इटावा की एक पंचायतों ने सम्भाला अदालतों का मोर्चा
: मुख्यमंत्री अखिलेश के गढ़ में तालिबानी फरमान : नहीं हो पायी है डाक्टरी जांच में बलात्कार की पुष्टि : पुलिस का दावा है कि पंचायत से ही दबोच लेंगे आरोपी को :
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यलमंत्री अखिलेश यादव के गृह जिले इटावा में सरकार या सुप्रीम कोर्ट ठेंगे पर है। वहां अब कानून का नहीं, बल्कि तालिबानी पंचायतों का हुकुम चलता है। ताजा फैसला यह है कि ऐसे ही एक तालिबानी फरमान के तहत पंचायतों ने ऐलान किया है कि किशोरी को अगवा करने और उसके साथ बलात्कार करने वाले को पकड़कर पुलिस या अदालतों के हवाले करने के बजाय सीधे उन्हे जिंदा फूंक डाला जाए।
मालूम हो कि बीते चार मई को गांव के ही एक नाबालिग लड़की को चार लोगों ने अगवा किया और फिर उसको एक कमरे में ले गये और वहां कई बार उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद छानबीन शुरु हुई और 10 मई को पुलिस ने लड़की को इटावा में एक घर से बरामद कर लिया। पुलिस ने मौके से एक आरोपी शिवकुमार को गिरफ्तार कर लिया जबकि अन्ये आरोपी सुखबीर और उसके दो दोस्ते फरार हो गये थे।
बाद में लड़की ने पूरा मामला खुद पुलिस को बताया और कहा कि सुखबीर, शिवकुमार और दो अन्य लोग उठाकर कार से इटावा ले गए। यहां इन चारों ने उसके साथ कई बार दुराचार किया। मामला पुलिस के बाद सीधे पंचायत में पुहंचा। पंचायत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फौरन फरमान सुना दिया कि चारों बलात्का रियों को पकड़ कर जिंदा जला दिया जाये। इस फरमान के बाद से तीनों आरोपी गांव छोड़कर फरार हो गये हैं।
वहीं पुलिस ने कहा कि उन्हें पंचायत के फरमान की जानकारी नहीं है लेकिन इतना जरूर है कि वह फरार आरोपियों को पंचायत से पहले पकड़ लेंगे। पुलिस का कहना है कि हम नहीं चाहते कि पंचायत कानून अपने हाथ में ले। उधर पीड़ित ने सोमवार को अदालत में अपना बयान दर्ज कराया।
वहीं मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टमरों ने अभी तक दुराचार की पुष्टि नहीं की है, उन्होंदने मामले की फोरेंसिक जांच की सिफारिश की है।