: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह की बहू हैं स्नेहलता सिंह : अनुराग सिंह की अध्यक्षता वाले शिक्षण संस्थान में पत्नी स्नेहलता सिंह हैं कोषाध्यक्ष : संस्थान की पोर्टल में कार्यकारिणी समिति में सरेआम ऐलान किया भाजपा नेता की पत्नी ने अपनी बदली वल्दियत का ऐलान :
कुमार सौवीर
लखनऊ : कोई अपने किसी को बच्चे को गोद ले ले, या अपनी औलाद को अपनी सम्पत्ति से बेदखल करने का ऐलान कर दे दे यह तो अक्सर सुनने में आता है। लेकिन कोई शख्स अपनी वल्दियत बदल डाले, यह कभी किसी ने नहीं सुना होगा। वह भी तब, जब वह न सिर्फ कोई महिला हो, बल्कि एक बड़े राजनीतिक खानदान से सम्बन्धित हो।
जी हां, लखनऊ में यह हो गया। लखनऊ में बेशुमार सम्पत्तियों को लेकर खासे चर्चित और विवादित हो चुके एक शख्स के परिवार में अब अधेड़ अवस्था में वल्दियत का बवाल खड़ा हो गया है। वल्दियत यानी पैटनिर्टी का झगड़ा। मतलब यह कि इस झंझट की शुरूआत अब पिता के नाम को लेकर है। इस मामले में एक महिला ने अपने सार्वजनिक कागजों में अपने असली पिता के बजाय, अब किसी दूसरे को अपना पिता घोषित करा दिया है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इस मामले में असल हकीकत क्या है। जिसका भी फोन लगाता हूं, नो-रिस्पांस की नोटिस आ जाती है।
बहरहाल, किस्सा यह है कि लखनऊ में एक शिक्षण संस्थान है। मोहनलालगंज इलाके में। नाम है आर्यावर्त इंस्टीच्यूट ऑफ हायर एजूकेशन। इसकी अपनी एक बड़ी और बाकायदा वेब-साइट भी है। नाम है aryavarteducation.com। वैसे तो यह यह पोर्टल-साइट इस संस्थान की जानकारियों से अटी पड़ी है। लेकिन इसके संचालन के लिए बनी कार्यकारिणी समिति में एक पेंच लग गया है। इसमें कोषाध्यक्ष का पद सम्भालने वाली स्नेहलता सिंह के पिता के नाम के कॉलम के सामने डॉक्टर ओपी चौधरी दर्ज है।
बस, इसी को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है।
दरअसल, स्नेहलता सिंह के अब तक सारे कागजातों में पिता का नाम लोकनाथ सिंह लिखा हुआ है। चाहे वह हाईस्कूल का प्रमाणपत्र हो, अथवा पासपोर्ट हो, आधार हो अथवा दर्जनों अदालती शपथपत्रों के कागज हों। लेकिन आग तो तब लगी, जब aryavarteducation.com की साइट में कार्यकारिणी समिति की कोषाध्यक्ष स्नेहलता सिंह के पिता का नाम लोकनाथ सिंह के बजाय डॉक्टर ओपी चौधरी दर्ज दिखा।
आपको बता दें कि यह शिक्षण संस्थान स्नेहलता सिंह की पारिवारिक सम्पत्ति माना जाता है। वजह यह कि इस संस्थान की कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष है अनुराग सिंह, जो स्नेहलता के पति हैं। यहां ज्ञातव्य है कि अनुराग सिंह भाजपा के कार्यकर्ता तो हैं ही, साथ ही साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सिंचाई मंत्री ओमप्रकाश सिंह के पुत्र भी हैं।
अब हैरत की बात है कि आखिर किन स्वार्थों के चलते स्नेहलता सिंह, अनुराग सिंह और उनकी पूरी की पूरी कार्यकारिणी समिति ने पूरे होशोहवास में होने के बावजूद यह गलत- बयानी क्यों की।
सूत्र बताते हैं कि यह सारा कुछ जानबूझ कर ही किया गया है। वजह यह कि डॉक्टर ओपी चौधरी की सारी सम्पत्तियों को हड़पने की कोशिशें अनुराग सिंह और उनकी पत्नी स्नेहलता सिंह ने की हैं। इन सारे मामलों में अब मुकदमे चल रहे हैं। आरोप तो यहां तक हैं कि ओपी चौधरी की मृत्यु के बाद उनकी दोनों बेटियों की सारी जायदाद पर अनुराग और स्नेहलता अवैध तरीके से काबिज हैं। इन नाजायज कब्जों को लेकर दर्जनों मुकदमे अदालतों में चल रहे हैं, जिनमें से कुछ पर अनुरोग और स्नेहलता पर अदालत ने कड़ा नजरिया अपनाया है।
इन्हीं मसलों पर पड़ी गर्द को झाड़ने के लिए प्रमुख न्यूज पोर्टल www.meribitiya.com ने जब संस्थान के फोन पर कॉल किया, लेकिन कई बार की कोशिशों के बावजूद कोई भी जवाब नहीं मिला। बाद में इस संस्थान के अध्यक्ष और स्नेहलता सिंह के पति अनुराग सिंह ने www.meribitiya.com के संवाददाता को फोन पर बताया कि उन्हें इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं हैं। इतना ही नहीं, www.meribitiya.com के संवाददाता के सवालों पर अनुराग सिंह ने अनभिज्ञता व्यक्त की कि स्नेहलता सिंह उनकी कार्यकारिणी में कोषाध्यक्ष भी हैं। उनका कहना था कि स्नेहलता सिंह इस संस्थान कार्यकारिणी में सदस्य की हैसियत से सम्बद्ध हैं।