किशोर अपराधियों की उम्र नहीं, सजा कड़ी होगी

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लगातार बढ़ती जा रही किशोर अपराधों की तादात का खतरा बढ़ा

: केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ ने खारिज की किशोर-आयु घटाने की सिफारिश : महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों से सम्मेतल स्तब्ध : भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के संयुक्त संगठन का सम्मेलन शुरू : बार-बार अपराध बढ़ने की प्रवृत्ति पर कड़े प्राविधान हों :

नई दिल्ली : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने किशोरों की उम्र 18 से घटाकर 16 करने की संसदीय समिति की सिफारिश को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि अपराध की गंभीरता के आधार पर कड़ी सजा का प्रावधान करने के लिए किशोर न्याय कानून जुवेनाइल ऐक्ट में संशोधन किया जा सकता है।

तीरथ ने भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को मिलाकर बने संगठन इब्सा के महिला मंच के तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि किशोरों की उम्र घटाकर 16 करने की सिफारिश करने वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट फिलहाल उन्हें नहीं मिली है। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि किशोरों की उम्र कम करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। लेकिन यदि कोई किशोर बार-बार गंभीर अपराध करता है तो उसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान करने के लिए जुवेनाइल कानून में संशोधन अवश्य किया जा सकता है।

महिला सशक्तीकरण पर संसद की एक समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि साल 2011 में करीब 23 हजार दंडनीय अपराधों को किशोरों ने अंजाम दिया और साल 2012 में यह आंकड़ा बढ़कर 25 हजार से भी अधिक हो गया। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि अपराधियों को सिर्फ 16 साल की आयु तक ही किशोर माना जाए। ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए विभिन्न कानूनों के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके।

दिल्ली में पिछले साल 16 दिसंबर को पैरा मेडिकल की एक छात्रा के साथ चलती बस में एक किशोर समेत गैंगरेप की घटना के बाद पूरा देश आंदोलित हो उठा था और किशोरों की उम्र कम करने की मांग जोर पकड़ने लगी थी। तीरथ ने भी अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा ने देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ छह मुद्दों पर विचार-विर्मश करके महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने और उनकी स्थिति में व्यापक बदलाव लाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने में मदद मिलेगी। इस मौके पर ब्राजील की प्रतिनिधि मारियो डो कार्मो गोदिन्हो डेलगाडो और दक्षिण अफ्रीका के महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता विभाग की उप महानिदेशक मोदजादजी सिएबी भी मौजूद थीं।

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