जयाप्रदा लौट के वापस आंध्रप्रदेश की पगडंडी पर

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

सपा, रामपुर और यूपी की राजनीति से जयाप्रदा ने पकड़े कान

: रामपुर वाले मकान और सामान को ठिकाने लगाने की कवायद : जेल में बंद रेड्डी के पिता की तारीफ कर डगर की सफाई में जुटीं :

हैदराबाद: खबर है कि अभिनेत्री से राजनीतिज्ञ बनीं जयाप्रदा का मन अब यूपी से भर चुका है। हो सकता है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वे अपने गृहक्षेत्र राजामुंद्री से चुनाव लड़ें और आंध्र प्रदेश की राजनीति में वापसी की योजना बनाएं। हालांकि इस बात का ऐलान खुले तौर पर अब तक नहीं हुआ है, लेकिन यह पक्कान माना जा रहा है कि जयाप्रदा ने अपना होल्ड-ऑल बांध लिया है और अब आंध्रप्रदेश की डगर पकड़ने के मूड में हैं।

वैसे भी जयाप्रदा शुरू से ही यूपी के लिए अनजानी शख्सियत ही रही हैं। वह तो खैर शुक्र रहा था कि अमर सिंह की पसंदीदा रहीं जयाप्रदा को मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी पसंद बना लिया और समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़कर जीत भी गयीं। लेकिन सपा में अमर सिंह का सूरज डूबने के साथ ही और दीगर लोगों ने तो अमर सिंह का पल्लू छोड़ तो दिया, लेकिन जयाप्रदा ने हर्गिज नहीं। हालांकि इस फैसले के चलते रामपुर के छोटे मुख्यमंत्री आजम सिंह ने लगभग नंगी गालियों के ओले फेंके मगर जयाप्रदा जीत गयीं। आज हालत यह है कि वर्ष 2010 में वह समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित की जा चुकी हैं। इस समय वह उत्तर प्रदेश के रामपुर से निर्दलीय सांसद हैं। उन्होंने हालांकि इस समय यह तय नहीं किया है कि वह आंध्र प्रदेश में किस राजनीतिक दल से जुड़ेंगी।

ताजा बदलाव की बयार के मुताबिक आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वाई. एस. राजशेखर रेड्डी की तारीफों के पुल बांधकर जयाप्रदा ने हालांकि वाईएसआर कांग्रेस से जुड़ने के संकेत दे दिए हैं। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष राजशेखर रेड्डी के पुत्र वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी हैं, जो इस समय अवैध संपत्ति के मामले में जेल में हैं। एन. चंद्रबाबू नायडू की जनता में अपनी साख खोने की आलोचना करके जयप्रदा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह वापस तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) से नहीं जुड़ने वाली हैं।

जयाप्रदा ने राजशेखर रेड्डी को एन.टी. रामाराव से कहीं आगे बताया। हालांकि रामाराव के आमंत्रण पर ही 1994 में वह तेदेपा से जुड़ी थीं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”राजशेखर रेड्डी की आकस्मिक एवं दुखद मृत्यु के बाद वाईएसआर कांग्रेस को उन्हीं के कद के एक नेता की जरूरत है।” जयाप्रदा ने जेल में बंद जगनमोहन रेड्डी के लिए भी अपनी सहानुभूति व्यक्त की और कांग्रेस पर उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगाया।

राजामुंद्री संसदीय सीट के लिए वाईएसआर कांग्रेस का टिकट मिलना तय होने पर वह इस पार्टी से जुड़ने का अंतिम निर्णय ले सकती हैं। जयाप्रदा ने कथित तौर पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अध्यक्ष आदिकेशवुलू नायडू से अपनी राजनीतिक योजनाओं के बारे में विचार-विमर्श किया। नायडू के पुत्र वाईएसआर कांग्रेस के नेता हैं। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि जयाप्रदा 1998 तथा 1999 में राजामुंद्री में जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भी जुड़ सकती हैं। तेदेपा की तरफ से दिग्गज अभिनेता मुरली मोहन कोफिर से राजामुंद्री से चुनाव में खड़ा करने की योजना के कारण अगले आम चुनाव में राजामुंद्री में दो फिल्मी सितारों के बीच चुनावी जंग देखने को मिल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *