी जिम्मेदारी ये सहजता से निभाते हैं। और आपको इनके साथ सफर करने पर मिलती हैं अपनी जैसी दूसरी महिलाएं। कार्पोरेट दुनिया में सफलता के ऊंचे मुकाम पर बैठी व्यस्त एग्जीक्यूटिव भी आपकी सहयात्री हो सकती है और गृह-गृहस्थी से ऊब चुकी हाउसमेकर भी।

सुमित्रा सेनापति ने करीब आठ साल पहले ऐसा ही एक ट्रैवल क्लब बनाया था  ‘वाउ’ यानी विमेन ऑन वांडरलस्ट (www.wowsumitra.com)। पेशे से ट्रैवल राइटर सुमित्रा के मन में न्यूजीलैंड में सैल्फ ड्राइव टूरिज्म के दौरान इस क्लब का विचार कौंधा। उन्होंने यूरोप में अकसर महिलाओं को अकेले घूमते-फिरते देखा था, सैर-सपार्ट का लुत्फ उठाती ये महिलाएं बैकपैकर से लेकर किसी ट्रैवल ग्रुप की सदस्य हो सकती हैं। बेशक, यूरोप के बहुत से देशों में अकेली औरतों के लिए घूमना-फिरना एकदम सुरक्षित और सहज होता है, लेकिन हमारे देश में इस तरह की सुविधाएं पिछले कुछ साल पहले तक नहीं थीं। लेकिन अब कई विकल्प सामने आए हैं जो अकेली औरतों के टूरिज्म के सपनों को पूरा करते हैं।

बदलते वक्त ने समाज की तस्वीर को बदला है, औरतें आर्थिक दृष्टि से मजबूत हुई हैं तो कहीं न कहीं परिवार से दूरी भी बनी है। कोई नौकरी के सिलसिले में स्वजनों से दूर रहने को मजबूर है तो कोई अपने किसी जुनून की खातिर अकेली जिंदगी जी रही है। कभी हालात ने किसी को अकेला बनाया तो किसी ने खुद अकेलापन चुना है। लेकिन इस पूरी तस्वीर का एक सुखद पहलू यह रहा है कि इन अकेली औरतों ने अपनी जिंदगी की छोटी-बड़ी इच्छाओं को पूरा करने का न सिर्फ मन बनाया है बल्कि वे जी-भरकर जिंदगी का लुत्फ उठाने की फिलॉसफी को जीने भी लगी हैं। उनकी सोच की तस्वीरों में रंग भरने के लिए ही अब देशभर में जगह-जगह ट्रैवल क्लब तैयार हुए हैं जो घुमक्कड़ी के शौक को पूरा करने में मददगार हैं। ट्रैवल कंपनी केसरी ने यायावर महिलाओं के लिए खास माई फेयर लेडी (www.kesari.in/Speciality-Tours/My-Fair-Lady-Tours.asp)  टूर पैकेज पेश किए हैं जो उन्हें देश-विदेश की कई जानी-अनजानी मंजिलों की सैर पर ले जाते हैं। इनमें से कितने ही टूर घोषित होते ही सोल्ड-आउट हो जाते हैं। ( अगले अंक में जारी )

अगर आप इस आलेख का दूसरा अंक देखना चाहते हैं तो कृपया क्लिक करें:- हर्ज क्‍या है, अगर अगर औरतें अपने लिए भी जीना चाहती हैं

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