देश भर के पुलिस अफसरों का परिसंघ भी दुर्गा के पक्ष में खड़ा
नई दिल्ली : भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का मसला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में आया। न्यायालय दुर्गा शक्ति के खिलाफ सारी कार्यवाही निरसत करने के लिए दायर याचिका पर सोमवार यानी 12 अगस्त को विचार करेगा। इस बीच, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का संगठन भी आईएएस अधिकारी के पक्ष में आ खड़ा हुआ है।
न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका 12 अगस्त को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। इससे पहले, शर्मा ने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि सार्वजनिक भूमि पर अनधिकृत रूप से धार्मिक इमारतों का निर्माण रोकने के शीर्ष अदालत के आदेश की वजह से ही दुर्गा शक्ति नागपाल को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब शीर्ष कोर्ट को ही उसे संरक्षण प्रदान करना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2010 बैच की अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के खिलाफ की गई कार्रवाई को मनमाना, विद्वेषपूर्ण और असंवैधानिक बताया है। याचिका में उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। गौतमबुद्ध नगर की 28 वर्षीय इस एसडीएम को कथित रूप से एक मस्जिद की निर्माणाधीन दीवार गिराने का आदेश देने के आधार पर निलंबित किया गया था।
विपक्षी दलों और दूसरे संगठनों तथा व्यक्तियों का आरोप है कि राज्य में ताकतवर रेत माफिया के खिलाफ अभियान चलाने के कारण ही इस अधिकारी को निशाना बनाया गया है।
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